प्रतिदर्श प्रश्न-पत्र 2016
कक्षा : १२
विषय:हिन्दी (केंद्रिक)
निर्धारित समय: ३ घंटे अधिकतम अंक: १००
खण्ड क
१.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान पूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए
प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर लिखिए :
लेखक का काम काफी हद तक मधुमक्खियों
के काम से मिलता-जुलता है| मधुमक्खियाँ मकरंद- संग्रह करने के लिए
कोसों दूर तक चक्कर लगाती हैं| वे सुंदर और अच्छे फूलों का रसपान करती हैं |तभी तो
उनके मधु में संसार का सर्वश्रेष्ठ माधुर्य रहता है | यदि आप अच्छा लेखक बनना
चाहते हैं तो आपको भी यही वृत्ति अपनानी
होगी | अच्छे ग्रंथों का खूब अध्ययन करना होगा और उनके विचारों का मनन करना होगा |
फिर आपकी रचनाओं में मधु का-सा माधुर्य आने लगेगा | कोई अच्छी उक्ति, कोई अच्छा
विचार भले ही दूसरों से ग्रहण किया गया हो, लेकिन उस पर यथेष्ट मनन कर आप उसे अपनी
रचना में स्थान देंगे, तो वह आपका ही हो जाएगा | मननपूर्वक लिखी हुई वस्तु के संबंध में किसी को यह कहने का साहस नहीं होगा कि वह
अमुक स्थान से ली गई है या उच्छिष्ट है |
जो बात आप अच्छी तरह आत्मसात कर लेंगे, वह मौलिक हो जाएगी |
(क) अच्छा
लेखक बनने के लिए क्या करना चाहिए ? ३
(ख) मधुमक्खी
एवं अच्छे लेखक में क्या समानताएँ होती
हैं ? ३
(ग) लेखक
अपनी रचनाओं में माधुर्य कैसे ला सकता है ? ३
(घ) कोई
भी बात मौलिक कैसे बनती है ? २
(ङ) मधुमक्खियों
के मधु में संसार की सर्व श्रेष्ठ मधुरता
कैसे आती है?२
(च) यथेष्ट
तथा उच्छिष्ट शब्दों के अर्थ लिखिए | १
(छ) उपर्युक्त
गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए | १
२.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यान पूर्वक
पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए: १*५=५
साक्षी है इतिहास हमीं पहले जागे हैं,
जाग्रत सब हो रहे हमारे ही आगे हैं,
शत्रु हमारे कहाँ नहीं भय से भागे?
कायरता से कहाँ प्राण हमने त्यागे हैं
?
हैं हमीं प्रकम्पित कर चुके, सुरपति
तक का भी हृदय
फिर एक बार हे विश्व गाओ तुम भारत की
विजय !
कहाँ प्रकाशित नहीं रहा है तेज हमारा,
दलित कर चुके शत्रु सदा हम पैरों
द्वारा,
बतलाओ तुम, कौन नहीं जो हम से हारा,
पर शरणागत हुआ कहाँ, कब हमें न प्यारा
बस युद्ध मात्र को छोड़कर, कहाँ नहीं हैं हम सदय !
फिर एक बार हे विश्व! तुम गाओ भारत की
विजय !
(क) ‘हमीं
पहले जागे हैं’ से क्या अभिप्राय है ?
(ख) ‘हैं
हमीं प्रकम्पित कर चुके, सुरपति तक का भी भी हृदय’ से भारतवासियों की किस विशेषता
का पता लगता है ?
(ग) हमारी
दयालुता का वर्णन कविता की किन पंक्तियों
में किया गया है ?
(घ) किसके
जयघोष करने के लिए कहा गया है?
(ङ) सुरपति तथा
शरणागत शब्दों के अर्थ लिखिए |
खण्ड ख
३.
निम्नलिखित विषयों में से किसी
एक पर निबंध लिखिए : ५
(क) संचार-क्रांति
और भारत
(ख) परिश्रम
: सफलता की कुंजी
(ग) महँगाई
की समस्या
(घ) पराधीन
सपनेहुँ सुख नाहीं
४.
स्ववृत्त (बायोडाटा) प्रस्तुत करते हुए केन्द्रीय विद्यालय विकासपुरी नई दिल्ली के
प्राचार्य को पुस्तकालय सहायक के पद हेतु आवेदन-पत्र लिखिए | ५
अथवा
दूरदर्शन के केन्द्र निदेशक को किसी विशेष कार्यक्रम की सराहना करते
हुए पत्र लिखिए ।
५.
(क) निम्न प्रश्नों के संक्षिप्त
उत्तर लिखिए- ५
(i)
फ़ीडबैक क्या है ?
(ii)
जनसंचार के प्रमुख माध्यम कौन –कौन
से हैं?
(iii)
पत्रकारीय लेखन से आप क्या समझते है?
