प्रतिदर्श प्रश्न-पत्र-२
कक्षा: बारहवीं
विषय- हिन्दी(केन्द्रिक)
निर्धारित समय:3घण्टे अधिकतम अंक-100
खण्ड-क
प्रश्न-1. निम्नलिखित
काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:- (1*5=5)
तूफानों की ओर
घुमा दो
नाविक ! निज
पतवार।
आज
सिंधु ने विष उगला है
लहरों
का यौवन मचला है
आज
हृदय में और सिंधु में
साथ
उठा है ज्वार ।
तूफानों
की ओर घुमा दो
नाविक
! निज पतवार ।
लहरों के स्वर
में कुछ बोलो
इस अंधड में
साहस तोलो
कभी-कभी मिलता
जीवन में
तूफानों को प्यार
।
तूफानों
की ओर घुमा दो
नाविक
! निज पतवार
यह असीम,निज
सीमा जाने
सागर भी तो यह
पहचाने
मिट्टी के पुतले
मानव ने
कभी न मानी हार
(क)
उपर्युक्त काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए। (1)
(ख) कवि के हृदय और सिंधु में क्या समानता है? (1)
(ग) जब जीवन में तूफानों का प्यार मिले तो क्या करना चाहिए और क्यों? (1)
(घ) कवि सागर को क्या समझाना चाहता है? (1)
(ड) प्रस्तुत काव्यांश का मूल भाव क्या है? (1)
प्रश्न-2.
निम्नलिखित गद्यांश को पढकर पूछे गए
प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (15)
सुचारित्र्य के दो सशक्त स्तंभ हैं-प्रथम सुसंस्कार और
द्वितीयसत्संगति। सुसंस्कार भी पूर्व जीवन की सत्संगति व सत्कर्मों की अर्जित
संपत्ति है और सत्संगति वर्तमान जीवन की दुर्लभ विभूति है।जिस प्रकार कुधातु की
कठोरता और कालिख, पारस के स्पर्श मात्र से कोमलता और कमनीयता में बदल जाती है,ठीक
उसी प्रकार कुमार्गी का कालुस्य सत्संगति से स्वर्णिम आभा में परिवर्तित हो जाता
है।सतत सत्संगति से विचारों को नई दिशा मिलती है और अच्छे विचार मनुष्य को अच्छे
कार्यों में प्रेरित करते हैं।परिणामत: सुचरित्र का निर्माण होता है। आचार्य हजारी
प्रसाद द्विवेदी ने लिखा है-“ महाकवि टैगोर के पास बैठने मात्र से ऐसा प्रतीत होता
था मानो भीतर का देवता जाग गया हो।“
वस्तुत: चरित्र से ही जीवन की सार्थकता
है।चरित्रवान व्यक्तिसमाज की शोभा है, शक्ति है।सुचारित्र्य
से व्यक्ति ही नहीं,समाज भी सुवासित होता है और इस सुवास से
राष्ट्र यशस्वी बनता है। विदुरजी की उक्ति अक्षरश: सत्य है कि सुचरित्र के बीज
हमें भले ही वंश-परंपरा से प्राप्त हो सकते हैं पर चरित्र-निर्माण व्यक्ति के अपने
बलबूते पर निर्भर है। आनुवंशिक परंपरा,परिवेश और परिस्थिति
उसे केवल प्रेरणा दे सकते हैं पर उसका अर्जन नहीं कर सकते;
वह व्यक्ति को उत्तराधिकार में प्राप्त नहीं होता।
व्यक्ति-विशेष के शिथिल चरित्र होने से पूरे
राष्ट्र पर चरित्र-संकट उपस्थित हो जाता है क्योंकि व्यक्ति पूरे राष्ट्र का एक
घटक है।अनेक व्यक्तियों से मिलकर एक परिवार,अनेक परिवारों से एक
कुल, अनेक कुलों से एक जाति या समाज और अनेकानेक जातियों और
समाज-समुदायों से मिलकर ही एक राष्ट्र बनता है। आज जब लोग राष्ट्रीय
चरित्र-निर्माण की बात करते हैं, तब वे स्वयं उस राष्ट्र के
