अपठित:निर्धारित
अंक:- कक्षा बारहवीं के लिए 20 अंक (गद्य-१५ तथा पद्य-5 अंक) एवं कक्षा ग्यारहवीं के लिए 15 अंक निर्धारित हैं|
अपठित अंश को हल करने के लिए आवश्यक निर्देश :
अपठित अंश में २० अंकों के प्रश्न पूछे जाएँगे,
जो गद्य और पद्य दो रूपों में होंगे| ये
प्रश्न एक या दो अंकों के होते हैं | उत्तर देते समय निम्न बातों को ध्यान में रख
कर उत्तर दीजिए –
१.
दिए गए गद्यांश अथवा पद्यांश कोपूछे
गए प्रश्नों के साथ ध्यान पूर्वक दो बार
पढ़िए |
२.
प्रश्नों के उत्तर देने के लिए सबसे
पहले सरलतम प्रश्न का उत्तर दीजिए और मिलने पर उसको रेखांकित कर प्रश्न संख्या लिख दीजिए, फिर सरलतम से
सरलतर को क्रम से छाँट कर रेखांकित कर प्रश्न संख्या लिखते जाएँ |
३.
उत्तर की भाषा आपकी अपनी भाषा होनी चाहिए
|
४.
गद्यांश में व्याकरण से तथा काव्यांश
में सौंदर्य-बोध से संबंधित प्रश्नों को
भी पूछा जाता है, इसलिए व्याकरण और काव्यांग की सामान्य जानकारी को अद्यतन रखें |
५.
उत्तर को अधिक विस्तार न देकर संक्षेप
में लिखें|
६.
पूछे गए अंश के कथ्य में जिस तथ्य को
बार-बार उठाया गया है, उसी के आधार पर
शीर्षक लिखें | शीर्षक एक या दो शब्दों का होना चाहिए |
अपठित गद्यांश का नमूना- निर्धारित
अंक: १५
मैं
जिस समाज की कल्पना करता हूँ, उसमें गृहस्थ संन्यासी और संन्यासी गृहस्थ होंगे
अर्थात संन्यास और गृहस्थ के बीच वह दूरी नहीं रहेगी जो परंपरा से चलती आ रही है|
संन्यासी उत्तम कोटि का मनुष्य होता है, क्योंकि उसमें संचय की वृत्ति नहीं होती,
लोभ और स्वार्थ नहीं होता | यही गुण
गृहस्थ में भी होना चाहिए | संन्यासी भी वही श्रेष्ठ है जो समाज के लिए कुछ काम
करे| ज्ञान और कर्म को भिन्न करोगे तो समाज में विषमता उत्पन्न होगी ही |मुख में
कविता और करघे पर हाथ, यह आदर्श मुझे पसंद था |इसी की शिक्षा मैं दूसरों को भी
देता हूँ और तुमने सुना है या नहीं की नानक ने एक अमीर लडके के हाथ से पानी पीना
अस्वीकार कर दिया था | लोगों ने कहा –“गुरु जी यह लड़का तो अत्यंत संभ्रांत कुल का
है, इसके हाथ का पानी पीने में क्या दोष है ?” नानक बोले-“तलहत्थी में मेहनत के
निशाननहीं हैं | जिसके हाथ में मेहनत के ठेले पड़े नहीं होते उसके हाथ का पानी पीने में
मैं दोष मानता हूँ |” नानक ठीक थे | श्रेष्ठ समाज वह है, जिसके सदस्य जी खोलकर
मेहनत करते हैं और तब भी जरूरत से ज्यादा धन पर अधिकार जमाने की उनकी इच्छा नहीं
होती |
प्रश्नों
का नमूना-
(क) ‘गृहस्थ
संन्यासी और संन्यासी गृहस्थ होंगे’ से लेखक का क्या आशय है? २
(ख) संन्यासी
को उत्तम कोटि का मनुष्य कहा गया है, क्यों ? १
(ग) श्रेष्ठ समाज के क्या लक्षण बताए गए हैं? १
(घ) नानक ने अमीर लड़के के हाथ से पानी पीना क्यों
अस्वीकार किया ? २
(ङ) ‘मुख में कविता और करघे पर हाथ’- यह उक्ति किसके
