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Showing posts with the label हिंदी-11

फीचर लेखन

‘फ़ीचर’ (Feature) अंग्रेजी भाषा का शब्द है। इसकी उत्पत्ति लैटिन भाषा के फैक्ट्रा (Fectura) शब्द से हुई है। विभिन्न शब्दकोशों के अनुसार इसके लिए अनेक अर्थ हैं, मुख्य रूप से इसके लिए स्वरूप, आकृति, रूपरेखा, लक्षण, व्यक्तित्व आदि अर्थ प्रचलन में हैं। ये अर्थ प्रसंग और संदर्भ के अनुसार ही प्रयोग में आते हैं। अंग्रेज़ी के फ़ीचर शब्द के आधार पर ही हिंदी में भी ‘फ़ीचर’ शब्द को ही स्वीकार लिया गया है। हिंदी के कुछ विद्वान इसके लिए ‘रूपक’ शब्द का प्रयोग भी करते हैं लेकिन पत्रकारिता के क्षेत्र में वर्तमान में ‘फ़ीचर’ शब्द ही प्रचलन में है। फीचर का स्वरूप समकालीन घटना या किसी भी क्षेत्र विशेष की विशिष्ट जानकारी के सचित्र तथा मोहक विवरण को फीचर कहा जाता है। इसमें मनोरंजक ढंग से तथ्यों को प्रस्तुत किया जाता है। इसके संवादों में गहराई होती है। यह सुव्यवस्थित, सृजनात्मक व आत्मनिष्ठ लेखन है, जिसका उद्देश्य पाठकों को सूचना देने, शिक्षित करने के साथ मुख्य रूप से उनका मनोरंजन करना होता है। फीचर में विस्तार की अपेक्षा होती है। इसकी अपनी एक अलग शैली होती है। एक विषय पर लिखा गया फीचर प्रस्तुति विविधता के का...

सी बी एस ई कक्षा 11 हिंदी CBSE Class XI solution

 सी बी एस ई कक्षा 11 हिंदी CBSE Class XI solution  माह विस्तृत पाठ्यक्रम अप्रैल-जून 1.नमक का दरोगा- प्रेमचंद    2.1-हम तो एक-एक करि जाना 2.2.संतो देखत जग बौराना – कबीर 3.अपठित बोध 4.कार्यालयी पत्र की पद्धति और नमूने जुलाई 1.मियाँ नसीरूद्दीन-कृष्णा सोबती 2.(क)मेरे तो गिरधर गोपाल , दूसरो न कोई   (ख) पग घुंघरू बांधि मीरा नाची – मीरा बाई 3. भारतीय गायिकाओं में  बेजोड़ लता मंगेशकर – कुमार गन्धर्व 4.जनसंचार माध्यम और पत्रकारिता के विविध आयाम 5.समाचार लेखन अगस्त 1.अपू के साथ ढाई साल- सत्यजित राय 2.पथिक-रामनरेश त्रिपाठी 3.राजस्थान की रजत बूँदें- अनुपम मिश्र 4.रोजगार सम्बन्धी पत्र 5.अपठित बोध-   अपठित गद्यांश / अपठित पद्यांश   6.निबंध- समसामयिक सितम्बर 1.विदाई संभाषण- बालमुकंद गुप्त 2.गलत लोहा-शेखर जोशी 3.वे आँखे- सुमित्रानंदन पंत 4.स्ववृत्त लेखन की विधि और नमूने 5. रिपोर्ट ,       आलेख 6.निबंध-सम्माजिक विषयों पर अक्टूबर ...