एक आचरक घटक हैं- इस बात को विस्मृत कर देते हैं।
1. सत्संगति
कुमार्गी को कैसे सुधारती है? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए। (2)
2. चरित्र
के बारे में विदुर के क्या विचार हैं? (2)
3. व्यक्ति-विशेष
का चरित्र समूचे राष्ट्र को कैसे प्रभावित करता है | (2)
4. व्यक्ति
के चरित्र-निर्माण में किस-किसका योगदान होता है? (2)
5. संगति
के संदर्भ में पारस के उल्लेख से लेखक क्या प्रतिपादित करना चाहता है?(2)
6. व्यक्ति
सुसंस्कृत कैसे बनता है? स्पष्टकीजिए। (1)
7. आचरण
उच्च बनाने के लिए व्यक्ति को क्या प्रयास करना चाहिए? (1)
8. गद्यांश
का उपयुक्त शीर्षक दीजिए। (1)
9. ’सु’
और ’कु’ उपसर्गों से एक-एक
शब्द बनाइए। (1)
10. ’चरित्रवान’
और ‘परिवेश’ में प्रयुक्त
उपसर्ग और प्रत्यय अलग कीजिए। (1)
खण्ड- ख
प्रश्न-3.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर
निबंध लिखिए- (5)
(क) भ्रष्टाचार: कारण और निवारण
(ख) इक्कीसवीं सदी का भारत
(ग) बदलते समाज में महिलाओं की स्थिति
(घ) बढता प्रदूषण और जन-स्वास्थ्य
प्रश्न-4.
किसी दैनिक समाचार-पत्र के सम्पादक को
जान्ह्वी की ओर से एक पत्र लिखिए,जिसमें निरंतर मँहगी होती शिक्षा
को लेकर चिंता प्रकट की गई हो । (5)
अथवा
रेल यात्रा के दौरान साधारण श्रेणी के यात्रियों
को स्टेशनों एवं चलती गाडियों में मिलने वाली खान-पान की सामग्री संतोषजनक नहीं
होती। इस समस्या की ओर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए अधीक्षक,खान-पान
विभाग,रेल भवन,नई दिल्ली के नाम पत्र
लिखिए।
प्रश्न-5.
(अ)निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त
उत्तर दीजिए-
·
(क) ’उल्टापिरामिड’ शैली से आप क्या समझते हैं? (1)
·
(ख) ‘वॉचडॉग’ पत्रकारिता सेक्या आशय है? (1)
·
(ग) लाइव किसे कहते हैं? (1)
·
(घ)
हिंदी के किन्हीं दो राष्ट्रीय समाचार पत्रों के नाम लिखिए। (1)
·
(ड.)
जन संचार के किन्हीं तीन कार्यों का उल्लेख कीजिए। (1)
(आ) निम्नलिखित में से किसी एक विषय
पर आलेख लिखिए। (5)
(क) खेतीकी जमीन पर फैक्टरी लगाने को लेकर चलने वाली बहस में भाग लेते
हुए आलेख लिखिए।
(ख) आजादी के साठ सालों में गणतांत्रिक मूल्यों
का ह्रास हुआ है। भ्रष्टाचार ने हर क्षेत्र को ग्रस्त कर रखा है।–इस विषय पर एक
आलेख तैयार कीजिए।
प्रश्न-6.
‘ओलम्पिक खेल’अथवा ‘महानगरों में बढ़ते
अपराध की समस्या’ पर लगभग 150 शब्दों में एक फीचर तैयार कीजिए। (5)
खण्ड-ग
प्रश्न-7.
निम्नलिखित में से किसी एक काव्यांश
को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (२*4=8)
मैं यौवन का उन्माद लिए फिरता हूँ,
उन्मादों में अवसाद लिए फिरता हूँ,
जो मुझको बाहर
हँसा, रुलाती भीतर,
मैं,
हाय, किसी की याद लिए फिरता हूँ,
कर यत्न मिटे सब,सत्य
किसी ने जाना ?
नादान वहीं है, हाय, जहाँ पर दाना !
फिर मूढ न क्या
जग, जो इस पर भी सीखे
मैं सीख रहा हूँ,
सीखा ज्ञान भुलाना !
