Skip to main content

Posts

Showing posts from January, 2019

Good morning

किसी की सिर्फ उपस्थिति, और कुछ नहीं... वह प्रसन्न करने के लिए पर्याप्त है कुछ भीतर खिलना शुरू होता है तो प्रेम में हैं.... किसी के साथ होने भर से हृदय में गहरे कुछ तुष्ट हो जाता है हृदय में कुछ संगीत शुरू होता है हृदय ताल से ताल मिला लेता है तो प्रेम में हैं... प्रेम जुनून नहीं प्रेम गहरी समझ है प्रेम स्वयं को पूरा करता है.. किसी अन्य की उपस्थिति स्वयं की उपस्थिति को बढ़ाती है प्रेम स्वयं होने की स्वतंत्रता देता है यह स्वामित्व नहीं है...  

Good morning

कोई नदी नहीं जो सागर से न मिले कारण है पानी अपने स्वभाव में रहता है बहता है, उस तरफ जहां उसका स्वभाव कहता है... देखता हूँ अपने आप को आदमी को बाधाएं खड़ी करने में मज़ा आता है बांध बनाता है... प्रेम स्वभाव है मनुष्य का मगर बीच में खड़ी होती "अपेक्षा" दूसरों से अपेक्षा... अगर ऐसा नहीं तो मेरा बेटा... अपने आप से अपेक्षा ऐसा होता आदर्श पिता ऐसा होता आदर्श...!?! अपने आप को बदल बदलकर भूल ही गया मेरा स्वभाव क्या? जो अपने आप को जैसा है वैसा न स्वीकार कर सके तो अपने आप से कैसे करे प्रेम और अपने से न हो सका प्रेम तो सभी प्रेम केवल भ्रांति... अपेक्षा सब नष्ट कर देती.. कभी फुरसत से बैठो किसी के नहीं!  अपने साथ । डुबकी अपने अंतरतम की ढूंढो अपना स्वभाव... शुभ प्रभात...!

Good morning

बच्चों को सिखाया जाता है हर तरह के कर्तव्य जिम्मेदारियों, त्याग.......,  और हम चाहते हो कि वे  हंसें, मुस्कुराएं, और आनंद मनाएं?  असंभव! हृदय को विकसित करने की कोई बात नहीं ?  और आनंद!? प्रेम स्वतंत्रता में पलता है,  मालकियत में नहीं।  मालकियत पूरी फिर भी उम्मीद पूरी बेटा बेटी उनसे प्रेम करेगा!? लेकिन यह स्वतंत्रता,  यह प्रेम तभी हो सकता है  जब ध्यान में, संगीत में, नृत्य में, कभी किसी प्रेम के क्षण में कभी कोई अंतरतम में डूब जाए। 

Prem प्रेम

परमात्मा से प्रेम का अर्थ है  इस समग्र अस्तित्व के साथ  मैं अपने को जोड़ता हूँ।  मैं इससे अलग-अलग नहीं जिऊँगा,  अपने को भिन्न नहीं मानूँगा।   मैं इसके साथ एक हूँ।  इसकी जो नियति है  वही मेरी नियति है।  मैं इस धारा के साथ बहूँगा,  तैरूँगा नहीं।  यह जहाँ ले जाए!  यह डुबा दे तो डूब जाऊँगा। शुभ प्रभात...!

Good morning Anubhuti अनुभूति

प्रत्येक उपकरण की सीमा है।  कान संगीत सुन सकते हैं,  रोशनी नहीं देख सकते।  आंखें रोशनी देख सकती हैं,  संगीत नहीं सुन सकतीं।  हाथ छू सकते हैं, स्पर्श कर सकते हैं,  गंध का अनुभव नहीं कर सकते।  प्रत्येक अनुभूति का अपना द्वार है।  और प्रत्येक अनुभूति केवल  अपने ही द्वार से उपलब्ध होती है। बुद्धि पदार्थ को जान सकती है,  परमात्मा को नहीं।  हृदय परमात्मा को जान सकता है,  पदार्थ को नहीं।  इसलिए जिन्होंने हृदय को थोड़ा खुलने का अवसर दिया,  हृदय की कली को फूल बनने दिया,  उन्होंने फिर तर्क की बकवास छोड़ दी।  फिर वे परमात्मा में जीने लगे।  वे परमात्मा के लिए प्रमाण नहीं देते फिर,  वे स्वयं परमात्मा के प्रमाण हो जाते हैं।  उनका उठना, उनका बैठना,  उनका बोलना, उनका न बोलना सब परमात्मा की अभिव्यक्ति हो जाती है। 

