सिर्फ वे ही आतंकवादी हो सकते हैं उनके पास खोने को कुछ नहीं है । वे समूचे समाज के खिलाफ उबल रहे हैं क्योंकि उसी उच्च वर्ग के पास वे चीजें हैं , जो इनके पास नहीं हैं । लोग भय में जी रहे हैं , नफरत में जी रहें हैं , आनंद में नहीं । अमीर आदमी कभी आतंकवादी नहीं बन सकता अमीरी सिर्फ पैसे की नहीं होती समाज ने बच्चे को गरीबी में ले जाने के सारे इंतजाम कर रखे हैं जो भी कार्य आनंदित करता है उसकी निंदा करता है समाज प्रतियोगिता बच्चे को गरीब बनाती है एक वार बच्चा प्रतियोगिता में पड़ गया तो वह अपने से आगे कभी किसी को न देख सकेगा प्रथम आने की हमेशा अपेक्षा और तारीफ! आतंकवाद मिटाना है तो मनुष्य के अवचेतन से मिटाना होगा हर बच्चे को धन से परिपूर्ण, प्रेम में जीने मौन में जीने ध्यान में जीने के अवसर देने होंगे...
Principal Exam, मिलकर करते हैं तैयारी