(क)कवि
जीवन में क्या लिए घूमता है? (2)
(ख)कवि
को बाहर-भीतर क्या हँसाता-रुलाता है ? (2)
(ग)‘नादान वही हैं, हाय,जहाँ पर दाना!’–कवि ने ऐसा क्यों कहा होगा ? (2)
(घ) कवि ने यह क्यों कहा कि सत्य किसी ने नहीं जाना ? (2)
अथवा
खेती न किसान को,भिखारी
न भीख,बलि,
बनिक को बनिज,न चाकर को चाकरी ।
जीविका बिहीन लोग सीद्यमान सोच बस,
कहें एक एकन सों ‘कहाँ जाई, का करी ?’
बेदहूँ पुरान कही,
लोकहूँ बिलोकिअत,
साँकरें सबैं पै, राम! रावरें कृपा करी।
दारिद-दसानन दबाई दुनी,
दीनबंधु !
दुरित-दहन देखि तुलसी
हहा करी ॥
(क)
येपंक्तियाँकिसकवितासेलीगईहैंऔरइसकेकविकौनहैं? (२)
(ख) तुलसी के समय की आर्थिक दशा कैसी थी? (2)
(ग)
वेदों में क्या कहा गया है? (2)
(घ)तुलसी ने रावण की तुलना किस से की है और क्यों? (2)
प्रश्न-8.
निम्नलिखित काव्यांश पर पूछे गए
प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (२*3=6)
प्रात नभ था
बहुत नीला शंख जैसे
भोर का नभ
राख से लीपा हुआ चौका
(अभी गीला पड़ा
है)
बहुत काली सिल जरा से लाल केसर से
कि जैसे धुल गई हो
स्लेट पर या लाल
खड़िया चाक
मल दी हो किसी ने ।
(क)प्रस्तुत काव्यांश का
भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए ।
(ख)कव्यांश में प्रयुक्त उपमा
अलंकार का उदाहरण चुनकर लिखिए ।
(ग)उपर्युक्त काव्यांश की
भाषा की दो विशेषताएं बताइए।
अथवा
नहला के छलके-छलके निर्मल जल से
उलझे हुए गेसुओं में कंघी करके
किस प्यार से देखता है बच्चा मुँह को
जब घुटनियों में ले के है पिन्हाती कपड़े ।
(क) प्रस्तुत काव्यांश का
भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए ।
(ख) प्रस्तुत काव्यांश की
भाषा संबंधी विशेषताएं बताइए।
(ग)पुनरुक्ति प्रकाश व अनुप्रास अलंकार छाँटिए।
प्रश्न-9.
निम्नलिखित में से किन्हीं दो
प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (3+3)
(क) ‘भाषा
को सहूलियत’ से बरतने से क्या अभिप्राय है?
(ख) कवि
के पास जो कुछ अच्छा-बुरा है, वह विशिष्ट और मौलिक कैसे है ?‘सहर्ष स्वीकारा है’ कविता के आधार पर उत्तर दीजिए ।
(ग) ‘कैमरे
में बंद अपाहिज’ करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता
है – विचार कीजिए।
प्रश्न-10. निम्नलिखित
में से किसी एक गद्यांश को पढकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -- (२*4=8)
बाजार
में एक जादू है।वह जादू आँख की राह काम करता है वह रुप का जादू है पर जैसे चुंबक
का जादू लोहे पर ही चलता है,वैसे ही इस जादू की भी मर्यादा
है।जेब भरी हो, और मन खाली हो, ऐसी
हालात में जादू का असर खूब होता है।जेब खाली पर मन भरा न हो तो भी जादू चल जायेगा।
मन खाली है तो बाजार की अनेकानेक चीजों का निमंत्रण उस तक पहुँच जाएगा।कहीं उस
वक्त जेब भरी हो तब तो फिर वह मन किसकी मानने वाला है! मालूम होता है यह भी लूँ, वह भी लूँ।सभी सामान जरुरी और आराम को बढाने वाला मालूम होता है। पर यह
सब जादू का असर है।जादू की सवारी उतरी कि फैंसी चीजों की बहुतायत आराम में मदद
नहीं देती, बल्कि खलल ही डालती है।
(क)बाजार के जादू को ‘रुप का जादू’ क्यों कहा गया है?
(ख)बाजार के जादू की मर्यादा स्पष्ट कीजिए।
(ग)बाजार का जादू किस प्रकार के लोगों को लुभाता है ?
