हम क्या स्मरण करते हैं ,
वही हम बनते चले जाते हैं ।
इसलिए शुभ ,
जो भी श्रेष्ठ मालूम पड़े ,
उसे स्मरण करें ।
और जीवन में...
इतना दरिद्र कोई भी नहीं है कि ...
उसके जीवन में
शांति के ,
आनंद के ,
सौंदर्य के ,
प्रेम के क्षण न घटित हुए हों ।
और अगर उनके स्मरण में समर्थ हो गए ,
तो हो सकता है ,
आपके चारों तरफ दुख हो ,
लेकिन भीतर कोई प्रेम की ,
कोई सौंदर्य की ,
कोई शांति की अनुभूति हो ...
शुभ रात्रि...!
...x...
Beautiful lines n very keen observation sir
ReplyDeleteअच्छी पहल है सर
ReplyDeleteGood Night✨🙏🌠🌃⛺🎠 Sir
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