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Showing posts from August, 2017

himalayakibetiyanpathyojna

Annexure – 1 Lesson Plan –Teachers Diary [A] Planning Format Class/Section… VII B ……… Subject… हिंदी …Chapter हिमालय की बेटियां . No. of periods……08… Date of Commencement…20-06-2017 Expected date of completion…30-06-2017……… Actual date of Completion…30-06-2017 Gist Of The  lesson Targeted learning outcomes (TLO) Teaching learning activities planned for achieving the TLO using suitable resources and classroom management  strategies ASSESSMENT STRATEGIES PLANNED Focused skills/Competencies हिमालय की बेटियाँ पाठ में लेखक को हिमालय की गोद में बहने वाली नदियाँ संभ्रांत महिला की तरह प्रतीत होती थीं लिकिन हिमालय पर चढ़कर देखने पर यह विशाल काय दृष्टी गोचर होती हैं | काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है | इन्हें बेटियों बहन, प्रेयसी आदि रूपों में भी प्रतिस्थापित किया है | हिमालय की श्रेष्ठता से बच्चों को अवगत कराना | प्रकृति के प्रति अनुराग उत्पन्न करना | हिमालय की गोद से निकलने वाली नदियों की उपयोगिता से परिचित कराना | हिमालय की महानता के विषय

mithaivalapathyojna

Lesson Plan –Teachers Diary [A] Planning Format Class/Section… VII B ……… Subject… हिंदी …Chapter मिठाईवाला  . No. of periods……2 1 … Date of Commencement…........ Expected date of completion…......……… Actual date of Completion…...... Gist Of The  lesson Targeted learning outcomes (TLO) Teaching learning activities planned for achieving the TLO using suitable resources and classroom management  strategies ASSESSMENT STRATEGIES PLANNED Focused skills/Competencies मिठाईवाला इस कहानी में मिठाईवाला के माध्यम से बच्चों के प्रति प्रेम को व्यक्त किया गया है | मिठाईवाला फेरी लगाकर बच्चों के खिलौने, मिठाई आदि जो बच्चों को प्यारी होती हैं बेचता है | वह काम दाम पर कभी कभी बिना दाम के भी बच्चों को खिलोने दे देता है | मिठाईवाले के पुत्र की असमय मृत्यु होने के कारण वह सभी बच्चों में अपने बच्चों को ही देखता है | इस कहानी के माध्यम से लेखक परिस्थिति को स्वीकार कर आनंद पूर्ण जीवन जीने की कला की और इशारा करता है | जीवन के प्रति आशावादी और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्

Kathputlipathyojna

Annexure – 1 Lesson Plan –Teachers Diary [A] Planning Format Class/Section… VII B ……… Subject… हिंदी …Chapter कठपुतली,  . No. of periods……2 1 … Date of Commencement......... Expected date of completion…....……Actual date of Completion…........ Gist Of The  lesson Targeted learning outcomes (TLO) Teaching learning activities planned for achieving the TLO using suitable resources and classroom management  strategies ASSESSMENT STRATEGIES PLANNED Focused skills/Competencies कठपुतली इस कविता में कठपुतलियाँ स्वतंत्रता की इच्छा से स्वयं अपनी बात व्यक्त कर रही हैं | उनके समक्ष स्वतंत्रता को साकार बनानेवाली चुनौतियाँ हैं | धागे में बँधी हुई कठपुतलियाँ पराधीन हैं | इन्हें दूसरों के इशारे पर नाचने से दुःख होता है | दुःख से बाहर निकलने के लिए एक कठपुतली विद्रोह कर देती है | वह अपने पाँव पर खड़ी होना चाहती है | उसकी बात सभी कठपुतलियों को अच्छी लगती है | स्वतंत्र रहना कौन नहीं चाहता | लेकिन, जब पहली कठपुतली पर सबकी स्वतंत्रता की जिम्मेदारी आती है, वह सोच-समझकर

Kathputli solution कठपुतली प्रश्नोत्तर

पाठ 4 - कठपुतली (कविता) हिंदी वसंत भाग - II   1. कठपुतली को गुस्सा क्यों आया?  उत्तर - कठपुतली धागे से बाँधकर रखा जाता था। वह इस बंधन से तंग आ गई थी। वह स्वतंत्र रहना चाहती थी, अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी। धागे से बँधे रहना उसे पराधीनता लगती है इसीलिए उसे गुस्सा आता है।   2. कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती?  उत्तर - कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है किन्तु वह खड़ी इसलिए नही होती क्योंकि उसके पास स्वतंत्र रूप से खड़े हो सकने की क्षमता नहीं है। जब सारे कठपुतलियों की स्वतंत्रता की जिम्मेदारी उस पर आती है तो उसे लगता है कि कहीं उसका यह कदम सबको मुसीबत में ना डाल दे।  3. पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्य&##2379;ं अच्छी लगी?  उत्तर - पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को इसलिए अच्छी लगी क्योंकि स्वतंत्रता सभी को प्रिय होती है।वे भी बंधन में दुखी हो चुकी थीं और अपना जीवन इच्छानुसार जीना चाहती थीं।  4. पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि - 'ये धागे/क्यों हैं मेरे पीछे-आगे?/ इन्हें तोड़ दो;/मुझे मेरे पाँवों पर छ