कबीरदास
हम तौ एक एक करि जांनां।दोइ कहैं तिनहीं कौं दोजग जिन नाहिंन पहिचांनां ।।
एकै पवन एक ही पानीं एकै जोति समांनां।
एकै खाक गढ़े सब भांडै़ एकै कोंहरा सांनां।।
जैसे बाढ़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई।
सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई।।
माया देखि के जगत लुभांनां काहे रे नर गरबांनां।
निरभै भया कछू नहिं ब्यापै कहै कबीर दिवांनां।।
अर्थ ग्रहण सम्बन्धी प्रश्न
प्रश्न 1. कबीर परमात्मा के किस स्वरूप में आस्था रखते हैं? और वह स्वरूप किस प्रकार का है?उत्तरः- कबीर परमात्मा के अद्वैत स्वरूप में आस्था रखते थे और वह स्वरूप निर्गुण निराकार ईश्वर का है।
प्रश्न 2. कबीर ने किन लोगों को नरक का अधिकारी माना है?
उत्तरः- कबीर ने उन लोगों को नरक का अधिकारी माना है जो लोग परमात्मा को एक नहीं, दो मानते हैं।
प्रश्न 3. कबीर ने किस प्रकार सिद्ध किया है कि ईश्वर एक है?
उत्तरः- कबीर ने कहा कि जिस प्रकार विश्व में एक ही वायु और जल है उसी प्रकार संपूर्ण संसार में एक ही परम ज्योति व्याप्त है। सभी मानव एक ही मिटटी से ब्रम्हा द्वारा निर्मित हैं।
प्रश्न 4. कबीर के अनुसार प्रभु को जानने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तरः- कबीर के अनुसार प्रभु को जानने के लिए मिथ्या दंभ, माया-मोह अर्थात सुखों को त्यागना आवश्यक है।
काव्यांश पर आधारित सौंदर्यबोध संबंधी प्रश्नोत्तर
जैसे बाढ़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई।सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई।।
उत्तरः- भाव-सौंदर्य-
जिस प्रकार बढ़ई लकड़ी को काटता है परन्तु उसमें निहित अग्नि जो निराकार है,
को नहीं काट सकता; ठीक उसी प्रकार शरीर नश्वर है, परन्तु आत्मा अमर है।
शिल्प-सौंदर्य-
‘उदाहरण अलंकार’ द्वारा ईश्वर को निराकार और घट-घट वासी बताया गया है। (उदाहरण के द्वारा बात को स्पष्ट किया गया है )
काष्ट, अग्नि, अन्तरि आदि तत्सम शब्द हैं।
भाषा सधुक्कड़ी है।
पद तुकांत है।
विषय-वस्तु पर आधारित प्रश्न
प्रश्न 1. कबीर के अनुसार मानव शरीर का निर्माण किन पाँच तत्वों से हुआ है?उत्तरः- मानव शरीर का निर्माण अग्नि, आकाश, जल, वायु और पृथ्वी नामक पाँच तत्वों से हुआ है। मृत्यु के पश्चात् मानव शरीर मिट्टी में विलीन हो जाता है।
प्रश्न 2. ‘सहजै सहज समाना’ पंक्ति में निहित कबीर के उद्देश्य को स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः- कबीर के अनुसार ईश्वर सहज रूप में कण-कण में व्याप्त है, जिसको बिना किसी बाह्याडंबरों के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 3. कबीर ने किन-किन पाखंडों का उल्लेख किया है?
उत्तरः- कबीर ने मूर्ति पूजने, माला पहनने, छापा-तिलक धारण करने, कब्र-पूजन, साखी सबद गाने, धार्मिक ग्रंथों का पाठ करने, तीर्थ यात्रा करने आदि पाखंडों का उल्लेख किया है।