Skip to main content

आत्म परिचय (अध्ययन)

1 कविता :आत्म परिचय
हरिवंश राय बच्चन
‘आत्मपरिचय’- ‘निशा निमंत्रण’ गीत-संग्रह  का एक गीत
सार :-
1. स्वयं को जानना दुनिया को जानने से अधिक कठिन भी है और आवश्यक भी .
2.  व्यक्ति के लिए समाज से निरपेक्ष एवं उदासीन रहना न तो संभव है न ही उचित है .दुनिया अपने व्यंग्य बाणों ,शासन –प्रशासन से चाहे कितना कष्ट दे ,पर दुनिया से कट कर  व्यक्ति  अपनी पहचान नहीं बना सकता .परिवेश ही व्यक्ति को बनाता है, ढालता है .
3. इस कविता में कवि ने समाज एवं परिवेश से प्रेम एवं संघर्ष का संबंध निभाते हुए जीवन में  सामंजस्य स्थापित करने की बात की है .
4. छायावादोत्तर  गीति काव्य में प्रीति-कलह का यह विरोधाभास दिखाई देता है. व्यक्ति और समाज का संबंध इसी प्रकार प्रेम और संघर्ष का है जिसमें कवि  आलोचना की परवाह न करते हुए संतुलन स्थापित करते हुए चलता है .
5 ‘नादान वहीं है हाय ,जहाँ पर दाना’ पंक्ति के माध्यम से कवि सत्य की खोज के लिए ,अहंकार को त्याग कर नई सोच अपनाने पर जोर दे रहा है .
काव्य-खंड पर आधारित  दो प्रकार के प्रश्न पूछे जाएँगे – अर्थग्रहण-संबंधी एवं सौंदर्य-बोध-संबंधी
अर्थग्रहण-संबंधी प्रश्न
1“मैं जग-जीवन का भार लिए फिरता हूँ,
फिर भी जीवन में प्यार लिए फिरता हूँ,
कर दिया किसी ने झंकृत जिनको छूकर,
मैं साँसों के दो तार लिए फिरता हूँ.“
प्रश्न 1:-कवि अपने हृदय में क्या - क्या लिए फिरता है?
उत्तर:- कवि अपने सांसारिक अनुभवों के सुख - दुख हृदय में लिए फिरता है।
प्रश्न 2:- कवि का जग से कैसा रिश्ता है ?
उत्तर:- कवि का  जगजीवन से खट्टामीठा रिश्ता है।
प्रश्न3:- परिवेश का व्यक्ति से क्या संबंध है?मैं साँसों के दो तार लिए फिरता हूँ.“के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है ?
उत्तर:- संसार में रह कर संसार से निरपेक्षता संभव नहींहै क्योंकि परिवेश में रहकर ही व्यक्ति की पहचान बनती है।उसकी अस्मिता सुरक्षित रहती है।
प्रश्न4:-  विरोधों के बीच कवि का जीवन किस प्रकार व्यतीत होता है?
उत्तर:-दुनिया के साथ संघर्षपूर्ण संबंध के चलते कवि का जीवन-विरोधों के बीच सामंजस्य करते हुए व्यतीत होता है।
सौंदर्य-बोध संबंधी प्रश्न
मैं स्नेह-सुरा का पान किया करता हूँ,
मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ,
जग पूछ रहा उनको जो जग की गाते,
मैं अपने मन का गान किया करता हूँ।
प्रश्न 1:-  कविता की इन पंक्तियों से अलंकार छाँट कर लिखिए|
उत्तर :-स्नेह- सुरारूपक अलंकार
प्रश्न 2:- कविता में प्रयुक्त मुहावरे लिखिए :-
उत्तर :-‘जग पूछ रहा’‘जग की गाते’‘मन का गान’ आदि मुहावरों का प्रयोग
प्रश्न3:- कविता में प्रयुक्त शैली का नाम लिखें |
उत्तर :- गीति-शैली


कविता
आत्म-परिचय
विषय-वस्तु पर आधारित प्रश्नोत्तर
प्रश्न1:-कवि कौन-कौन-सी स्थितियों में मस्त रहता है और क्यों?
उत्तर:- कवि सांसारिक सुख-दुख की दोनों परिस्थितियों में मग्न रहता है।उसके पास प्रेम की सांत्वना दायिनी अमूल्य निधि है।
प्रश्न2:-कवि भव-सागर से तरने के लिए क्या उपाय अपना रहा है?
उत्तर:- संसार के कष्टों को सहते हुए हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि कष्टों को सहना पड़ेगा। इसके लिए मनुष्य को हँस कर कष्ट सहना चाहिए।
प्रश्न3:-’अपने मन का गान’ का क्या आशय है?
उत्तर:- संसार उन लोगों को आदर देता है जो उसकी बनाई लीक पर चलते हैं परंतु कवि केवल वही कार्य करता है जो उसके मन, बुद्धि और विवेक  को अच्छा लगता है।   
प्रश्न4:- ’नादान वहीं हैं हाय जहाँ पर दाना’ का क्या आशय है?
उत्तर:- जहाँ कहीं मनुष्य को विद्वत्ता ‌का अहंकार है वास्तव में वही नादानी का सबसे बड़ा लक्षण है।
प्रश्न5:- ’रोदन में राग’  कैसे संभव है?
उत्तर:- कवि की रचनाओं में व्यक्त पीड़ा वास्तव में उसके हृदय में मानव मात्र के प्रति व्याप्त प्रेम का ही सूचक है।
प्रश्न6:- ”मैं फूट पड़ा तुम कहते छंद बनानाका अर्थ स्पष्ट कीजिए।

 उत्तर:- कवि की श्रेष्ठ रचनाएँ वास्तव में उसके मन की पीड़ा की ही अभिव्यक्ति है जिनकी सराहना संसार श्रेष्ठ साहित्य कहकर किया करता है।

Popular posts from this blog

CCS(CCA) Rules (SUSPENSION) rule-10

PART IV SUSPENSION 10.          Suspension (1)       The appointing authority or any authority to which it is subordinate or the disciplinary authority or any other authority empowered in that behalf by the President, by general or special order, may place a Government servant under suspension- (a)        where  a disciplinary proceeding against him is contemplated or is pending; or  (aa)      where, in the opinion of the authority aforesaid, he has engaged himself in activities prejudicial to the interest of the security of the State; or (b)        where a case against him in respect of any criminal offence is under investigation, inquiry or trial: Provided that, except in case of an order of suspension made by the Comptroller and Auditor - General in regard to a member of the Indian Audit and Accounts...

दिन जल्दी जल्दी ढलता है- भावार्थ सारांश - पाठ योजना - प्रश्न उत्तर

इकाई पाठ – योजना कक्षा      – बारहवीं पुस्तक       –  आरोह ( भाग -२) विषय - वस्तु –  कविता प्रकरण      –   ‘ दिन ज़ल्दी –ज़ल्दी ढलता है ’ शिक्षण - उद्देश्य :- (क)                      ज्ञानात्मक – (१)                                मनुष्य - मात्र के स्वभाव एवं व्यवहार की जानकारी देना। (२)                                मानवीय गुणों से परिचित कराना। (३)                        ...