निराशा में आशा है जीवन में मेरी सूरज की पहली किरण से पहले उठे जो मेरी माँ, हर पल हर वक्त हर समय मुस्कुराती सी मेरी माँ । न सीमा न अंत है, ऐसा प्रेम मेरी माँ , दिल क्यों वो तो आत्मा पढ़ ले, ऐसी मेरी मााँ, दुःख की छाया उसके आाँचल में, सर रख हो जाती ग़ुम ऐसी मेरी माँ | लोग घूमे मथुरा काशी मेरा चार धाम मेरी माँ करने को मेरे सपने साकार, भूल गई वो अपने सपने, ऐसी मेरी माँ त्याग की देवी ममता की मूरत, सर्वोपरि है रिश्ता हमारा, ऐसी मेरी मााँ|
Principal Exam, मिलकर करते हैं तैयारी