कविता के बहाने
कुँवर नारायण
कुँवर नारायणकी रचनाओं में संयम‚ परिष्कार एवं साफ सुथरापन है।यथार्थ
का कलात्मक संवेदनापूर्ण चित्रण उनकी रचनाओं की विशेषता है।उनकी रचनाएँ जीवन
को समझने की जिज्ञासा है यथार्थ– प्राप्ति की घोषणा नहीं।वैयक्तिक एवं
सामाजिक तनाव व्यंजनापूर्ण ढ़ंग से उनकी रचनाओं में स्थान में पाता
है।प्रस्तुत कविता में कवित्व शक्ति का वर्णन है। कविता चिड़िया की उड़ान की तरह
कल्पना की उड़ान है लेकिन चिड़िया के उड़ने की अपनी सीमा है जबकि कवि अपनी कल्पना के
पंख पसारकर देश और काल की सीमाओं से परे उड़ जाता है।
फूल कविता लिखने की प्रेरणा तो बनता है लेकिन
कविता तो बिना मुरझाए हर युग में अपनी खुशबू बिखेरती रहती है।
कविता बच्चों के खेल के समान है और समय और काल की
सीमाओं की परवाह किए बिना अपनी कल्पना के पंख पसारकर उड़ने की कला बच्चे भी जानते
है।
- मानवी
बिंबों के माध्यम से काव्य रचना– प्रक्रिया
को प्रस्तुत किया गया है।
- कविता में
चिड़िया फूल और बच्चे के प्रतीकों के माध्यम से बच्चे की रचनात्मक ऊर्जा
की तुलना कविता-रचना से की गई है।चिड़िया की उड़ान फूल का विकास
अपनी सीमा में आबद्ध है परन्तु कवि की कल्पना शक्ति एवं बालक
के स्वप्न व ऊर्जा असीम है।
- साहित्य का महत्व‚ प्राकृतिक सौन्दर्य की अपेक्षा मानव के भाव-सौन्दर्य
की श्रेष्ठता का प्रतिपादन किया गया है।
“कविता की उड़ान है चिड़िया के बहाने
कविता की उड़ान भला चिड़िया क्या जाने
बाहर भीतर
इस घर ,उस घर
कविता के पंख लगा उड़ने के माने
चिड़िया क्या जाने?”
प्रश्न १:- इन पंक्तियों की भाषा संबंधी विशेषताएं लिखिए |
उत्तर :- इन पंक्तियों की भाषा संबंधी विशेषताएं निम्नलिखित हैं :-
१ नए
प्रतीक :-चिड़िया‚ ।
२
मुहावरों का सटीक प्रयोग :–सब घर एक कर देना‚ कवि की कल्पना की उर्वर शक्ति जिसका प्रयोग करने
में कवि जमीन-आसमान एक कर देता है |
प्रश्न २
कविता की उड़ान –का लाक्षणिक अर्थ स्पष्ट कीजिए |
उत्तर :-काव्य की सूक्ष्म अर्थ निरूपण शक्ति ,कवि
की कल्पना का विस्तार
प्रश्न :- कविता के पंख किसका प्रतीक हैं ?
उत्तर :-कवि की कल्पना
शक्ति का |