आलो आंधारि

आलो आंधारि महत्त्वपूर्ण लघूत्त्रात्मक प्रश्नः- प्र.1ः परित्यक्ता स्त्रियों को समाज में किन कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है ? उ.- परित्यक्ता स्त्रियों को बेघर होने पर किराए के मकानों में रहकर जीवनयापन करना पड़ता है। गंदी बस्तियों में स्थित उन मकानों में न तो शौचालय होता है और न ही आस-पास स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण। उसे समाज के तरह-तरह के प्रश्नों का सामना करना पड़ता है, ताने सुनने पड़ते है, लोगों की कामुख/गंदी निगाहों का झेलना पड़ता है। उसकी दिनचर्या पर लोगों की कड़ी निगाह रहती है। उसकी सहायता के लिए उसके सगे-संबंधी भी आगे नहीं आते। प्र.2ः बेबी को अपने पति का घर क्यों छोड़ना पड़ा ? उ.- उसका विवाह 13 वर्ष की उम्र में अपने से दोगुनी उम्र वाले आदमी के साथ कर दिया गया था। शादी के बारह तेरह बर्ष तक तो उसने पति के अत्याचार सहन किए, किंतु अत्याचार जब सीमा से अधिक हो गए तो उसने अपने तीन बच्चों के साथ पति का घर छोड़ दिया। प्र.3ः बेबी को तातुश के घर काम कैसे मिला ? उ.- एक कोठी में ड्राइवर का काम करने वाले एक परिचित सुनील को जब यह पता चला कि बेबी को डेढ़ सप्ताह बाद भी कोई काम नहीं मिला ...

राजस्थान की रजत बूँदें

 राजस्थान की रजत बूँदें महत्त्वपूर्ण लघूत्त्रात्मक प्रश्नः- प्र.1ः राजस्थान में पानी के कौन-कौन से रूप माने जाते हैं ? उ.- राजस्थान में पानी के तीन रूप माने जाते हैं- 1. पालर पानी - वर्षा का वह जल जो बहकर नदी तालाब आदि में एकत्रित हो जाता है। 2. पाताल पानी - जो वर्षा जल जमीन में नीचे धँसकर ‘भूजल’ बन जाता है। वह कुओं/ट्यूबबेल आदि द्वारा हमें प्राप्त होता है। 3. रेजाणी पानी - वह वर्षा जल जो रेत के नीचे जाता तो है, परन्तु खड़िया मिट्टी के परत के कारण भूजल से नहीं मिल पाता व नमी के रूप में रेत में समा जाता है, जो कुंई द्वारा प्राप्त किया जाता है । प्र.2ः रेगिस्तान की भीषण गर्मी में भी रेत में समाया रेजाणी पानी भाप बनकर क्यों नहीं उड़ पाता ? उ. - मिट्टी के कणों के विपरीत रेत के कण बारीक होते हैं। वे एक दसू रे से चिपकते नहीं अतः मिट्टी की तरह रेत में दरारें नहीं पड़तीं । इस कारण नमी भाप बनकर उड़ नहीं पाती व कुंइयों के माध्यम से शुद्ध मीठे जल के रूप में प्राप्त होती है। प्र.3ः कुंई का मुँह छोटा क्यों रखा जाता है ? उ. - कुंई का मुँह छोटा रखने के पीछे तीन प्रमुख कारण हैं - 1. दिन...

भारतीय गायिकाओं मे बेजोड़ - लता मंगेशकर

पाठ-1 भारतीय गायिकाओं मे बेजोड़ - लता मंगेशकर महत्त्वपूर्ण लघूत्त्रात्मक प्रश्नः- प्र.1ः लेखक को लताजी की आवाज़ के जादू का परिचय कब व कैसे हुआ ? उ.- वर्षों पूर्व, जब लेखक ने अपनी बीमारी के दौरान रेडियो खोला तो लताजी द्वारा गया हुआ गाना सुना व गाने के अंत में गायिका का नाम घोषित हुआ-लता मंगेशकर। यही उनका प्रथम परोक्ष परिचय था। प्र.2ः लताजी के गायन की किन विशेषताओं की ओर लेखक ने ध्यान आकर्षित किया है ? उ.- लताजी के गायन की निम्नांकित विशेषताओं की ओर लेखक ने पाठकों का ध्यान आकर्षित किया है- 1. गानपन व सुरीलापन - वह मिठास जो श्रोता को मस्त कर देती है। 2. स्वरों की निर्मलता, कोमलता व मुग्धता 3. नादमय उच्चार - गीत के किन्हीं दो शब्दों का अंतर स्वरों के आलाप द्वारा सुंदर रीति से भर देना, जिससे वे दोनों शब्द विलीन होते-होते एक दूसरे में मिल जाते हैं। 4. उच्चारण की शुद्धता। 5. भावानुकूल आरोह अवरोह। प्र.3ः लता की गायकी का समाज पर क्या प्रभाव पड़ा है ? उ.- लता की गायकी ने लोगों में संगीत के प्रति रुझान विकसित किया है। आम आदमी भी अब संगीत की सूक्ष्मता को समझने लगा है। आज के बच्चों के...

