मैंने अपनी दादी
को सुना था बचपन में
वो बताती थी
हर तरह के सपने का अर्थ
और मैं सोचा करता था
सपने क्या होते हैं?
फिर समझ आया
अरे रात को पूरा
सिनेमा चलता है,
फिर तो मज़ा आने लगा,
और रोज सुबह,
दादी से पूंछा करता
क्या मतलब है दादी?
हाथ फेरकर सर पर, वो कहती
बेटा, इसका मतलब है
तुम बहुत अच्छे इंसान बनोगे
फिर मैं पूंछा करता
दादी ये "अच्छा इंसान"
क्या होता है
और वो कहती
जब बनोगे तो समझ जाओगे
को सुना था बचपन में
वो बताती थी
हर तरह के सपने का अर्थ
और मैं सोचा करता था
सपने क्या होते हैं?
फिर समझ आया
अरे रात को पूरा
सिनेमा चलता है,
फिर तो मज़ा आने लगा,
और रोज सुबह,
दादी से पूंछा करता
क्या मतलब है दादी?
हाथ फेरकर सर पर, वो कहती
बेटा, इसका मतलब है
तुम बहुत अच्छे इंसान बनोगे
फिर मैं पूंछा करता
दादी ये "अच्छा इंसान"
क्या होता है
और वो कहती
जब बनोगे तो समझ जाओगे
और अचानक एक दिन
मेरे शिक्षक महोदय ने कहा
"सपने वो नहीं होते
जो बंद आँखों से देखे जाएँ
सपने वो होते हैं जो खुली
आँखों से देखे जाते हैं।"
मेरे शिक्षक महोदय ने कहा
"सपने वो नहीं होते
जो बंद आँखों से देखे जाएँ
सपने वो होते हैं जो खुली
आँखों से देखे जाते हैं।"
मैं था बहुत हैरान,
थोड़ा सा परेशान,
क्योंकि मेरे सपनों की
धारणा बिखर रही थी
मैंने खूब कौशिश की
रात को आँख खोलकर सोने की
मगर न तो सो पाता
न सपनों का था कहीं पता
फिर लगा दादी ही सच्ची हैं
शिक्षक झूठ बोलता है
रात को आँख खोलकर सोने की
मगर न तो सो पाता
न सपनों का था कहीं पता
फिर लगा दादी ही सच्ची हैं
शिक्षक झूठ बोलता है
पर .....
सिलसिला शुरू हो चुका था
स्कूल जाने का
और सुना बार-बार...बारंबार
सपने खुली आँखों से देखे जाते हैं
मैं भी सीख गया
खुली आँखों से सपना देखना
सिलसिला शुरू हो चुका था
स्कूल जाने का
और सुना बार-बार...बारंबार
सपने खुली आँखों से देखे जाते हैं
मैं भी सीख गया
खुली आँखों से सपना देखना
अब याद आती है दादी की
कहती थी अच्छा इंसान बनूगा,
पर लगता है, लगता नहीं,
सच है ये
इंसान तो नहीं,
मशीन बन गया हूँ
काश स्कूल न गया होता.......?..
कहती थी अच्छा इंसान बनूगा,
पर लगता है, लगता नहीं,
सच है ये
इंसान तो नहीं,
मशीन बन गया हूँ
काश स्कूल न गया होता.......?..
.....x........x......x .......
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