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KVS Vice Principal Exam Academic 2015 (Hindi medium)

  Loading… Take a quiz from KVS principal Exam 2015 Academic part केंद्रीय विद्यालय संगठन प्राचार्य परीक्षा में पूंछे गए शिक्षण अभिरुचि की प्रश्नोत्तरी |

KVS Principal Exam 2015 Academic (Hindi medium)

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General Provident Fund MCQ

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होली बनाम हो ली

    होली आती है   चली जाती है  नहीं धो पाता है मन के मैल को    होली का रंग अब भाभी देवर   दोनों के रिश्ते ‌में हंसी- ठिठोली    की मिठास   कहां रह गई है !   अब होली में   निरहुआ भाभी की  चिकोटी के बिना  ही रह जाता है  भाभियां आज निरहुआ से डरी हुई हैं‌  रंग पुतवाए बिना ही पड़ी हुई हैं  बस औपचारिकता ही  शेष रह गई है  टूटे हुए संबंधों के वस्त्र फटे ही रह जाते हैं  होली का पड़ाव  भी पार कर जाते हैं   होलिका हर साल   जल जाती‌ है  कटुता बच‌ जाती है   दंभ भरकर विजय का     भाई- चारे   को मुंह बिराती है  एक यक्ष प्रश्न खड़ा है  मेरे सामने पूरी तरह  से निरुत्तर पड़ा है  आज नफ़रत के  उरग का‌ फन मिलकर   सबको कुचलना ‌होगा  उसकी सत्ता- समाप्ति के लिए किसी न किसी को  गरल पीना होगा  सौहार्द को गले लगाना होगा  और होली ‌में सद्भावों  का रसपान करना होगा नहीं तो होली आयेगी और चली जायेगी इसी तरह से हर बार की तरह   होली होली ही रह जायेगी  ! डॉ०  सम्पूर्णानंद मिश्र शिवपुर वाराणसी 7458994874

होली की शुभकामनाएं

  होली जैसा उत्सव पृथ्वी पर खोजने से ना मिलेगा रंग गुलाल है आनंद उत्सव है तल्लीनता का मदहोशी का मस्ती का नृत्य का नाच का बड़ा सतरंगी उत्सव है | हँसी के फव्वारों का उल्लास का एक महोत्सव है | दिवाली भी उदास है होली के सामने होली की बात ही और है ऐसा नृत्य करता उत्सव पृथ्वी पर कहीं भी नहीं है  धर्म उदासी नहीं है नृत्य उत्सव है और होली इसका प्रतीक है इस दिन “ना” पर “हाँ” की विजय हुयी |  इस दिन विध्वंस पर सृजन जीता इस दिन अतीत पर वर्तमान विजयी हुआ इस दिन शक्तिशाली दिखाई पड़नें वाले पर निर्बल सा दिखाई पड़ने वाला बालक जीत गया नये की नवीन की ताजगी की विजय अतीत पर बासे पर उधार पर और उत्सव रंग का है उत्सव मस्ती का है उत्सव गीतों का है| धर्म उत्सव है उदासी नहीं  जरा गौर से देखो कितनें फूलों में कितना रंग कितने इंद्रधनुषों में उसका फैलाव है कितनी हरियाली है कैसा चारो तरफ उसका गीत चल रहा है पहाडों में पत्थरों मे पक्षियो में पृथ्वी पर आकाश में सब तरफ उसका महोत्सव है| 🌹ओशो🌹