आओ, मिलकर बचाएँ 11

आओ, मिलकर बचाएँ निर्मला पुतुल और इस अविश्वास-भरे दौर में थोड़ा-सा विश्वास थोड़ी-सी उम्मीद थोड़े-से सपने आओ, मिलकर बचाएँ कि इस दौर में भी बचाने को बहुत कुछ बचा है, अब भी हमारे पास ! प्रश्न 1. कवयित्री किसे और कैसे बचाने की बात कहती है? उत्तरः- कवयित्री सामाजिक-सांस्कृतिक और प्राकृतिक परिवेश को व्यक्ति के प्रयासों के द्वारा बचाना चाहती हैं। प्रश्न 2. कवयित्री थोड़ी सी आशा देकर किसे जीवित करने की बात कर रही हैं? उत्तरः- कवयित्री धूमिल पड़ती आदिवासी समाज की आशा की किरण को फिर से थोड़ी सी आशा देकर जीवित करने की बात कर रही हैं। प्रश्न 3. प्रकृति के विनाश के कारण कौन विस्थापन के कगार पर पहुँच चुका है? उत्तरः- प्रकृति के विनाश के कारण आदिवासी जातियाँ विस्थापन के कगार तक पहुँच चुकी हैं। प्रश्न 4. आज के युग के बारे में कवयित्री कौन से विचार रखती हैं? उत्तरः- कवयित्री का मानना है कि आज का युग ऐसा बन गया है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति दूसरे पर अविश्वास करने लगा है। हर कोई संदेह के घेरे में दिखने लगा है। प्रश्न 5. भाषा में ‘झारखंडीपन’ से क्या अभिप्राय है? उत्तरः- संथाली आदिवासियों की...

सबसे खतरनाक 11

सबसे खतरनाक पाश सबसे खतरनाक वह चाँद होता है जो हर हत्याकांड के बाद वीरान हुए आँगनों में चढ़ता है पर आपकी आँखों को मिर्चों की तरह नहीं गड़ता है सबसे खतरनाक वह गीत होता है आपके कानों तक पहुँचने के लिए जो मरसिए पढ़ता है आतंकित लोगों के दरवाजों पर जो गुंडे की तरह अकड़ता है प्रश्न 1. कवि ने किस जीवन को सबसे खतरनाक माना है? उत्तरः- कवि ने समाज में फैले अन्याय और आतंक का विरोध न करने वाले जीवन को सबसे खतरनाक माना है। प्रश्न 2. घर आंगन किन हत्याकांडों के कारण सुनसान हो जाते हैं? उत्तरः- चारों ओर फैले आतंक के वातावरण में जब हत्याकांड की घटनाएँ होती हैं तब घर आंगन सुनसान हो जाते हैं। प्रश्न 3. ‘‘पर आपकी आँखों को मिर्चों की तरह नहीं गड़ता’’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। उत्तरः- वर्तमान समय में जब आतंकी गतिविधियों के कारण लाखों लोग हत्याकांडों की बलि चढ़ जाते हैं तो अन्य लोग उनके गम में सामिल होने की बजाय अपनी खुशियों में मग्न रहते हैं। प्रश्न 4. कवि की दृष्टि में सबसे खतरनाक स्थितियाँ कौन सी हैं? उत्तरः- कवि की दृष्टि में लोगों का सपनों को मार देना, लय से भटक जाना तथा सब कुछ चुपचाप...

