सबसे खतरनाक
पाश
सबसे खतरनाक वह चाँद होता हैजो हर हत्याकांड के बाद
वीरान हुए आँगनों में चढ़ता है
पर आपकी आँखों को मिर्चों की तरह नहीं गड़ता है
सबसे खतरनाक वह गीत होता है
आपके कानों तक पहुँचने के लिए
जो मरसिए पढ़ता है
आतंकित लोगों के दरवाजों पर
जो गुंडे की तरह अकड़ता है
प्रश्न 1. कवि ने किस जीवन को सबसे खतरनाक माना है?
उत्तरः- कवि ने समाज में फैले अन्याय और आतंक का विरोध न करने वाले जीवन को सबसे खतरनाक माना है।
प्रश्न 2. घर आंगन किन हत्याकांडों के कारण सुनसान हो जाते हैं?
उत्तरः- चारों ओर फैले आतंक के वातावरण में जब हत्याकांड की घटनाएँ होती हैं तब घर आंगन सुनसान हो जाते हैं।
प्रश्न 3. ‘‘पर आपकी आँखों को मिर्चों की तरह नहीं गड़ता’’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः- वर्तमान समय में जब आतंकी गतिविधियों के कारण लाखों लोग हत्याकांडों की बलि चढ़ जाते हैं तो अन्य लोग उनके गम में सामिल होने की बजाय अपनी खुशियों में मग्न रहते हैं।
प्रश्न 4. कवि की दृष्टि में सबसे खतरनाक स्थितियाँ कौन सी हैं?
उत्तरः- कवि की दृष्टि में लोगों का सपनों को मार देना, लय से भटक जाना तथा सब कुछ चुपचाप सहन करना ही खतरनाक स्थितियाँ हैं।
प्रश्न 5. मुट्ठियाँ भींचकर बस वक्त लिकालना, बुरा क्यों है?
उत्तरः- मुट्ठियाँ भींचकर रह जाना का अर्थ होता है- क्रोधवश कसमसाकर रह जाना। व्यक्ति को अन्याय, अत्याचार को देखकर क्रोध आता है। वह उसके विरुद्ध संघर्ष करना चाहता है किन्तु भय विवशता अथवा अकेला होने की वजह से कुछ नहीं कर पाता है। वह केवल कसमसाकर रह जाता है। समाज और व्यक्ति के लिए यह स्थिति बुरी है।
प्रश्न - निम्नलिखित पद्यांश का भाव सौन्दर्य एवं शिल्प सौन्दर्य लिखिए |
सबसे खतरनाक वह आँख होती है
जो सब कुछ देखती हुई भी जमी बर्फ होती है
जिसकी नजर दुनिया को मुहब्बत से चूमना भूल जाती है
जो चीजों से उठती अंधेपन की भाप पर ढुलक जाती है
जो रोजमर्रा के क्रम को पीती हुई
एक लक्ष्यहीन दुहराव के उलटफेर में खो जाती है
उत्तरः- भाव-सौंदर्य-
कविता में कवि ने उस स्थिति को खतरनाक कहा है जब आँखों द्वारा सब कुछ देखने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करता है।
शिल्प-सौंदर्य-
- काव्यांश में क्षणिकता है।
- कविता में नए सौंदर्य विधान द्वारा तीखे तेवर दृष्टिगत होते हैं।
- कवि जड़ स्थितियों में बदलाव चाहता है।
- जमी बर्फ, अंधेपन की भाप, रोजमर्रा के क्रम को पीना आदि लाक्षणिक प्रयोग हैं।
- छन्द मुक्त कविता में लय और तुक का अभाव है।