प्रश्न ?
पूछना चाहिए प्रश्न
हरेक को
क्योंकि
बिना उत्तर के
नहीं सुलझ
सकता
जीवन- जगत
की समस्याएं
शंका और
अविश्वास
जन्म लेता
है
लेकिन
निरंतर प्रश्न करने से।
प्रश्न
जहां कई बार
अज्ञानता
के अंधेरे को चीरकर
हमारे हृदय
में उम्मीदों का दीप जलाता है
वहीं
निरर्थक प्रश्न
हमें
दिग्भ्रमित कर देता है
विश्वास की
बुनियाद पर ही तो
आत्मीय
संबंधों की
भव्य इमारत
खड़ी होती है
इसलिए बचना
चाहिए
भ्रामक एवं
अनर्गल प्रश्नों से
उत्तर सबको
चाहिए
किसी भी
आवश्यक प्रश्न का
चाहे वह
किसी भी वर्ग का हो
लेकिन
संदेह और भ्रामक प्रश्न हमारे जीवन में
न केवल
सेंध लगाता है
बल्कि
सामाजिक संबंधों की हत्या भी कर देता है
जितना
ज्यादा प्रश्न
उतनी ही
समस्याएं जीवन में
इसलिए वक्त
बहुत सारे
प्रश्नों का
स्थायी एवं
सटीक उत्तर है
प्रतीक्षा
करनी चाहिए
एक उचित
वक्त की
वक्त से
बड़ा न कोई प्रश्न है
और न उससे
बड़ा कोई उत्तर
सम्पूर्णानंद
मिश्र
फूलपुर
प्रयागराज
7458994874
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