(iv)
समाचार के प्रमुख तत्त्व लिखिए |
(v)
पीत पत्रकारिता से क्या अभिप्राय है?
(ख) ”एक दिवसीय
हरिद्वार यात्रा’ अथवा ”बेकार पदार्थों से
उपयोगी वस्तुएँ’ विषय पर प्रतिवेदन
लिखिए
।
६.
’बस्ते का बढ़ता बोझ’ अथवा ’जातीयता
का विष’ विषय पर फ़ीचर लिखिए । ५
खण्ड ग
७.
निम्नलिखित में
से किसी काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- ८
मैं निज उर के उद्गार लिये फ़िरता हूँ,
मैं निज उर के उपहार लिये फ़िरता हूँ,
यह अपूर्ण संसार न मुझको भाता ,
मैं स्वप्नों का संसार लिये फ़िरता
हूँ।
मैं जला हृदय में अग्नि, दहा करता
हूँ,
सुख-दुख दोनों में मग्न रहा करता हूँ,
जग भव सागर तरने को नाव बनाए,
मैं भव मौजों पर मस्त बहा करता हूँ।
(क) ’निज उर के उद्गार व उपहार’- से कवि का क्या
तात्पर्य है?
(ख) कवि
ने संसार को अपूर्ण क्यों
कहा?
(ग) कवि को संसार अच्छा क्यों नहीं लगता?
(घ) संसार
में कष्टों को सह कर भी खुशी का माहौल
कैसे बनाया जा सकता है ?
अथवा
किसबी
किसान-कुल, बनिक, भिखारि, भाट
चाकर, चपल
नट,चोर, चार, चेटकी ।
पेट को पढत,गुन
गढत ,चढत गिरि
अटत गहन वन ,
अहन अखेटकी ।
ऊँचे-नीचे
करम,धरम अधरम करि
पेट ही को पचत,
बेचत बेटा-बेटकी ।
‘तुलसी’ बुझाइ
एक राम घनश्याम ही तें ,
आगि बडवागितें
बड़ी हैं आगि पेटकी ||
(क) पेट भरने के लिए क्या – क्या करते हैं
?
(ख) कवि
ने किन – किन लोगों का वर्णन किया हैं ?
(ग) कवि
के अनुसार पेट की आग कौन बुझा सकता है ?
(घ) पेट
की आग को बडवाग्नि से भी बड़ा क्यों बताया गया है ?
८.
निम्नलिखित काव्यांश पर पूछे गए
प्रश्नों के उत्तर लिखिए – २*३=६
आखिरकार
वही हुआ जिसका मुझे डर था
जोर
जबरदस्ती से
बात
की चूड़ी मर गई
और
वह भाषा में बेकार घूमने लगी !
हार
कर मैंने उसे कील की तरह
उसी
जगह ठोंक दिया |
(क) बात
की चूड़ी मर जाने व बेकार घूमने से कवि का क्या आशय है?
(ख) काव्यांश
में प्रयुक्त दोनों उपमाओं के प्रयोग सौंदर्य पर टिप्पणी कीजिए |
(ग) रचनाकार
के सामने कथ्य और माध्यम की क्या समस्या थी?
अथवा
आंगन में ठुनक रहा है जिदयाया है
बालक तो हई चाँद पे ललचाया है ,
दर्पण उसे दे के कह रही है माँ
देख आइने में चाँद उतर आया है ।
(क) काव्यांश
की भाषा की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
(ख) यह
काव्यांश किस छंद में लिखा गया है तथा
उसकी क्या विशेषता है ?
(ग) ’देख
आइने में चाँद उतर आया है’-कथन के सौंदर्य को स्पष्ट कीजिए ।
९.
किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए
–३*२=६
(क) क्रान्ति
की गरजना का शोषक-वर्ग पर क्या प्रभाव पड़ता है ? उनका मुख ढाँपना किस मानसिकता का
द्योतक है ?
(ख) फ़िराक
की रुबाइयों में उभरे घरेलू जीवन के बिंबों का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए ।
(ग) कैमरे
में बंद कविता में निहित व्यंग्य को उजागर कीजिए ।
१०.गद्यांश को पढ़कर
पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए – २*४=८
पर उस जादू की जकड़ से बचने का
सीधा – सा उपाय है | वह यह कि बाजार जाओ तो खाली मन न हो | मन खाली हो, तब बाजार न जाओ | कहते हैं लू
में जाना हो तो पानी पीकर जाना चाहिए | पानी भीतर हो, लू का लू-पन व्यर्थ हो जाता है | मन लक्ष्य में भरा हो तो बाजार भी
फैला –का- फैला ही रह जाएगा | तब वह घाव बिल्कुल नहीं दे सकेगा , बल्कि कुछ आनंद ही देगा | तब बाजार
तुमसे कृतार्थ होगा , क्योंकि तुम कुछ-न-कुछ सच्चा लाभ उसे दोगे | बाजार की असली
कृतार्थता है आवश्यकता के साथ काम आना |
(क) बाजार
के जादू की पकड़ से बचने का सीधा – सा उपाय क्या है ?
