कैमरे में बंद अपाहिज
रघुवीर सहाय
अर्थ-ग्रहण-संबंधी प्रश्न
हम दूरदर्शन पर बोलेंगे
हम समर्थ शक्तिवान
हम एक दुर्बल को लाएँगे
एक बंद कमरे में
उससे पूछेंगे तो आप क्या
अपाहिज हैं?
तो आप क्यों अपाहिज हैं ?
प्रश्न १:- ‘हम दूरदर्शन पर बोलेंगे हम समर्थ
शक्तिवान’-का निहित अर्थ स्पष्ट कीजिए |
उत्तर :- इन पंक्तियों में अहं की ध्वनित
अभिव्यक्ति है ‚ पत्रकारिता
का बढ़ता वर्चस्व दर्शाया गया है ।
प्रश्न२:- हम एक दुर्बल को लाएँगे– पंक्ति का व्यंग्यार्थ स्पष्ट कीजिए |
उत्तर :- पत्रकारिता के क्षेत्र में करुणा का
खोखला प्रदर्शन एक परिपाटी बन गई है|
प्रश्न३:- आप क्या अपाहिज हैं?
तो आप
क्यों अपाहिज हैं ?पंक्ति द्वारा कवि किस विशिष्ट अर्थ की
अभिव्यक्ति करने में सफल हुआ है?
उत्तर :- पत्रकारिता में व्यावसायिकता के चलते
संवेदनहीनता बढ़ती जा रही है | यहाँ अपेक्षित
उत्तर प्राप्त करने का अधैर्य व्यक्त हुआ है ।
सौंदर्य-बोध-ग्रहण संबंधी अन्य प्रश्न
प्रश्न १:- इन पंक्तियों का लाक्षणिक अर्थ स्पष्ट
कीजिए |
“फिर हम परदे पर दिखलाएँगे
फूली हुई ऑंख की एक बड़ी तस्वीर
बहुत बड़ी तस्वीर
और उसके होंठों पर एक कसमसाहट भी”
उत्तर:- - लाक्षणिक अर्थ :- दृश्य माध्यम का
प्रयोग, कलात्मक, काव्यात्मक, सांकेतिक प्रस्तुति का मात्र दिखावा।
“कैमरा बस करो
नहीं हुआ
रहने दो”
लाक्षणिक अर्थ :- व्यावसायिक उद्देश्य पूरा न होने की खीझ
“परदे पर वक्त की कीमत है।“–
लाक्षणिक अर्थ :-- सूत्र वाक्य ‚क्रूर व्यावसायिक उद्देश्य का उद्घाटन
प्रश्न२ :-
रघुवीर सहाय की काव्य कला की विशेषताएँ लिखिए |
उत्तर :-
रघुवीर सहाय की काव्य कला की विशेषताएँनिम्नलिखित हैं -
- कहानीपन
और नाटकीयता
- बोलचाल
की भाषा के शब्दः– बनाने
के वास्ते‚ संग
रुलाने हैं।
- सांकेतिकता– परदे पर
वक्त की कीमत है।
- बिंब :–फूली हुई आँख की एक बड़ी तस्वीर
कैमरे में बंद अपाहिज
विषय-वस्तु पर आधारित प्रश्नोत्तर
प्रश्न१:- दूरदर्शन पर एक अपाहिज का साक्षात्कार
किस उद्देश्य से दिखाया जाता है?
उत्तर
:-दूरदर्शन पर एक अपाहिज का साक्षात्कार‚ व्यावसायिक
उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दिखाया जाता है।
प्रश्न२:- अंधे को अंधा कहना किस मानसिकता का
परिचायक है?
उत्तर :-अंधे को अंधा कहना‚ क्रूर और
संवेदनाशून्य मानसिकता का परिचायक है।
प्रश्न३ :-कविता में यह मनोवृति किस प्रकार
उद्घाटित हुई है?
उत्तर
:- दूरदर्शन पर एक अपाहिज व्यक्ति को प्रदर्शन की वस्तु मान कर उसके
मन की पीड़ा को कुरेदा जाता है‚ साक्षात्कारकत्र्ता को उसके निजी सुखदुख से
कुछ लेनादेना नहीं होता है।
प्रश्न४ :-‘हम समर्थ शक्तिवान एवं हम एक दुर्बल को लाएंगे’ में निहितार्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
:-साक्षात्कारकर्तास्वयं को पूर्ण मान कर‚ एक अपाहिज व्यक्ति को दुर्बल समझने का अहंकार
पाले हुए है।
प्रश्न५:-
अपाहिज की शब्दहीन पीड़ा को मीडियाकर्मी किस प्रकार अभिव्यक्त कराना चाहता है?
उत्तर :-मीडियाकर्मी अपाहिज की लाल सूजी
हुई ऑंखों को‚ पीड़ा की सांकेतिक अभिव्यक्ति के रूप में
प्रस्तुत करना चाहता है।
प्रश्न६:-क्यामीडियाकर्मी सफल होता है‚ यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर :-मीडियाकर्मी सफल नहीं होता क्यों कि
प्रसारण समय समाप्त हो जाता है और प्रसारण समय के बाद यदि अपाहिज व्यक्ति रो भी
देता तो उससे मीडियाकर्मी का व्यावसायिक उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता था उसलिए अब
उसे अपाहिज व्यक्ति के आंसुओं में कोई दिलचस्पी नहीं थी।
प्रश्न७:- नाटकीय कविता की अंतिम परिणति किस रूप
में होती है?
उत्तर
:-बार बार प्रयास करने पर भी मीडियाकर्मी‚ अपाहिज व्यक्ति को रोता हुआ नहीं दिखा पाता।वह
खीझ जाता है और खिसियानी मुस्कुराहट के साथ कार्यक्रम समाप्त कर
देता है |’सामाजिक उद्देश्य से युक्त कार्यक्रम’शब्दों में व्यंग्य
है क्योंकि मीडिया के छद्म व्यावसायिक उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो
पाती |
प्रश्न८
:-‘परदे
पर वक्त की कीमत है’ में निहित संकेतार्थ को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
:-प्रसारण समय में रोचक सामग्री
परोस पाना ही मीडिया कर्मियों का एकमात्र उद्देश्य होता
है।अन्यथा उनके सामाजिक सरोकार मात्र एक दिखावा हैं।