Skip to main content

रंग बदल लेता है

रंग बदल लेता है इंसान
   अपनी- अपनी
 जरूरतों के मुताबिक 
गिरगिट भी रंग बदलता है
      पर उसका
 रंग बदलना स्वाभाविक होता है
हार्मोनल होता है
 प्राकृतिक होता है 
     हां कभी- कभी
 अपनी जान बचाने के लिए 
 शत्रु- दल की आंखों में धूल 
झोंकने के लिए भी होता है
     मनुष्य ने 
   रंग परिवर्तन के
  इस रण  में उसे 
   पछाड़ दिया है 
 चित कर दिया है 
  महि- समर में 
  वह निश्चेष्ट पड़ा है
  इस रंग परिवर्तन में खूब प्रशिक्षण प्राप्त किया है 
आनलाइन भी शिक्षित और प्रशिक्षित होता रहता है
   इतना रंग बदलता है 
   कि कोई भी खा जाता है धोखा
   नहीं पहचान पाता है उसके 
   वास्तविक रंग- रूप को 
प्रेम के मुखौटे में छिपे स्वार्थ के विकृत चेहरे की पहचान 
   नहीं कर पाता है
      निष्णात होता है 
     रंग परिवर्तन में 
       गढ़ लेता है 
   परिभाषा भी प्रेम की
     बिछा देता है
   जाल कुछ दानों के
    फंसा लेता है 
उन निश्चछल कबूतरों को 
 जो भूख की ख़ातिर
     हो जाते हैं अंधे
   नहीं देख पाते हैं 
प्रेम की मलाई में
 प्रच्छन्न अपनी मृत्यु को
और किसी क्रूर  बहेलिए का
   बन जाते हैं शिकार 

संपूर्णानंद मिश्र
प्रयागराज फूलपुर
7458994874

Comments

  1. सच्चाई को बयां करती कविता

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

भक्तिन पाठ का सारांश - प्रश्न उत्तर सहित

भक्तिन लेखिका- महादेवी वर्मा पाठ का सारांश - भक्तिन जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मी था,लेखिका ‘महादेवी वर्मा’ की सेविका है | बचपन में ही भक्तिन की माँ की मृत्यु हो गयी| सौतेली माँ ने पाँच वर्ष की आयु में विवाह तथा नौ वर्ष की आयु में गौना कर भक्तिन को ससुराल भेज दिया| ससुराल में भक्तिन ने तीन बेटियों को जन्म दिया, जिस कारण उसे सास और जिठानियों की उपेक्षा सहनी पड़ती थी| सास और जिठानियाँ आराम फरमाती थी और भक्तिन तथा उसकी नन्हीं बेटियों को घर और खेतों का सारा काम करना पडता था| भक्तिन का पति उसे बहुत चाहता था| अपने पति के स्नेह के बल पर भक्तिन ने ससुराल वालों से अलगौझा कर अपना अलग घर बसा लिया और सुख से रहने लगी, पर भक्तिन का दुर्भाग्य, अल्पायु में ही उसके पति की मृत्यु हो गई | ससुराल वाले भक्तिन की दूसरी शादी कर उसे घर से निकालकर उसकी संपत्ति हड़पने की साजिश करने लगे| ऐसी परिस्थिति में भक्तिन ने अपने केश मुंडा लिए और संन्यासिन बन गई | भक्तिन स्वाभिमानी , संघर्षशील , कर्मठ और दृढ संकल्प वाली स्त्री है जो पितृसत्तात्मक मान्यताओं और छ्ल-कपट से भरे समाज में अपने और अपनी बेटियों के हक की लड़ाई लड़त

MCQ test on vakya bhed रचना के आधार पर वाक्य भेद

कक्षा 10 के अन्य सभी पाठों के PDF/Audio/Vidio/Quiz Loading...   कक्षा 10 के अन्य सभी पाठों के PDF/Audio/Vidio/Quiz

MCQ TEST NCERT-CBSE-arth ke adhar par vakya bhed रचना के आधार पर वाक्य भेद

Loading...