Skip to main content

कक्षा 12 CBSE (हिंदी कोर) अभ्यास Class 12th Hindi Solution

कक्षा 12 (हिंदी कोर) अभ्यास



अप्रैल

1.आत्म परिचयएक गीत- हरिवंश राय बच्चन 
2.भक्तिन – महादेवी वर्मा
3.सिल्वर वैडिंग- मनोहर श्याम जोशी
4. जनसंचार एवं पत्रकारिता
जनसंचार एवं परकारिता प्रश्न 
प्रिंट माध्यम प्रेजेंटेशन Sway
रेडियो Sway
दूरदर्शन प्रजेंटेसन Sway
पत्रकारीय लेखन 
मई-जून 
1.पतंग – आलोक धन्वा

2.कविता के बहानेबात सीधी थी पर – कुंवर नारायण 

3.बाजार दर्शन – जैनेन्द्र कुमार
जुलाई 
1.कैमरे में बंद अपाहिज – रघुवीर सहाय

2.काले मेघा पानी दे – धर्मवीर भारती 

3.जूझ – आनंद यादव 

4 पत्र लेखन – (औपचारिक पत्र)

6.सम्पादकीय परिचय 
अगस्त 
1.सहर्ष स्वीकारा है – गजानन माधव मुक्तिबोध 

2.पहलवान की ढोलक – फणीश्वर नाथ रेणु

3.अतीत में दबे पाँव – ओम थानवी
सितम्बर 
1.उषा –शमशेर बहादुर सिंह 
2.बादल राग-निर!ला 
3-चार्लीचैप्लिन यानी हम सब-विष्णु खरे
4-नमक-रजिया सज्जाद जहीर
5-डायरी के पन्ने-ऐन फ्रैंक
6.रिपोर्ट
7. आलेख 
8.रोजगार सम्बन्धी पत्र
अक्टूबर 
1.कवितावली,लक्ष्मण-मूर्च्छा और राम का विलाप – तुलसीदास
Presentation LMRV
कवितावली प्रश्न बैंक प्रेजेंटेशन
3.रुबाइयां गजल-फ़िराक गोरखपुरी
4. शिरीष के फूल- हजारी प्रसाद द्विवेदी
5. फीचर-लेखन
6. अपठित- गद्यांश,पद्यांश
7. निबन्ध-सांस्कृतिक विषयों पर(विभिन्नता में एकता)
8. छोटा मेरा खेत-उमाशंकर जोशी
बगुलों के पख-उमाशंकर जोशी
9. श्रम- विभाजन और जाति-प्रथा-डॉ. आंबेडकर
मेरी कल्पना का आदर्श समाज- डॉ. आंबेडकर
नवम्बर 
1. विभिन्न समस्याओं पर विभागीय अधिकारियों को लिखे जाने वाले पत्र




Popular posts from this blog

नया साल ! क्या सचमुच नया है ?

31 दिसम्बर की रात, पूरा माहौल रंगीन और जश्न में डूबा है। उत्तेजना बढ़ती जाती है और इकतीस दिसंबर की आधी रात हम सोचते हैं कि पुराना साल रात की सियाही में डुबोकर कल सब कुछ नया हो जाएगा। यह एक रस्म है जो हर साल निभाई जाती है, जबकि हकीकत यह है कि दिन तो रोज ही नया होता है, लेकिन रोज नए दिन को न देख पाने के कारण हम वर्ष में एक बार नए दिन को देखने की कोशिश करते हैं। दिन तो कभी पुराना नहीं लौटता, रोज ही नया होता है, लेकिन हमने अपनी पूरी जिंदगी को पुराना कर डाला है। उसमें नए की तलाश मन में बनी रहती है। तो वर्ष में एकाध दिन नया दिन मानकर अपनी इस तलाश को पूरा कर लेते हैं। यह सोचने जैसा है जिसका पूरा वर्ष पुराना होता हो उसका एक दिन नया कैसे हो सकता है? जिसकी पूरे साल पुराना देखने की आदत हो वह एक दिन को नया कैसे देख पाएगा? देखने वाला तो वही है, वह तो नहीं बदल गया। जिसके पास ताजा मन हो वह हर चीज को ताजी और नई कर लेता है, लेकिन हमारे पास ताजा मन नहीं है। इसलिए हम चीजों को नया करते हैं। मकान पर नया रंग-रोगन कर लेते हैं, पुरानी कार बदलकर नई कार ले लेते हैं, पुराने कपड़े की जगह नया कपड़ा लाते हैं। हम...

Teachers day शिक्षा व्यवस्था बनाम शिक्षा

कोई भी व्यक्ति ठीक अर्थों में शिक्षक तभी हो सकता है जब उसमें विद्रोह की एक अत्यंत ज्वलंत अग्नि हो। जिस शिक्षक के भीतर विद्रोह की अग्नि नहीं है वह केवल किसी न किसी निहित, स्वार्थ का, चाहे समाज, चाहे धर्म, चाहे राजनीति, उसका एजेंट होगा। शिक्षक के भीतर एक ज्वलंत अग्नि होनी चाहिए विद्रोह की, चिंतन की, सोचने की। लेकिन क्या हममें सोचने की अग्नि है और अगर नहीं है तो आ एक दुकानदार हैं। शिक्षक होना बड़ी और बात है। शिक्षक होने का मतलब क्या है? क्या हम सोचते हैं- सारी दुनिया में सिखाया जाता है बच्चों को, बच्चों को सिखाया जाता है, प्रेम करो! लेकिन कभी  विचार किया है कि पूरी शिक्षा की व्यवस्था प्रेम पर नहीं, प्रतियोगिता पर आधारित है। किताब में सिखाते हैं प्रेम करो और पूरी व्यवस्था, पूरा इंतजाम प्रतियोगिता का है। जहां प्रतियोगिता है वहां प्रेम कैसे हो सकता है। जहां काम्पिटीशन है, प्रतिस्पर्धा है, वहां प्रेम कैसे हो सकता है। प्रतिस्पर्धा तो ईर्ष्या का रूप है, जलन का रूप है। पूरी व्यवस्था तो जलन सिखाती है। एक बच्चा प्रथम आ जाता है तो दूसरे बच्चों से कहते हैं कि देखो तुम पीछे रह गए और यह पहले आ ...

Online MCQ test Vachya वाच्य

Loading…