Good morning

आंख खोलकर एक प्रेम होता है, वह रूप से है। आंख बंद करके एक प्रेम होता है, व अरूप से है। कुछ पा लेने की इच्छा से एक प्रेम होता है वह लोभ है। अपने को समर्पित कर देने का एक प्रेम होता है, वही भक्ति है। पति-पत्नी लड़ते रहते हैं। उनके बीच एक कलह का वातावरण रहता है। कारण है क्योंकि ... दोनों एक-दूसरे को कितना शोषण कर लें, इसकी आकांक्षा है। कितना कम देना पड़े और ... कितना ज्यादा मिल जाए इसकी चेष्टा है। यह संबंध बाजार का है, व्यवसाय का है।

Good Morning

प्रेम बिलकुल अनूठी बात है,  उसका बुद्धि से कोई सम्बन्ध नहीं।  प्रेम का विचार से कोई संबंध नहीं।  जैसा ध्यान निर्विचार है,  वैसा ही प्रेम निर्विचार है।  जब किसी दूसरे व्यक्ति के संपर्क में ध्यान घटता है,  तो हम उसे प्रेम कहते हैं।  और जब बिना किसी दूसरे व्यक्ति के,  अकेले ही प्रेम घट जाता है,  तो उसे हम ध्यान कहते हैं।  जैसे एक ही दरवाजे पर बाहर से लिखा होता है एंट्रेन्स,  और भीतर से लिखा होता है एग्जिट।  अगर बाहर से उस दरवाजे पर पहुँचे,  तो लिखा है प्रेम।  अगर भीतर से उस दरवाजे को अनुभव किया  तो लिखा है ध्यान।  ध्यान अकेले में ही प्रेम से भर जाने का नाम है  और प्रेम दूसरों के साथ ध्यान में उतर जाने की कला है। शुभ प्रभात...!

Today's feel

  प्रेम करना और प्रेम चाहना ,   ‎ये बड़ी अलग बातें हैं ।   ‎हममें से अधिक लोग बच्चे ही रहकर मर जाते हैं ।   ‎क्योंकि हरेक आदमी प्रेम चाहता है ।   ‎प्रेम करना बड़ी अद्भुत बात है ।   ‎प्रेम चाहना बिल्कुल बच्चों जैसी बात है ।   ‎छोटे बच्चे प्रेम चाहते हैं ।   ‎मां उनको प्रेम देती है ।   ‎फिर वे बड़े होते हैं ।   ‎वे और लोगों से भी प्रेम चाहते ,   ‎परिवार उनको प्रेम देता है ।   ‎फिर वे और बड़े होते हैं ।   ‎अगर वे पति हुए ,   ‎तो अपनी पत्नियों से प्रेम चाहते हैं ।   ‎अगर वे पत्नियां हुई ,   ‎तो वे अपने पतियों से प्रेम चाहती हैं ।   ‎और जो भी प्रेम चाहता है ,   ‎वह दुख झेलता है ।   ‎क्योंकि प्रेम चाहा नहीं जा सकता ,   ‎प्रेम केवल किया जाता है । शुभ प्रभात...!

Today's thought

आदमी कहता है इतनी जमीन का मालिक हूँ! जमीन हंसती होगी नासमझी पर कहती होगी ! तुम जैसे कितने आए और चले गए जिसने चाहा मालिक बनना गुलाम बनना तय है उसका गुलामी दुख लाती है संताप लाती है... जब मालकियत का भाव  चला जाता तो बचती है मैत्री होता सब वही है चीजें सब वही पर मुक्त हो जाते हैं .... न मालकियत का सुख  न गुलामी का दुख बचता है सिर्फ आनंद .....

Today's thought

बच्चों से उनके पत्थर न छीनना जो बटोरे हैं उन्होंने  नदी से या फिर रास्ते से वो रंगीन पत्थर  हीरे मोती से कम नहीं... पत्थर छीनकर देखो कैसे रोता है वह बस इंतजार करो बच्चा बड़ा होगा और वह समझ जाएगा ये पत्थर ही तो हैं और छीनने नहीं पड़ेंगे वो खुद ही छोड़ देगा..... अरे! वैज्ञानिक कहते हैं हीरा और कोयला एक ही तो है पता नहीं आदमी कब बड़ा होगा.....!?

