एक ही मिट्टी
एक ही पानी
एक पौधा
पर पास ही उगा है
दूजा...!
अद्भुत , आश्चर्यजनक
एक ही मिट्टी से
कोई आम बना
कोई बबूल बना
अपनी प्रकृति के अनुसार खींच लेता रस को...
एक ही परिस्थिति
एक ही संसार
कोई नर्क बनाता
कोई देखता स्वर्ग है....
मनुष्य का "संकल्प"
है उसका बीज
वो चाहे तो ..........
शुभ प्रभात...!
एक ही पानी
एक पौधा
पर पास ही उगा है
दूजा...!
अद्भुत , आश्चर्यजनक
एक ही मिट्टी से
कोई आम बना
कोई बबूल बना
अपनी प्रकृति के अनुसार खींच लेता रस को...
एक ही परिस्थिति
एक ही संसार
कोई नर्क बनाता
कोई देखता स्वर्ग है....
मनुष्य का "संकल्प"
है उसका बीज
वो चाहे तो ..........
शुभ प्रभात...!
Fabulous
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