वचन अक्क महादेवी 11

वचन अक्क महादेवी हे भूख! मत मचल प्यास, तड़प मत हे नींद ! मत सता क्रोध, मचा मत उथल-पुथल हे मोह ! पाश अपने ढील लोभ, मत ललचा हे मद! मत कर मदहोश ईर्ष्या, जला मत ओ चराचर! मत चूक अवसर आई हूँ संदेश लेकर चन्न मल्लिकार्जुन का प्रश्न 1. अक्क महादेवी ने कौन सा संदेश दिया है? उत्तरः- अक्क महादेवी ने इंद्रियों पर नियंत्रण रखने का संदेश दिया है। प्रश्न 2. लक्ष्य प्राप्ति में इंद्रियाँ किस प्रकार बाधक होती हैं? उत्तरः- इंद्रियाँ सांसारिक विषय विकारों से किसी ने किसी रूप में जुड़ी हुई होती है, जिसके कारण ईश्वर भक्ति में बाधा उत्पन्न होती है। प्रश्न 3. ‘‘ओ चराचर! मत चूक अवसर’’ पंक्ति में निहित कवि के भाव को स्पष्ट कीजिए। उत्तरः- भारतीय दर्शन के अनुसार मानव-जन्म बड़ी कठिनाई से प्राप्त होता है। भक्ति द्वारा जन्म-मरण के चक्र से छुटकारा प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए इस अवसर का लाभ उठाने के लिए कहतीं हैं। प्रश्न 4. ईर्ष्या से ग्रस्त मानव क्या-क्या करता है? उत्तरः- ईर्ष्या से ग्रस्त मानव दूसरों की प्रगति देखकर जलता है, बल्कि वह तो स्वयं अपने आप को भी जलाता है। प्रश्न 5. कवयित्री ईश्वर...

साये में धूप(गज़ल) 11

साये में धूप(गज़ल) दुष्यंत कुमार कहाँ तो तय था चिरागाँ हरेक घर के लिए, कहाँ चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए। यहाँ दरख्तों के साये में धूप लगती है, चलो यहाँ से चलें और उम्र भर के लिए। प्रश्न 1. आज़ादी प्राप्त कर लेने के बाद क्या तय हुआ था? उत्तरः- आज़ादी प्राप्त कर लेने के बाद यह तय हुआ था कि प्रत्येक घर को रोशनी देने के लिए सुख-सुविधा रूपी चिराग निश्चित रूप से प्रदान किए जाएँगे। प्रश्न 2. कवि आज की कौन-सी स्थिति बताना चाहता है? उत्तरः- कवि कहना चाहता है कि आज तो स्थिति यह बन गई है कि घर तो क्या, पूरे शहर को रोशनी देने के लिए एक भी दीपक नहीं है। प्रश्न 3. कवि के अनुसार वृक्षों को किस लिए लगाया जाता है? उत्तरः- कवि के अनुसार वृक्षों को इसलिए लगाया जाता है ताकि हमें धूप न लग सके, किन्तु दुर्भाग्यवश आज़ादी प्राप्ति के पश्चात भी सुख-सुकून प्राप्त नहीं हो पा रहा है। प्रश्न 4. कवि ने किस पर कटाक्ष किया है और क्यों? उत्तरः- कवि ने शासन व्यवस्था से जुड़े हुए लोगों पर कटाक्ष किया है, क्योंकि देशवासियों की सुख-सुविधा का दायित्व शासक वर्ग का होता है। प्रश्न 5. ‘‘दरख्तों के साये में...

