हर कर्म का फल अवश्य मिलता है
पर फल की इच्छा
चिंता पैदा करती है
और चिंता अवसाद (depression)
कर्म व्यक्ति द्वारा किया जाता है
और फल समष्टि के हाथ में
और जिस पर अधिकार न हो
उसकी बारे में सोचना मूर्खता है
मज़े की बात है
लोंगो को बात करते सुनता हूँ
अपना ज्यादातर समय
उन बातों पर खर्च करते हैं
जो वो कर नहीं सकते
और फिर कहते हैं
भाग्य में नहीं है
ये भाग्य................
शुभ प्रभात..!
पर फल की इच्छा
चिंता पैदा करती है
और चिंता अवसाद (depression)
कर्म व्यक्ति द्वारा किया जाता है
और फल समष्टि के हाथ में
और जिस पर अधिकार न हो
उसकी बारे में सोचना मूर्खता है
मज़े की बात है
लोंगो को बात करते सुनता हूँ
अपना ज्यादातर समय
उन बातों पर खर्च करते हैं
जो वो कर नहीं सकते
और फिर कहते हैं
भाग्य में नहीं है
ये भाग्य................
शुभ प्रभात..!
सत्य वचन सर ।
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