(ख) बाजार
कब नहीं जाना चाहिए और क्यों ?
(ग) बाजार
की सार्थकता किसमें है ?
(घ) बाजार
से कब आनंद मिलता है ?
अथवा
एक बार मुझे मालूम होता है कि यह शिरीष एक अदभुत अवधूत है | दुःख हो
या सुख,वह हार नहीं मानता | न ऊधो का लेना, न माधो का देना | जब धरती और आसमान
जलते रहते हैं, तब भी यह हजरत न जाने कहाँ से अपना रस खींचते रहते हैं | मौज में
आठों याम मस्त रहते हैं | एक वनस्पतिशास्त्री ने मुझे बताया है कि यह उस श्रेणी का
पेड़ है जो वायुमंडल से अपना रस खींचता है| जरुर खींचता होगा | नहीं तो भयंकर लू के
समय इतने कोमल तंतुजाल और ऐसे सुकुमार केसर को कैसे उगा सकता था? अवधूतों के मुँह से ही संसार की सबसे सरस रचनाएँ निकली हैं
| कबीर बहुत कुछ इस शिरीष के समान थे, मस्त और बेपरवा, पर सरस और मादक | कालिदास
भी अनासक्त योगी रहे होंगे | शिरीष के फूल फक्कड़ाना मस्ती से ही उपज सकते हैं और
‘मेघदूत‘ का काव्य उसी प्रकार के अनासक्त, अनाविल, उन्मुक्त हृदय में उमड़ सकता है
| जो कवि अनासक्त नहीं रह सका, जोफक्कड़ नहीं बन सका, जो किए – किराए का लेखा- जोखा मिलाने में उलझ गया, वह क्या कवि
है ?
(क) लेखक
ने शिरीष को क्या संज्ञा दी है तथा क्यों ?
(ख) वनस्पतिशास्त्री
के अनुसार शिरीष कैसे जीवित रहता है ?
(ग) ‘अवधूतों
के मुहँ से ही संसार की सबसे सरस रचनाएँ
निकली हैं’- आशय स्पष्ट करें |
(घ) लेखक
ने सच्चे कवि के बारे में क्या बताया है ?
११.किन्हीं चार
प्रश्नों के उत्तर दीजिए –३*४=१२
(क) चार्ली
चैप्लिन कौन था ? उसके भारतीयकरण से लेखक का क्या आशय है ?
(ख) भक्तिन
द्वारा शास्त्र के प्रश्न को सुविधा से सुलझा लेने का क्या उदाहरण लेखिका ने दिया
है ?
(ग) ‘गगरी
फूटी बैल पियासा’ इन्दर सेना के इस खेलगीत में बैलों को प्यासा रहने की बात क्यों
मुखरित हुई है ?
(घ) लुट्टन
के राजपहलवान लुट्टन सिंह बन जाने के बाद की दिनचर्या पर प्रकश डालिए ।
(ङ) आदर्श
समाज के तीन तत्त्वों में से एक भ्रातृता
को रखकर लेखक ने अपने आदर्श समाज म्रें स्त्रियों
को भी सम्मिलित किया है अथवा नहीं ? आप इस भ्रातृता शब्द से कहाँ तक सहमत
हैं ?
१२.किन्हीं दो
प्रश्नों के उत्तर दीजिए – ३*२=६
(क) ”डायरी
के पन्ने’ के आधार पर महिलाओं के बारे में ऐन के विचारों पर टिप्पणी कीजिए।
(ख) अपने
घर में अपनी ’सिल्वर वैडिंग’ के आयोजन में भी यशोधर बाबू की अनेक बातें ’सम हाउ
इंप्रोपर’ लग रही थीं , ऐसा क्यों ?
(ग) ‘जूझ’
शीर्षक को उपयुक्त ठहराने के लिए तीन तर्क
दीजिए ।
१३.किन्हीं दो
प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए-२*२=४
(क) सिन्धु-सभ्यता
के सबसे बड़े शहर मुअन-जोदड़ो की नगर-योजना दर्शकों को अभिभूत क्यों करती है? स्पष्ट
कीजिए ।
(ख) ’जूझ’
कहानी में देसाई सरकार की भूमिका पर प्रकश डालिए ।
(ग) ऐसी
दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए जो सेक्सन ऑफिसर वाई.डी. पंत को अपने रोल मॉडल किसन
दा से उत्तराधिकार में मिली थी ।
१४.‘मुअनजोदड़ो’ के
खनन से प्राप्त जानकारियों के आधार पर सिन्धु-सभ्यता की विशेषताओं पर एक लेख लिखिए
। ५
अथवा
’सिल्वर वैडिंग’ कहानी के आधार पर यशोधर बाबू के व्यक्तित्व की चार
विशेषताओं पर सोदाहरण प्रकश डालिए ।