घर की याद 11

घर की याद भवानी प्रसाद मिश्र हे सजीले हरे सावन, हे कि मेरे पुण्य पावन, तुम बरस लो वे न बरसें, पाँचवें को वे न तरसें, मैं मजे में हूँ सही है, घर नहीं हूँ बस यही है, किन्तु यह बस बड़ा बस है, इसी बस से सब विरस है, प्रश्न 1. कवि किसे और क्यों अपना संदेशवाहक बना रहा है? उत्तरः- कवि सावन को अपना संदेशवाहक बना रहा है क्योंकि वह अपने घर और परिवार जनों से दूर जेल में है ताकि वह उन्हें संदेश और सांत्वना दे सके। प्रश्न 2. कवि सावन को संदेशवाहक बनाकर किसके पास क्या संदेश देने के लिए भेज रहा है? उत्तरः- कवि सावन को संदेशवाहक बनाकर अपना संदेश पिताजी के पास भेज रहा है कि वह जेल में आनंद पूर्वक है। उसे यहाँ कोई दुख नहीं है। प्रश्न 3. जेल में कवि को वास्तव में क्या दुख है? उत्तरः-जेल में कवि को वास्तव में यही दुख है कि वह अपने परिवार जनों से दूर जेल में है ; उसे घर और परिवार जनों का अभाव ही सबसे बड़ा अभाव है। प्रश्न 4. कवि ने सावन को किस प्रकार संबोधित किया है? उत्तरः- कवि ने सावन के महीने को पुण्यात्मा और दूसरे का उपकार करने वाले के रूप में संबोधित किया है। प्रश्न - निम्नलिखित प...

वे आँखें 11

वे आँखें सुमित्रानंदन पंत लहराते वे खेत दृगों में हुआ बेदखल वह अब जिनसे, हँसती थी उसके जीवन की हरियाली जिनके तृन-तृन से! आँखों ही में घूमा करता वह उसकी आँखों का तारा, कारकुनों की लाठी से जो गया जवानी ही में मारा! प्रश्न 1. किसानों को किससे बेदखल कर दिया गया? उत्तरः- किसानों को उनके अपने खेतों से जमींदारों ने बेदखल कर दिया। प्रश्न 2. किसान किसे देखकर फूला न समाता था? उत्तरः- किसान अपनी हरी-भरी लहलहाती खेती को देखकर फूला न समाता था। प्रश्न 3. जमींदार के कारिंदों ने भरी जवानी में किसे पीट-पीटकर मार डाला था? उत्तरः- जमींदार के कारिंदों ने भरी जवानी में किसान के बेटे को पीट-पीटकर मार डाला था। प्रश्न 4. कविता में किसान किसके शोषण की मार झेल रहे हैं? उत्तरः- कविता में किसान जमींदारों के शोषण की मार झेल रहे हैं। प्रश्न 5. ‘वे आँखें’ कविता में कवि के प्रतिपाद्य को स्पष्ट कीजिए। उत्तरः- इस कविता में कवि ने युग-युग से शोषित किसान की स्वाधीनता के बाद के जीवन की दुर्दशा का मार्मिक चित्रण किया है। विकास की तमाम घोषणाओं के बावजूद उसके व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन में कोई परिवर...

