संस्कृत का शब्द
'स्वास्थ्य' बड़ा प्यारा शब्द है
"जो स्वयं में स्थित है"
वही स्वस्थ्य है
जो किसी से अपशब्द सुनकन
परेशान हो जाता है, क्रोधित हो जाता है
स्वस्थ्य नहीं है....
जो प्रतिक्रिया से भरा है
स्वस्थ्य नहीं है....
स्वस्थ्य व्यक्ति प्रतिक्रिया नहीं करता
स्वयं की मर्जी से, जागरूकता में,
क्रिया करता है....
शुप्रभात...!
'स्वास्थ्य' बड़ा प्यारा शब्द है
"जो स्वयं में स्थित है"
वही स्वस्थ्य है
जो किसी से अपशब्द सुनकन
परेशान हो जाता है, क्रोधित हो जाता है
स्वस्थ्य नहीं है....
जो प्रतिक्रिया से भरा है
स्वस्थ्य नहीं है....
स्वस्थ्य व्यक्ति प्रतिक्रिया नहीं करता
स्वयं की मर्जी से, जागरूकता में,
क्रिया करता है....
शुप्रभात...!
अति सुंदर कथन गुरुजी ।
ReplyDelete👌👌👌
ReplyDelete👌👌👌
ReplyDeleteबहुत सुंदर एवं अनुकरण योग्य विचार
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा ।
ReplyDeleteBahut achha vichar sir....
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर और ग्रहणीय विचार ।
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