पाठ योजना
कक्षा – नौवीं
विषय- हिंदी
पाठ- बच्चे काम पर जा रहे हैं
समयावधि – जनबरी 2017
पाठ का संक्षिप्त परिचय –
इस कविता में बच्चों से बचपन छीन लिए जाने की पीड़ा व्यक्त हुई है। कवि ने उस सामाजिक – आर्थिक विडंबना की ओर इशारा किया है जिसमें कुछ बच्चे खेल , शिक्षा और जीवन की उमंग से वंचित हैं। कवि कहता है कि बच्चों का काम पर जाना आज के ज़माने में बड़ी भयानक बात है। यह उनके खेलने-कूदने और पढ़ने-लिखने के दिन हैं। फिर भी वे काम करने को मजबूर हैं। उनके विकास के लिए सभी चीज़ों के रहते हुए भी उनका काम पर जाना कितनी भयानक बात है। अपनी कविता के माध्यम से वह समाज को जागृत करना चाहते हैं ताकि बच्चों के बचपन को काम की भट्टी में झौंकने से रोका जा सके।
कवि परिचय
राजेश जोशी
इनका जन्म सन 1946 में मध्य प्रदेश के नरसिंहगढ़ जिले में हुआ। उन्होंने पत्रकारिता, अध्यापन कार्य भी किया। इन्होने कविताओं के अलावा कहानियाँ, नाटक, लेख, और टिप्पणियाँ भी लिखीं। उनकी कविताएँ गहरे सामाजिक अभिप्राय वाली होती हैं।
प्रमुख कार्य
काव्य संग्रह - एक दिन बोलेंगे पेड़, मिटटी का चेहरा, नेपथ्य में हंसी, और दो पंक्तियों के बीच।
पुरस्कार - माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार, मध्य प्रदेश शासन का सिखर सम्मान, और साहित्य अकादमी पुरस्कार।
कवि परिचय
राजेश जोशी
इनका जन्म सन 1946 में मध्य प्रदेश के नरसिंहगढ़ जिले में हुआ। उन्होंने पत्रकारिता, अध्यापन कार्य भी किया। इन्होने कविताओं के अलावा कहानियाँ, नाटक, लेख, और टिप्पणियाँ भी लिखीं। उनकी कविताएँ गहरे सामाजिक अभिप्राय वाली होती हैं।
प्रमुख कार्य
काव्य संग्रह - एक दिन बोलेंगे पेड़, मिटटी का चेहरा, नेपथ्य में हंसी, और दो पंक्तियों के बीच।
पुरस्कार - माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार, मध्य प्रदेश शासन का सिखर सम्मान, और साहित्य अकादमी पुरस्कार।
क्रियाकलाप
कविता पाठ | भावार्थ समझना |
गृह कार्य –
पाठ्य पुस्तक से अभ्यास प्रश्नों के उत्तर लिखना |