Clarification regarding TA DA on tour by KVS

Good night

भगवान बुद्ध कहते हैं एक चीज साधो और सब सध जाता है 'अनापानसति' अर्थात अपनी सांस पर ध्यान दो गहरी लंबी सांस लो... सरल सी विधि पर कमाल की जीवन को स्वास्थ्य, शांति, प्रेम, सद्भावना से भर देती है...... शुभ रात्रि...!

Today's thought

हर कर्म का फल अवश्य मिलता है पर फल की इच्छा  चिंता पैदा करती है और चिंता अवसाद (depression) कर्म व्यक्ति द्वारा किया जाता है और फल समष्टि के हाथ में और जिस पर अधिकार न हो उसकी बारे में सोचना मूर्खता है मज़े की बात है लोंगो को बात करते सुनता हूँ अपना ज्यादातर समय  उन बातों पर खर्च करते हैं जो वो कर नहीं सकते और फिर कहते हैं भाग्य में नहीं है ये भाग्य................ शुभ प्रभात..!

Good night

दुनिया के अधिकतर लोग व्यस्त नहीं है व्यस्तता की चिंता करते है चिंता थकान पैदा करती है सभी के पास 24 घंटे होते हैं कुछ चिंता में बिता देते हैं कुछ लोग काम करते हैं जो काम करते हैं  उन्हें लोग सफल कहते हैं जो काम करते हैं उनके पास नींद के लिए  भरपूर समय होता है और जो चिंता करते हैं उनके पास नींद ही नहीं होती शुभ रात्रि...!

Today's thought

संस्कृत का शब्द 'स्वास्थ्य' बड़ा प्यारा शब्द है "जो स्वयं में स्थित है" वही स्वस्थ्य है जो किसी से अपशब्द सुनकन परेशान हो जाता है, क्रोधित हो जाता है स्वस्थ्य नहीं है.... जो प्रतिक्रिया से भरा है स्वस्थ्य नहीं है.... स्वस्थ्य व्यक्ति प्रतिक्रिया नहीं करता स्वयं की मर्जी से, जागरूकता में, क्रिया करता है.... शुप्रभात...!

Good night

नींद का श्रम से सीधा संबंध है अत्यधिक श्रम हो या अतिअल्प श्रम हो दोनों में नींद नहीं आती नींद के लिए  सम्यक व्यायाम आवश्यक है अतः जिनके पास  शारीरिक श्रम नहीं है उन्हें सुबह और शाम शारीरिक खेल या व्यायाम अवश्य करना चाहिए शुभ रात्रि...!

Today's thought

विवेकानंद जी ने अमेरिका में  जब ध्यान के बारे में बताया कुछ प्रयोग करवाये एक डॉ साहिब ने कहा Mr. Vivekananda! Your meditation is very good tranquilizer. बिना दवा के नींद आ जाती है विवेकानंद जी मुस्कुराए हाँ दोनों में शरीर शिथिल होना चाहिए और मन शांत होना चाहिए पर नींद बेहोशी में ले जाती है और ध्यान परम जागरण है पर बेचारा डॉ जब तक ध्यान फलित न हो... कैसे जाने..?! शुभ प्रभात...!

Good night

नींद का विज्ञान है नींद आती ही तब है जब शरीर को मरम्मत की जरूरत होती है जैसे चलती गाड़ी की मरम्मत मुश्किल है वैसे ही विचारों से भरे व्यक्ति की पर जो दिन में विचार होते हैं वही रात को सपने .... पूरी रात में बहुत थोड़ा सा समय होता है जब व्यक्ति पूर्णतः सोता है सपना भी नहीं ... नींद उपहार है प्रकृति का... शुभ रात्रि

Scheme of Examination for the post of Principal in NVS 2019

Test duration - 3 Hours  Total questions - 180 Part-l Reasoning Ability - 25 Questions Part-ll General Awareness - 25 Questions Part-Ill Language test (General Englishand General Hindi)-  30 Questions, 15 each subject Part-IV Academics (Educational aspects) - 50 questions  1) Child Development & Pedagogy- Child Development - physical, intellectual, emotion & social; Problems of adolescence - role of home, school, hostel and society in dealing with them. Learning: i) Concepts ii) Factor affecting learning iii) Motivation and measures for creating effective learning situations. 2) Perspective in education i) Right to Education (RTE) 2009, POSCO, child rights ii) NCF 2005, Learning Outcome iii) School organization iv) Institutions of higher learning & research of India v) Formal & distance education systems vi) Good governance in school system 3) Teaching Methodology i) ICT in education ii) Curriculum iii) Academic Planning iv) Assessment

