सारे जतन कर लिए
सुरक्षित होने के....
पर हो न सका
सुरक्षित कोई..
असुरक्षा ही यथार्थ है
और यथार्थ का स्वीकार
ही निश्चिंतता लाता है
साहसी बनाता है...
निश्चिंत व्यक्ति ही
सो सकता है.....
और जो सो सकता है
वही जाग भी सकता है
शुभ रात्रि...!
सुरक्षित होने के....
पर हो न सका
सुरक्षित कोई..
असुरक्षा ही यथार्थ है
और यथार्थ का स्वीकार
ही निश्चिंतता लाता है
साहसी बनाता है...
निश्चिंत व्यक्ति ही
सो सकता है.....
और जो सो सकता है
वही जाग भी सकता है
शुभ रात्रि...!
👌👌👌
ReplyDeleteGood thought
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