बच्चों को सिखाया जाता है
हर तरह के कर्तव्य
जिम्मेदारियों,
त्याग.......,
और हम चाहते हो कि वे
हंसें, मुस्कुराएं, और आनंद मनाएं?
असंभव!
हृदय को विकसित करने की कोई बात नहीं ?
और आनंद!?
प्रेम स्वतंत्रता में पलता है,
मालकियत में नहीं।
मालकियत पूरी
फिर भी उम्मीद पूरी
बेटा बेटी उनसे प्रेम करेगा!?
लेकिन यह स्वतंत्रता,
यह प्रेम
तभी हो सकता है
जब ध्यान में,
संगीत में,
नृत्य में,
कभी किसी प्रेम के क्षण में
कभी कोई अंतरतम में डूब जाए।
शुभ प्रभात👌👌
ReplyDeleteशुभ प्रभात👌👌
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