पथिक 11

पथिक कवि- रामनरेश त्रिपाठी निकल रहा है जलनिधि-तल पर दिनकर-बिंब अधूरा। कमला के कंचन-मंदिर का मानो कांत कँगूरा। लाने को निज पुण्य-भूमि पर लक्ष्मी की असवारी। रत्नाकर ने निर्मित कर दी स्वर्ण-सड़क अति प्यारी।। निर्भय, दृढ़, गंभीर भाव से गरज रहा सागर है। लहरों पर लहरों का आना सुंदर, अति सुंदर है। कहो यहाँ से बढ़कर सुख क्या पा सकता है प्राणी? अनुभव करो हृदय से, हे अनुराग-भरी कल्याणी।। प्रश्न 1. सागर के तट पर खड़ा कवि क्या देखता है? उत्तरः- सागर के किनारे खड़ा कवि सूर्य का उदित होना देखता है। प्रश्न 2. सूर्य के उदित रूप को देखकर कवि क्या कहता है? उत्तरः- सूर्य के उदित रूप को देखकर कवि कहता है कि जब समुद्र के जल की सतह से सूर्य का अधूरा-सा प्रतिबिंब उभरता है तो ऐसा जान पड़ता है मानों लक्ष्मी के स्वर्ण मंदिर का कँगूरा हो। प्रश्न 3. लक्ष्मी के स्वागत के लिए सागर ने क्या किया है? उत्तरः- लक्ष्मी के स्वागत के लिए समुद्र ने सोने जैसी सड़क बिछा दी है। प्रश्न 4. कवि प्रकृति के नूतन रूप को दिखाकर क्या प्रगट करना चाहता है? उत्तरः- कवि प्रकृति के प्रतिक्षण बदलते नूतन रूप को दिखाकर बताना चा...

मीरा 11

मीरा मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई जा के सिर मोर-मुकुट, मेरो पति सोई छांड़ि दयी कुल की कानि, कहा करिहै कोई? संतन ढिग बैठि-बैठि, लोक-लाज खोयी अंसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेम-बेलि बोयी अब त बेलि फैलि गयी, आणंद-फल होयी दूध की मथनियाँ बड़े प्रेम से विलोयी दधि मथि घृत काढ़ि लियो, डारि दयी छोयी भगत देखि राजी हुयी, जगत देखि रोयी दासि मीरां लाल गिरधर! तारो अब मोही प्रश्न 1. मीरा अपना सर्वस्व किसे मानती हैं? और वह स्वरूप कैसा है। उत्तरः- मीरा श्रीकृष्ण को अपना सर्वस्व मानती हैं, जिनके सिर पर मोर-मुकुट सुशोभित है। प्रश्न 2. मीरा ने समाज को क्या चुनौती दी है? उत्तरः- मीरा ने समाज को चुनौती दी है कि उसने तो साधु-संन्यासियों के साथ बैठ-बैठकर सामाजिक और पारिवारिक मान-मर्यादा का परित्याग कर दिया है। प्रश्न 3. मीरा किसे देखकर प्रसन्न हो उठती हैं तथा किसे देखकर रो पड़ती हैं? उत्तरः- मीरा प्रभु-भक्त को देखकर प्रसन्न हो उठती हैं तथा संसार को देखकर रो पड़ती हैं। प्रश्न 4. मीरा कृष्ण से क्या प्रार्थना करती हैं और क्यों? उत्तरः- मीरा कृष्ण से अपना उद्धार करने की प्रार्थना करती हैं ताकि उ...

कबीरदास 11

कबीरदास हम तौ एक एक करि जांनां। दोइ कहैं तिनहीं कौं दोजग जिन नाहिंन पहिचांनां ।। एकै पवन एक ही पानीं एकै जोति समांनां। एकै खाक गढ़े सब भांडै़ एकै कोंहरा सांनां।। जैसे बाढ़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई। सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई।। माया देखि के जगत लुभांनां काहे रे नर गरबांनां। निरभै भया कछू नहिं ब्यापै कहै कबीर दिवांनां।। अर्थ ग्रहण सम्बन्धी प्रश्न  प्रश्न 1. कबीर परमात्मा के किस स्वरूप में आस्था रखते हैं? और वह स्वरूप किस प्रकार का है? उत्तरः- कबीर परमात्मा के अद्वैत स्वरूप में आस्था रखते थे और वह स्वरूप निर्गुण निराकार ईश्वर का है। प्रश्न 2. कबीर ने किन लोगों को नरक का अधिकारी माना है? उत्तरः- कबीर ने उन लोगों को नरक का अधिकारी माना है जो लोग परमात्मा को एक नहीं, दो मानते हैं। प्रश्न 3. कबीर ने किस प्रकार सिद्ध किया है कि ईश्वर एक है? उत्तरः- कबीर ने कहा कि जिस प्रकार विश्व में एक ही वायु और जल है उसी प्रकार संपूर्ण संसार में एक ही परम ज्योति व्याप्त है। सभी मानव एक ही मिटटी से ब्रम्हा द्वारा निर्मित हैं। प्रश्न 4. कबीर के अनुसार प्रभु को जानन...