लिए प्रयोग की गई है और क्यों ? २
(च) श्रेष्ठ संन्यासी के क्या गुण बताए गए हैं ?१
(छ) समाज में विषमता से आप क्या समझते हैं और यह कब उत्पन्न होती है ? २
(ज) संन्यासी शब्द का संधि-विच्छेद कीजिए | १
(झ) विषमता शब्द का विलोम लिख कर उसमें प्रयुक्त
प्रत्यय अलग कीजिए | २
(ञ) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए | १
उत्तर
–
(क) गृहस्थ
जन संन्यासियों की भाँति धन-संग्रह और मोह से मुक्त रहें तथा संन्यासी जन गृहस्थों
की भाँति सामाजिक कर्मों में सहयोग करें, निठल्ले न रहें |
(ख) संन्यासी
लोभ, स्वार्थ और संचय से अलग रहता है |
(ग) श्रेष्ठ समाज के सदस्य भरपूर परिश्रम करते हैं तथा
आवश्यकता से अधिक धन पर अपना अधिकार नहीं जमाते |
(घ) अमीर
लड़के के हाथों में मेहनतकश के हाथों की
तरह मेहनत करने के निशान नहीं थे और नानक
मेहनत करना अनिवार्य मानते थे |
(ङ) ”मुख
में कविता और करघे में हाथ’ कबीर के लिए कहा गया है | क्योंकि उसके घर में जुलाहे
का कार्य होता था और कविता करना उनका स्वभाव था |
(च) श्रेष्ठ
संन्यासी समाज के लिए भी कार्य करता है |
(छ) समाज
में जब ज्ञान और कर्म को भिन्न मानकर आचरण
किए जाते हैं तब उस समाज में विषमता मान
ली जाती है |ज्ञान और कर्म को अलग करने पर ही समाज में विषमता फैलती है |
(ज) सम्
+ न्यासी
(झ) विषमता
– समता, ‘ता’ प्रत्यय
(ञ) संन्यास-गृहस्थ
अपठित काव्यांश का नमूना- निर्धारित
अंक: ५
तुम भारत, हम भारतीय हैं, तुम माता, हम बेटे,
किसकी हिम्मत है कि तुम्हें दुष्टता-दृष्टि से
देखे |
ओ माता, तुम एक अरब से अधिक भुजाओं वाली,
सबकी रक्षा में तुम सक्षम, हो अदम्य बलशाली |
भाषा, वेश, प्रदेश भिन्न हैं, फिर भी भाई-भाई,
भारत की साझी संस्कृति में पलते भारतवासी |
सुदिनों में
हम एक साथ हँसते, गाते, सोते हैं,
दुर्दिन में भी साथ-साथ जागते, पौरुष धोते हैं |
तुम हो शस्य-श्यामला, खेतों में तुम लहराती हो,
प्रकृति प्राणमयी, साम-गानमयी, तुम न किसे भाती
हो |
तुम न अगर होती तो धरती वसुधा क्यों कहलाती ?
गंगा कहाँ बहा करती, गीता क्यों गाई जाती ?
प्रश्न
नमूना:
(क) साझी
संस्कृति का क्या भाव है ? १
(ख) भारत
को अदम्य बलशाली क्यों कहा गया है ? १
(ग) सुख-दुःख
के दिनों में भारतीयों का परस्पर सहयोग कैसा होता है ? १
(घ) साम-गानमयी
का क्या तात्पर्य है ? १
(ङ) ‘ओ
माता, तुम एक अरब से अधिक भुजाओं वाली’ में
कौन-सा अलंकार
है?१
उत्तर
–
(क) भाषा,
वेश, प्रदेश भिन्न होते हुए भी सभी के सुख-दुःख एक हैं |
(ख) भारत
की एक अरब से अधिक जनता अपनी मजबूत भुजाओं से सबकी सुरक्षा करने में समर्थ है |
(ग) भारतीयों का व्यवहार आपसी सहयोग और अपनेपन से भरा है सब
संग-संग हँसते-गाते हैं और संग-संग कठिनाइयों से जूझते हैं |
(घ) सुमधुर
संगीत से युक्त |
(ङ) रूपक
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