Today's thought

 Man is like a train, Which has two engines in opposite direction He wants independence , He wants freedom But... He is tied  with many pegs Peg of wealth, position, prestige ... Wealth is not a peg but fear of loosing  is peg. Position is not a peg Phobia of Loosing is a peg Prestige is not a peg Dread of disgrace is a peg Good morning

Today's thought

मनुष्य का हाल, उस रेलगाड़ी की तरह है जिसमें विपरीत दिशाओं में इंजन लगे हों ...... मनुष्य चाहता स्वतंत्रता है परम मुक्ति चाहता है... पर हजार हजार खूँटियों से बांधता जाता है धन की, पद की, प्रतिष्ठा की.... धन खूंटी नहीं है खो जाने का डर खूंटी है पद खूंटी नहीं है छूट जाने का डर खूंटी है प्रतिष्ठा खूंटी नहीं है अपमान का भय खूंटी है... शुभ प्रभात...!

Good night

कोई अपने घर का कचरा हमारे घर में फेंक दे तो...... पर हमेशा लोग अपने दिमाग का कचरा हमारे दिमाग में डालते रहते हैं.... दिमाग जितना कचरे से खाली होगा उतनी अच्छी नींद आएगी... शुभ रात्रि...!

Good night

सारे जतन कर लिए सुरक्षित होने के.... पर हो न सका  सुरक्षित कोई.. असुरक्षा ही यथार्थ है और यथार्थ का स्वीकार ही निश्चिंतता लाता है साहसी बनाता है... निश्चिंत व्यक्ति ही सो सकता है..... और जो सो सकता है वही जाग भी सकता है शुभ रात्रि...!

Today's thought

एक ही मिट्टी एक ही पानी एक पौधा पर पास ही उगा है दूजा...! अद्भुत , आश्चर्यजनक एक ही मिट्टी से कोई आम बना कोई बबूल बना अपनी प्रकृति के अनुसार खींच लेता रस को... एक ही परिस्थिति एक ही संसार कोई नर्क बनाता कोई देखता स्वर्ग है.... मनुष्य का "संकल्प" है उसका बीज वो चाहे तो .......... शुभ प्रभात...!

Good night

नींद में प्रवेश के समय जो भी आखिरी विचार होता है वही जागरण के समय  पहला विचार होता है सुबह का पहला विचार पूरे दिन के कार्यकलाप को  प्रभावित करता है सोने से पहले सजगता से  पूरी सजगता से शांत होना ..... शुभ रात्रि....!

Today's thought

पति पत्नी को सुख देना चाहता है पत्नी पति को सुख देना चाहती है पिता पुत्र को सुख देना चाहता है पुत्र पिता को सुखी देखना चाहता है सब सुख बांटने में लगे हैं पर मजे की बात है.... पति पत्नी से, पत्नी पति से पिता पुत्र से, पुत्र पिता से  अंततः दुख पाता है.... कभी सोचा है ? फूल खुशबू बांटता नहीं बस खिल जाता है और सुगंध फैल जाती है सूरज प्रकाश बांटता नहीं सूरज का होना ही प्रकाश है जो.... स्वयं प्रफुल्लता से, आनंद से, भर जाता है उसे बांटना नहीं पड़ता अपने आप शुवास फैल ही जाती है.... शुप्रभात...!

Good night

विद्यार्थी अक्सर सवाल करते हैं Sir! कितने घंटे सोना चाहिए? ये सवाल नहीं उनके मन की पीड़ा है उनको समझाया गया है विद्यार्थी की निद्रा, स्वान निद्रा ! पर उनका अनुभव तो, कुछ और ही कहता है..... उनको कैसे समझाऊं ? जब दो लोंगों की उंगलियों के निशान एक जैसे नहीं होते ! नींद का समय एक जैसा  कैसे हो सकता है? हर एक को अपने लिए  तय कर लेना चाहिए  थोड़े दिन प्रयोग करके  कि कितनी नींद उसे जरूरी है। बच्चा अठारह घंटे सोता है,  बीस घंटे सोता है।  मां के पेट में चौबीस घंटे सोता है।  उस वक्त उसके शरीर में  निर्माण हो रहा है।  इसलिए जागने की फुर्सत नहीं है।  फिर जैसे—जैसे शरीर की निर्माणकारी शक्तियां  कम होने लगती हैं  यानी शरीर में ज्यादा सेल्स टूटते हैं  और बनते कम हैं,  वैसे—वैसे नींद कम होती चली जाती है।  बुढापे में सेल्स टूटते ही हैं बनते नहीं हैं,  इसलिए नींद समाप्त हो जाती है।  तो नींद का कम हो जाना कोई अच्छा लक्षण नहीं है। शुभ रात्रि.....!

