ये बहुत ही कॉमन प्रॉब्लम है । काम बड़े जोश के साथ शुरू करते हैं पर कुछ समय बाद सारा जोश चला जाता है । किसी भी काम की पूर्णता संकल्प शक्ति पर निर्भर करती है । संकल्प शक्ति कोई जादू नहीं जो जब चाहे तब बड़ा लो । किसी भी काम की पूर्णता हेतु संकल्प निम्न बातों पर निर्भर करता है - 1. साहस - अतीत से मुक्ति का साहस, भविष्य की चुनोतियों को स्वीकार करने का साहस । अभी तक जिस पैटर्न पर जीवन चल रहा था उसमें कुछ नए करने का साहस चाहिए और नया करेंगे तो नई चुनोतियाँ होंगी उन्हें स्वीकार करने का साहस चाहिए । 2. संतुलन - दिल, दिमाग और अंतःकरण का संतुलन होगा तो अपने आप का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा । वही काम करें जिसे करने की इजाजत हृदय, मश्तिष्क और आत्मा दें । वही काम सफल होता है जो दिल को भाता हो, तर्क पर खरा उतरता हो और अंतःकरण स्वीकार करता हो । दिल - भावनाओं का केंद्र दिमाग - तर्कशक्ति का केंद्र अंतःकरण - सही गलत का निर्णय करने का केंद्र 3. संकल्पना - सकारात्मक संकल्पना करनी होगी । मानो कि हो ही गया जो मैने चाहा । 4. शेयरिंग - बड़ा काम अकेले संभव नहीं है । अपने मन की बात लोंगो को बताओ और अपनी टीम का चयन कर...