स्ववृत्त (बायोडेटा) लेखन तथा रोजगार संबंधी आवेदन पत्र 11

स्ववृत्त (बायोडेटा) लेखन तथा रोजगार संबंधी आवेदन पत्र प्र.1- स्ववृत्त क्या है ? उसमें क्या विशेषताएँ होनी चाहिए ? उ.- किसी व्यक्ति विशेष द्वारा अपने बारे में सूचनाओं का सिलसिलेवार संकलन ही स्ववृत्त कहलाता है। इसमें व्यक्ति अपने व्यक्तित्त्व, ज्ञान और अनुभव के सबल पक्ष को इस प्रकार प्रस्तुत करता है जो नियोक्ता के मन में उम्मीदवार के प्रति अच्छी व सकारात्मक छबि प्रस्तुत करता है। प्र.2- स्ववृत्त में किन-किन बातों का समावेश होना चाहिए। उ.- स्ववृत्त में अपनी पूरा परिचय, पता, सम्पर्क सूत्र(टेलीफोन, मोबाइल, ई-मेल आदि), शैक्षणिक व व्यावसायिक योग्यताओं के सिलसिलेबार विवरण के साथ-साथ अन्य संबंधित योग्यताओं, विशेष उपलब्धियों, कार्येत्तर गतिविधियों व अभिरुचियों का उल्लेख होना चाहिए। एक-दो ऐसे सम्मानित व्यक्तियों के विवरण, जो उम्मीदवार के व्यक्तित्व व उपलब्धियों से परिचित हों, का समावेश भी होना चाहिए।

शब्दकोश, संदर्भ ग्रंथों की उपयोग की विधि 11

शब्दकोश, संदर्भ ग्रंथों की उपयोग की विधि और परिचय शब्दकोश देखने की विधि - शब्दकोश में सम्मिलित शब्द वर्णमाला के वर्णों के क्रम में व्यवस्थित रहते हैं। अतः शब्दकोश देखने के पूर्व हमें वर्णमाला के ज्ञान के साथ-साथ शब्द का वर्ण-विच्छेद करना सीखना आवश्यक है। शब्दकोश में शब्दों को इस वर्ण-अनुक्रम में दिया जाता है- अं, अ, आं, आ, इं, इ, ईं, ई, उं,उ, ऊं, ऊ, ऋ, एं, ए, ऐं, ऐ, ओं, ओ, औं, औ। इसके पश्चात् क से ह तक के वर्ण क्रम के अनुसार। संयुक्ताक्षरों के विषय में यह बात विशेष ध्यान रखने योग्य है कि यदि मिले हुए वर्ण ऊपर-नीचे लिखे हैं तो ऊपर वाला वर्ण पहले स्थान पाएगा तथा नीचे वाला वर्ण बाद में स्थान पाएगा। एवं संयुक्ताक्षर की मात्रा नीचे वाले वर्ण की मानी जाएगी। जैसे- 1. शुद्धि = ( श्+उ) + (द्+ध्+इ) 2. प्रार्थना = (प्+र्+आ) +(र्+थ्+अ)+(न्+आ) वर्ण -विच्छेद में मात्रा वाला स्वर सदा ही उस व्यंजन के बाद आता है जिस पर मात्रा लगी हो (भले ही मात्रा पीछे से लगी हो। जैसे- सि = स्+इ सी = स्+ई आधे अक्षरों से पूर्व लिखी ‘इ’ की मात्रा उस अक्षर की न होकर अगले व्यंजन की होती है। जैसे -स्थिति =स् ...