Today's thought

बच्चे हमें प्यारे लगते हैं। बहुत मजे की बात है!  कुरूप बच्चा खोजना बहुत मुश्किल है। सभी बच्चे सुंदर होते हैं लेकिन यही बच्चे बड़े होकर ... कुरूप हो जाते हैं सुंदर आदमी खोजना मुश्किल हो जाता है। बात क्या हो जाती है? यह बच्चे का सौंदर्य कहां से आता है? वह वैसा ही जी रहा है जैसा है। बड़े से बड़ी जो कुरूपता है, वह सुंदर होने की चेष्टा से पैदा होती है। शुभ प्रभात...!

Good night

प्रकाश में थोड़ा तनाव है, यही कारण है कि प्रकाश में नहीं सो सकते।  वह तनाव पैदा करता है।  अंधकार विश्राम है—समग्र विश्राम। अंधकार शाश्वत है प्रकाश आता जाता रहता है अंधकार को मित्र बना सके तो नींद इतनी गहरी हो जाएगी कि सपने  विदा हो जाएंगे.... शुभ रात्रि.....!

Today's thought

हमेशा प्रतिस्पर्धा में तनाव पैदा होता है... तुलना में तनाव पैदा होता है ... अतीत की बात सोचने में तनाव पैदा होता है... भविष्य की चिंता में तनाव पैदा होता है... और वर्तमान से चूकते हैं... जो कि एकमात्र यथार्थ है। प्रकृति कभी भी.. एक भी व्यक्ति को .. बिना किसी अनूठे उपहार के नहीं भेजती । सिर्फ थोड़ी सी खोज …। अपने भीतर की खोज... और जो ऊर्जा तनावों में उलझी हुई है वह सौंदर्य, बन जाएगी.....! जीवन में एक भी मौका ऐसा नहीं जिसमें तनाव की जरूरत है। यह सिर्फ बेहोशी और अधैर्य   के कारण होता है। शुभ प्रभात...! ...x...

Good night

हम क्या स्मरण करते हैं ,  वही हम बनते चले जाते हैं ।  इसलिए शुभ ,  जो भी श्रेष्ठ मालूम पड़े ,  उसे स्मरण करें ।  और जीवन में... इतना दरिद्र कोई भी नहीं है कि ... उसके जीवन में   शांति के ,  आनंद के ,  सौंदर्य के ,  प्रेम के क्षण न घटित हुए हों ।  और अगर उनके स्मरण में समर्थ हो गए ,   तो हो सकता है ,  आपके चारों तरफ दुख हो ,  लेकिन भीतर कोई प्रेम की ,  कोई सौंदर्य की ,  कोई शांति की अनुभूति हो ... शुभ रात्रि...! ...x...

Today's thought

बच्चा.... न देखा कभी,  "स्थिर" हमेशा दौड़ता, खेलता.... जीवन के करीब है वो या कहूँ जीवन ही है जीवन और श्रम एक ही चीज के दो नाम सुबह सुबह चल पड़ा सूरज पंछी चल पड़े चल पड़ा पूरा संसार जो रुका रह गया कहीं खो गया जीवन.... शुभ प्रभात.... . ...x...

Good night

जब हम बीमार होते हैं डॉ नींद लेने की सलाह देते हैं। क्योंकि नींद स्वास्थ्य लाती है। घृणा करो, सो न सकेंगे.. क्रोध करो सो न सकेंगे.. पर एक विचार मात्र  कि कोई हमें प्रेम करता है सब तनाव मिटा देता है गहरी विश्रान्ति लाता है प्रेमी ही गहरी निद्रा जानता है अस्तित्व के प्रति प्रेम से भरिए प्रार्थना से भरिए...! शुभ रात्रि....!

Today's thought

सुबह उठते ही, कल्पना करें, बहुत प्रसन्न हो। बिस्तर से प्रसन्न-चित्त उठें, आशा-पूर्ण-- जैसे कुछ बहुमूल्य होने जा रहा हो। आज कुछ अनूठा, इसे दिन-भर बार-बार ‎स्मरण रखने की कोशिश करें। ‎एक सप्ताह के भीतर अनुभव होने लगेगा बिना किसी कारण के प्रसन्न रहने लगे हो— बिना किसी कारण....... ....x....x......