पत्रकारिता के विविध आयाम
प्र.1 - ‘पत्रकारिता’ क्या है?उ.- सूचनाओं को संकलित और संपादित करके आम पाठकों तक पहुँचाने का कार्य ही
पत्रकारिता है।
प्र.2- किसी घटना के ‘समाचार’ बनने के लिए उसमें कौन-कौन से तत्त्व आवश्यक हैं ?
उ.- नवीनता, जनरुचि, निकटता, प्रभाव, टकराव या संघर्ष, महत्त्वपूर्ण लोग उपयोगी जानकारी,
अनोखापन, पाठकवर्ग व नीतिगत ढाँचा आदि बातें निश्चित करती हैं कि कोई घटना समाचार
है या नहीं।
प्र.3- समाचारों के संपादन में किन प्रमुख सिद्धान्तों का पालन जरूरी है ?
उ.- तथ्यपरकता, वस्तुपरकता, निष्पक्षता, संतुलन व स्रोत की जानकारी जैसे सिद्धान्तों का
पालन संपादन में जरूरी है।
प्र.4- पत्रकारिता के प्रमुख प्रकारों के नाम बताइए।
उ.- खोजपरक, वॉचडॉग, एडवोकेसी आदि।
प्र.5- ‘डैडलाइन’ क्या है ?
उ.- किसी समाचार माध्यम में समाचार को प्रकाशित/प्रसारित होने के लिए प्राप्त होने की
आखिरी समय-सीमा डैडलाइन कहलाती है। आमतौर पर डैडलाइन के बाद प्राप्त समाचार के
प्रकाशित/प्रसारित होने की संभावना कम ही होती है।
प्र.6- पत्रकारिता के विविध आयाम कौन-कौन से हैं ?
उ.- समाचारों के अतिरिक्त समाचार पत्रों में अन्य विविध सामग्री भी प्रकाशित होती है। वे ही
उसके विविध आयाम हैं। जैसे संपादकीय पृष्ठ (संपादकीय अग्रलेख पाठकों के पत्र आदि),
फोटो पत्रकारिता, कार्टून कोना रेखांकन व कार्टोग्राफ आदि।
प्र.7-पेज-थ्री पत्रकारिता से क्या आशय है ?
उ.- फैशन, अमीरों की पार्टियाँ व जाने माने लोगों (सेलीब्रिटीज़) के निजी-जीवन से संबंधित
सामग्री का प्रकाशन पेज-थ्री पत्रकारिता है।
प्र.8- पीत-पत्रकारिता क्या है ?
उ.- पाठकों को लुभाने के लिए झूठी अफ़वाहों, व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोपों, प्रेम-संबंधों,
भंडाफोड़ और फिल्मी गपशप जैसी सामग्री के प्रकाशन को पीत-पत्रकारिता कहते हैं।
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