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वक्त की शिनाख्त

ज़िंदगी से मौत की यात्रा में
वक्त की शिनाख्त ज़रुरी है
कौन अपना है कौन पराया है
यह अभिज्ञान भी ज़रूरी है
कौन शूल लिए खड़ा है
कौन फूल लिए पड़ा है 
यह पहचान भी ज़रुरी है 
ज़िंदगी से मौत की यात्रा में
वक्त की शिनाख्त ज़रुरी है 
किस हाथ में माहुर की पोटली है
किस हाथ में पाहुर की झोली है
यह पहचान भी बहुत ज़रूरी है 
ज़िंदगी से मौत की यात्रा में 
वक्त की शिनाख्त बहुत ज़रुरी है‌
कौन सौगात - स्थालिका लाया है
कौन विष की लता बोने आया है 
यह  ज्ञान  भी ज़रूरी है
ज़िंदगी से मौत की यात्रा में 
वक्त की शिनाख्त बहुत ज़रुरी है
डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र 
7458994874
mishrasampurna906@gmail.com

Comments

  1. वाह सर,
    *वक्त की शिनाख्त*
    बहुत बहुत ज़रूरी है।

    किस हाथ में माहुर की पोटली है
    किस हाथ में पाहुर की झोली है
    यह पहचान भी बहुत ज़रूरी है

    ReplyDelete
    Replies
    1. यथार्थ एवं सर्वकालिक...

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