1. लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाएं ( primary institutions of democracy)
2. स्थानीय संस्थाएं (Local bodies)
3. राजकीय संस्थाएं (State bodies)
4. राष्ट्रीय संस्थाएं (National bodies)
5. लोकतंत्र में नागरिक अधिकार (Citizen's rights in democracy)
6. पंचायत और नगरपालिका का शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामाजिक सेवाओं में योगदान Role of panchayat and Nagarpalikas in education, health and other social services.
7. भारत में जनसंख्या वृद्धि population growth in India
जनसंख्या का वितरण, घनत्व, लिंगानुपात, ग्रामीण एवं शहरी संरचना, शिक्षा, distribution, density & growth, sex ratio, rural urban composition, education,
8. मानव विकास सूचकांक Human development indicator
9. सामान्य रोग, कुपोषण के कारण उत्पन्न होने वाले रोग तथा संचारी रोग एवं उनके रोकने के उपाय common disease deficiency disease and communicable disease and their prevention.
10. प्राथमिक उपचार और हमारी ग्रामीण एवं जिला स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं first aid and our health services at village and district level
11. प्राकृतिक आपदाएं उनके कारण प्रभाव तथा प्रभाव को कम करने के उपाय natural calamities and their causes impact and steps to reduce the effect
12. यातायात एवं संचार एवं उनके प्रभाव transport and communication their impact
13. प्राकृतिक संसाधन वायु जल मृदा एवं भूमि (लवण धातु एवं अधातु) natural resources -air water soil and land (minerals metals nonmetals)
14. वन एवं खनिज, जलीय स्रोत नदियां सिंचाई व्यवस्था और फसल forest and Minerals water resources river irrigation system and crop pattern
15. भारत का मानचित्र एवं स्थिति map of India location of identification
16. अक्षांश देशांतर एवं समय के संदर्भ में ग्लोब की समझ understanding of Globe with special reference of latitude longitude and time
17. पंचवर्षीय योजनाएं five year plans
18. राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन National freedom movement
19. सांस्कृतिक पुनर्जागरण cultural Renaissance
20. भारत में सामाजिक सुधार social reforms of India
31 दिसम्बर की रात, पूरा माहौल रंगीन और जश्न में डूबा है। उत्तेजना बढ़ती जाती है और इकतीस दिसंबर की आधी रात हम सोचते हैं कि पुराना साल रात की सियाही में डुबोकर कल सब कुछ नया हो जाएगा। यह एक रस्म है जो हर साल निभाई जाती है, जबकि हकीकत यह है कि दिन तो रोज ही नया होता है, लेकिन रोज नए दिन को न देख पाने के कारण हम वर्ष में एक बार नए दिन को देखने की कोशिश करते हैं। दिन तो कभी पुराना नहीं लौटता, रोज ही नया होता है, लेकिन हमने अपनी पूरी जिंदगी को पुराना कर डाला है। उसमें नए की तलाश मन में बनी रहती है। तो वर्ष में एकाध दिन नया दिन मानकर अपनी इस तलाश को पूरा कर लेते हैं। यह सोचने जैसा है जिसका पूरा वर्ष पुराना होता हो उसका एक दिन नया कैसे हो सकता है? जिसकी पूरे साल पुराना देखने की आदत हो वह एक दिन को नया कैसे देख पाएगा? देखने वाला तो वही है, वह तो नहीं बदल गया। जिसके पास ताजा मन हो वह हर चीज को ताजी और नई कर लेता है, लेकिन हमारे पास ताजा मन नहीं है। इसलिए हम चीजों को नया करते हैं। मकान पर नया रंग-रोगन कर लेते हैं, पुरानी कार बदलकर नई कार ले लेते हैं, पुराने कपड़े की जगह नया कपड़ा लाते हैं। हम...
Comments
Post a Comment