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अभिनंदन हो वंदन हो, नववर्ष का चंदन हो

नववर्ष का संदेश
अभिनंदन हो वंदन हो
नववर्ष का चंदन हो
मंडन हो, अभिवर्धन हो
नववर्ष का स्पंदन हो
उर में उत्साह बना रहे
नवांकुर सा तना रहे
जीवन-बगिया खिलता रहे
सत्कर्म पुष्प का महकता रहे
आशा की डोर पकड़कर
कर्मक्षेत्र-उदधि
पार करता रहूं
विवेकायुध लेकर
जीवन-संग्राम
में लड़ता  रहूं
फल की इच्छा छोड़कर
विद्वेष को ठेलता रहूं
लेकर प्रभु का नाम
नववर्ष में चलता रहूं
कोशिश की दरिया में
प्रेम-नैया चलाता रहूं
मन जिधर भी जाय
नववर्ष का संदेश
सुनाता रहूं ।
रचनाकार- डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र स्नातकोत्तर शिक्षक हिंदी केन्द्रीय विद्यालय इफको फूलपुर ( इलाहाबाद प्रयागराज)

Comments

  1. आपको भी सपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं सर।

    ReplyDelete
  2. प्रतिपल उन्नत सफल हो जीवन
    पूर्ण हो लक्ष्य कहता है मन।
    नववर्ष हर्ष सुरभि से महके
    आप सभी का जीवन मधुवन।
    (सोनाली मित्रा)

    ReplyDelete
  3. प्रतिपल उन्नत सफल हो जीवन
    पूर्ण हो लक्ष्य कहता है मन।
    नववर्ष हर्ष सुरभि से महके
    आप सभी का जीवन मधुवन।
    (सोनाली मित्रा)

    ReplyDelete
  4. आपको भी सपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं सर।

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  5. आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  6. Happy new year to you and your family.

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  7. यह नूतन वर्ष आपके और आपके परिवार के लिए मंगलमय हो।
    नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

    ReplyDelete

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