Skip to main content

KVS Vice Principal EXAM (03-11-2018) Answer Key (हिंदी)



1. निम्नलिखित में से कौन-सी भाषा शौरसेनी अपभ्रंश से संबद्ध नहीं है ?

     (1) बघेली
    (2) राजस्थानी
    (3) ब्रजभाषा
    (4) खड़ीबोली

2.  'रमानाथ' प्रेमचंद के किस उपन्यास का पात्र है ?

    (1) रंगभूमि
    (2) सेवासदन
    (3) कर्मभूमि
    (4) गबन

3. 'मुझे अपनी कमाई से खाना मिलता है' - वाक्य के रेखांकित अंश में कौन- सा कारक है ?

    (1) कर्ता
    (2) अपादान
    (3) करण
    (4) अधिकरण

4. 'उच्छ्वास' का संधि विच्छेद है :

    (1) उच्छ + वास
    (2) उत + वास
    (3) उत्+ श्वास
    (4) उच + श्वास

5. 'छायावाद' के किस कवी में रहस्यवाद की प्रवृत्ति सर्वाधिक पाई जाती है ?

    (1) महादेवी वर्मा
    (2) जयशंकर प्रसाद
    (3) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
    (4) सुमित्रानंदन पन्त

6. 'संतान को कहा सीकरी सों काम' काव्य पंक्ति के रचनाकार हैं :

    (1) कुम्भनदास
    (2) तुलसीदास
    (3) सूरदास
    (4) कबीरदास

7. मम्मट के अनुसार लक्षणा के मुख्य भेद हैं :

    (1) पाँच
    (2) दो
    (3) तीन
    (4) चार

8. 'यह कोई नयी पुस्तक नहीं है' - वाक्य में कौन- सा सर्वनाम है ?

    (1) अनिश्चयवाचक
    (2) निश्चयवाचक
    (3) निजवाचक
    (4) पुरुषवाचक

9. निम्नलिखित में से कौन- सा नदी नाम पुल्लिंग है ?

    (1) ब्रह्मपुत्र
    (2) गंगा
    (3) यमुना
    (4) महानदी


10. 'कामायनी' का अंतिम सर्ग कौन सा है ?

    (1) रहस्य
    (2) कर्म
    (3) दर्शन
    (4) आनंद

उत्तर :- 1.  बघेली,   2. गबन     3. करण,  4. उत् + श्वास  5.  महादेवी वर्मा,  6. कुम्भनदास ,   7. दो ,  8. निश्चयवाचक    9. ब्रह्मपुत्र .   10.  आनंद 

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

नया साल ! क्या सचमुच नया है ?

31 दिसम्बर की रात, पूरा माहौल रंगीन और जश्न में डूबा है। उत्तेजना बढ़ती जाती है और इकतीस दिसंबर की आधी रात हम सोचते हैं कि पुराना साल रात की सियाही में डुबोकर कल सब कुछ नया हो जाएगा। यह एक रस्म है जो हर साल निभाई जाती है, जबकि हकीकत यह है कि दिन तो रोज ही नया होता है, लेकिन रोज नए दिन को न देख पाने के कारण हम वर्ष में एक बार नए दिन को देखने की कोशिश करते हैं। दिन तो कभी पुराना नहीं लौटता, रोज ही नया होता है, लेकिन हमने अपनी पूरी जिंदगी को पुराना कर डाला है। उसमें नए की तलाश मन में बनी रहती है। तो वर्ष में एकाध दिन नया दिन मानकर अपनी इस तलाश को पूरा कर लेते हैं। यह सोचने जैसा है जिसका पूरा वर्ष पुराना होता हो उसका एक दिन नया कैसे हो सकता है? जिसकी पूरे साल पुराना देखने की आदत हो वह एक दिन को नया कैसे देख पाएगा? देखने वाला तो वही है, वह तो नहीं बदल गया। जिसके पास ताजा मन हो वह हर चीज को ताजी और नई कर लेता है, लेकिन हमारे पास ताजा मन नहीं है। इसलिए हम चीजों को नया करते हैं। मकान पर नया रंग-रोगन कर लेते हैं, पुरानी कार बदलकर नई कार ले लेते हैं, पुराने कपड़े की जगह नया कपड़ा लाते हैं। हम...

Teachers day शिक्षा व्यवस्था बनाम शिक्षा

कोई भी व्यक्ति ठीक अर्थों में शिक्षक तभी हो सकता है जब उसमें विद्रोह की एक अत्यंत ज्वलंत अग्नि हो। जिस शिक्षक के भीतर विद्रोह की अग्नि नहीं है वह केवल किसी न किसी निहित, स्वार्थ का, चाहे समाज, चाहे धर्म, चाहे राजनीति, उसका एजेंट होगा। शिक्षक के भीतर एक ज्वलंत अग्नि होनी चाहिए विद्रोह की, चिंतन की, सोचने की। लेकिन क्या हममें सोचने की अग्नि है और अगर नहीं है तो आ एक दुकानदार हैं। शिक्षक होना बड़ी और बात है। शिक्षक होने का मतलब क्या है? क्या हम सोचते हैं- सारी दुनिया में सिखाया जाता है बच्चों को, बच्चों को सिखाया जाता है, प्रेम करो! लेकिन कभी  विचार किया है कि पूरी शिक्षा की व्यवस्था प्रेम पर नहीं, प्रतियोगिता पर आधारित है। किताब में सिखाते हैं प्रेम करो और पूरी व्यवस्था, पूरा इंतजाम प्रतियोगिता का है। जहां प्रतियोगिता है वहां प्रेम कैसे हो सकता है। जहां काम्पिटीशन है, प्रतिस्पर्धा है, वहां प्रेम कैसे हो सकता है। प्रतिस्पर्धा तो ईर्ष्या का रूप है, जलन का रूप है। पूरी व्यवस्था तो जलन सिखाती है। एक बच्चा प्रथम आ जाता है तो दूसरे बच्चों से कहते हैं कि देखो तुम पीछे रह गए और यह पहले आ ...

Online MCQ test Vachya वाच्य

Loading…