31 दिसम्बर की रात, पूरा माहौल रंगीन और जश्न में डूबा है। उत्तेजना बढ़ती जाती है और इकतीस दिसंबर की आधी रात हम सोचते हैं कि पुराना साल रात की सियाही में डुबोकर कल सब कुछ नया हो जाएगा। यह एक रस्म है जो हर साल निभाई जाती है, जबकि हकीकत यह है कि दिन तो रोज ही नया होता है, लेकिन रोज नए दिन को न देख पाने के कारण हम वर्ष में एक बार नए दिन को देखने की कोशिश करते हैं। दिन तो कभी पुराना नहीं लौटता, रोज ही नया होता है, लेकिन हमने अपनी पूरी जिंदगी को पुराना कर डाला है। उसमें नए की तलाश मन में बनी रहती है। तो वर्ष में एकाध दिन नया दिन मानकर अपनी इस तलाश को पूरा कर लेते हैं। यह सोचने जैसा है जिसका पूरा वर्ष पुराना होता हो उसका एक दिन नया कैसे हो सकता है? जिसकी पूरे साल पुराना देखने की आदत हो वह एक दिन को नया कैसे देख पाएगा? देखने वाला तो वही है, वह तो नहीं बदल गया। जिसके पास ताजा मन हो वह हर चीज को ताजी और नई कर लेता है, लेकिन हमारे पास ताजा मन नहीं है। इसलिए हम चीजों को नया करते हैं। मकान पर नया रंग-रोगन कर लेते हैं, पुरानी कार बदलकर नई कार ले लेते हैं, पुराने कपड़े की जगह नया कपड़ा लाते हैं। हम...
Principal Exam, मिलकर करते हैं तैयारी
Thanks
ReplyDeleteI got a 18 /20
my also
DeleteI got 20/20
ReplyDeleteHow to get answers
DeleteI got 20/20
ReplyDeleteI got 20/20
ReplyDeleteI got 19/20
ReplyDeleteme too
Deletei got 19/20
ReplyDeleteI got 18/20 but it was fun.
ReplyDelete20/20
ReplyDeleteगोपियों ने किसे कहा है कि अब उन्होंने राजनीति पढ़ ली है?
ReplyDeleteकृष्ण को
स्वयं को
उद्धव को
राधा को
if this question is right then answer is not marked correctly, it should be option C
Udhvabh ko
DeleteAnswer will be option a.
DeleteIn the 4th stanza of this poem, it is written.
i have also written c option but it was wrong when i saw my progress
DeleteI got 20/20 marks
ReplyDeleteI got 18
ReplyDelete1 question is wrong
ReplyDeleteI got 18/20
ReplyDeletei scored 17 marks out of 20 my name is anish dave from class xa gola( up)
ReplyDeleteETESHAN
ReplyDeleteAKHILESH KUMAR YADAV
ReplyDeleteParam Dhanda i . e. Me got 20/20🤗
ReplyDeleteAnd I am from kurukshetra Haryana
Delete