(घ)इस जादू के
बंधन से बचने का क्या उपाय हो सकता है?
अथवा
चार्ली की अधिकांश फिल्में भाषा
का इस्तेमाल नहीं करती इसलिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा मानवीय होना पडा।सवाक्
चित्रपट पर कई बडे-बडे कॉमेडियन हुए हैं, लेकिन वे चैप्लिन
की सार्वभौमिकता तक क्यों नहीं पहुँच पाए इसकी पड़ताल अभी होने को है। चार्ली का
चिर-युवा होना या बच्चों जैसा दिखना एक विशेषता तो है ही,सबसे
बड़ी विशेषता शायद यह है कि वे किसी भी संस्कृति को विदेशी नहीं लगते। यानी उनके
आसपास जो भी चीजें,अड़ंगें, खलनायक, दुष्ट औरतें आदि रहते हैं वे एक सतत ‘विदेश’ या ‘परदेश’ बन जाते हैं और
चैप्लिन ‘हम’ बन जाते हैं। चार्ली के
सारे संकटों में हमें यह भी लगता है कि यह ‘मै’ भी हो सकता हूँ, लेकिन ‘मै’ से ज्यादा चार्ली हमें ‘हम’
लगतेहैं। यह संभव है कि कुछ अर्थों में ‘बस्टर कीटन’ चार्ली चैप्लिन से बड़ी हास्य-प्रतिभा हो लेकिन कीटन हास्य का काफ्का है
जबकि चैप्लिन प्रेमचंद के ज्यादा नजदीक हैं।
(क)चार्ली
की फिल्मों को मानवीय क्यों होना पड़ा?
(ख)चार्ली
चैप्लिन की सार्वभौमिकता का क्या कारण है ?
(ग)
चार्ली की फिल्मों की विशेषता क्या है ?
(घ) चार्ली के कारनामें हमें ‘मैं’ न लगकर ‘हम’ क्यों लगते हैं ?
प्रश्न-11. निम्नलिखित
में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (४*3=12)
(क)भक्तिन और लेखिका के बीच कैसा संबंध था ?‘भक्तिन’ पाठ के आधार पर बताइए ।
(ख)दिनों-दिन गहराते पानी के संकट से निपटने के लिए क्या आज का
युवावर्ग ‘काले मेघापानी दे’ की इंदर सेना
की तर्ज पर कोई सामूहिक आंदोलन प्रारम्भ कर सकता है ?
अपने विचार लिखिए ।
(ग)लुट्टन पहलवान ने ऐसा क्यों कहा होगा कि मेरा गुरु कोई पहलवान नहीं,
यही ढ़ोल है ?
(घ) ‘मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से जमीन और जनता बँट
नहीं जातीहै’- उचित तर्कों व उदाहरणों के जरिए इसकी पुष्टि
कीजिए ।
(ड.)द्विवेदी जी ने शिरीष को कालजयी अवधूत(संन्यासी) की तरह क्यों कहा
है ?
प्रश्न-12.
निम्नलिखित में से किन्हीं दो
प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (3+3=6)
(क) ‘सिल्वरवैडिंग’ में यशोधर बाबू एक ओर जहाँ
बच्चोंकी तरक्की से खुश होते हैं,वहीं कुछ ‘समहाउइंप्रॉपर’ भी अनुभवकरते हैं , ऐसा क्यों ?
(ख) मोहंजोदडो
की गृह-निर्माण योजना पर संक्षेप में प्रकाश डालिए ।
(ग) ऐन
फ्रेंक कौन थी, उसकी डायरी क्यों प्रसिद्ध है ?
प्रश्न-13
निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (2+2=4)
(क)सौंदलगेकर
कौन थे तथा उनकी क्या विशेषता थी ?
(ख)यशोधर
बाबू किससे प्रभावित थे ?
(ग़)ऐन ने 13जून, 1944 के दिन लिखी अपनी डायरी में
क्या बताया है ?
प्रश्न-14
निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए- (5)
‘सिंधु सभ्यता की खूबी उसका सौंदर्य-बोध है जो राज-पोषित या धर्म-पोषित न
होकर समाज-पोषित था।‘ ऐसा क्यों कहा गया ?
अथवा
‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी के आधार पर यशोधर बाबू के
चरित्र की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए |