Skip to main content

डायरी के पन्ने-अध्ययन

डायरी के पन्ने:  ऐन फ्रैंक
पाठ का सार –  ‘डायरी के पन्ने’ पाठ में ‘द डायरी ऑफ ए यंग गर्ल’ नामक ऐन फ्रैंक की डायरी  के कुछ अंश दिए गए हैं| ‘द डायरी ऑफ ए यंग गर्ल’ ऐन फ्रैंक द्वारा दो साल अज्ञातवास के दरम्यान लिखी गई थी| १९३३ में फ्रैंकफर्ट के नगरनिगम चुनाव में हिटलर की नाजी पार्टी जीत गई| तत्पश्चात यहूदी-विरोधी प्रदर्शन बढ़ने लगे | ऐन फ्रैंक का परिवार असुरक्षित महसूस करते हुए नीदरलैंड के एम्सटर्डम शहर में जा बसा |द्वितीय विश्वयुद्ध की शुरुआत तक(१९३९) तो सब ठीक था| परंतु १९४० में नीदरलैंड पर जर्मनी का कब्ज़ा हो गया ओर यहूदियों के उत्पीड़न का दौर शुरु हो गया| इन परिस्थितियों के कारण १९४२ के जुलाई मास में फ्रैंक परिवारजिसमें माता-पिता,तेरह वर्ष की ऐन ,उसकी बड़ी बहन मार्गोट तथा दूसरा परिवार –वानदान परिवार ओर उनका बेटा पीटरतथा इनके साथ एक अन्य व्यक्ति मिस्टर डसेल दो साल तक गुप्त आवास में रहे| गुप्त आवास में इनकी सहायता उन कर्मचारियों ने की जो कभी मिस्टर फ्रैंक के दफ्तर में काम करते थे||‘द डायरी ऑफ ए यंग गर्ल’ ऐन फ्रैंक द्वारा उस दो साल अज्ञातवास के दरम्यान लिखी गई थी|अज्ञातवास उनके पिता मिस्टर ऑटो फ्रैंक का दफ्तर ही था| ऐन फ्रैंक को तेरहवें जन्मदिन पर एक डायरी उपहार में मिली थी ओर उसमें उसने अपनी एक गुड़िया-किट्टी को सम्बोधित किया है|
ऐनअज्ञातवास में पूरा दिन– पहेलियाँ बुझाती, अंग्रेज़ी व फ्रेंच बोलती, किताबों की समीक्षा करती, राजसी परिवारों की वंशावली देखती, सिनेमा ओर थिएटर की पत्रिका पढ़ती और उनमें से नायक-नायिकाओं के चित्र काटतेबिताती थी| वह मिसेज वानदान की हर कहानी को बार-बार सुनकर बोर हो जाती थी ओर मि. डसेल भी पुरानी बातें– घोड़ों की दौड़, लीक करती नावें, चार बरस की उम्र में तैर सकने वाले बच्चे आदि सुनाते रहते|
उसने युद्ध संबंधी जानकारी भी दी है- कैबिनेट मंत्री मि. बोल्के स्टीन ने लंदन से डच प्रसारण में यह घोषणा की थी कि युद्ध के बाद युद्ध के दौरान लिखी गईं डायरियों का संग्रह किया जाएगा, वायुयानों से तेज़ गोलाबारी, हज़ार गिल्डर के नोट अवैध घोषित किए गए | हिटलर के घायल सैनिकों में हिटलर से हाथ मिलाने का जोश , अराजकता का माहौल- कार, साईकिल की चोरी, घरों की खिड़की तोड़ कर चोरी, गलियों में लगी बिजली से चलने वाली घड़ियाँ, सार्वजनिक टेलीफोन चोरी कर लिए गए|
ऐन फ्रैंक ने नारी स्वतंत्रता को महत्त्व दिया,उसने नारी को एक सिपाही के बराबर सम्मान देने की बात कही|  एक तेरह वर्षीय किशोरी के मन की बेचैनी को भी व्यक्त किया- जैसे मि. डसेल की ड़ाँट-फटकार ओर उबाऊ भाषण, दूसरों की बातें सुनकर मिसेज फ्रैंक का उसेडाँटना ओर उस पर अविश्वास करना, बड़ों के द्वारा उसके काम ओर केशसज्जा पर टीका-टिप्पणी करना, सिनेमा की पत्रिका खरीदने पर फिज़ूलखर्ची का आरोप लगाना, पीटर द्वारा उसके प्रेम को उजागर न करना आदि|
ऐन फ्रैंक की डायरी के द्वारा द्वितीय विश्वयुद्ध की विभीषिका, हिटलर एवं नाजियों द्वारा यहूदियों का उत्पीड़न, डर, भुखमरी, गरीबी, आतंक, मानवीय संवेदनाएँ, प्रेम, घृणा, तेरह साल की उम्र के सपने, कल्पनाएँ, बाहरी दुनिया से अलग-थलग पड़ जाने की पीड़ा, मानसिक ओर शारीरिक जरूरतें, हँसी-मज़ाक, अकेलापन आदि का जीवंत रूप देखने को मिलता है |
प्रश्नोत्तर –
. ‘‘ऐन की डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज है, तो साथ ही उसके निजी
सुख-दुःख और भावनात्मक उथल-पुथल का भी। इन पृष्ठों में दोनों का फर्क मिट गया है। ’’ इस कथन पर विचार करते हुए अपनी सहमति या असहमति तर्कपूर्वक व्यक्त करें।
      उत्तरःऐन की डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज है, तो साथ ही उसके निजी सुख-दुःख और भावनात्मक उथल-पुथल का भी क्योंकि इसमें ऐन ने द्वितीय विश्वयुद्ध के समय हॉलैंड के यहूदी परिवारों की अकल्पनीय यंत्रणाओं का वर्णन करने के साथ-साथ, वहाँ की राजनैतिक स्थिति एवं युद्ध की विभीषिका का जीवंत वर्णन किया है।वायुयानों से तेज़ गोलाबारी, हज़ार गिल्डर के नोट अवैध घोषित किए गए , हिटलर के घायल सैनिकों में हिटलर से हाथ मिलाने का जोश , अराजकता का माहौलआदि| साथ हीयह डायरी, ऐन के पारिवारिक सुख-दुःख और भावनात्मक स्थिति को प्रकट करती है- गरीबी, भुखमरी,अज्ञातवास में जीवन व्यतीत करना, दुनिया से बिलकुल कट जाना ,पकड़े जाने का डर, आतंक। यह डायरी एक ओर वहाँ के राजनैतिक वातावरण में सैनिकों की स्थिति, आचरण व जनता पर होने वाले अत्याचार दिखाती हैं तो दूसरी ओरएक तेरह वर्ष की किशोरी की मानसिकता, कल्पना का संसार ओर उलझन को भीदिखाती है जो ऐन की आपबीती है। इस तरह यह डायरी ऐतिहासिक दस्तावेज होने के साथ-साथ ऐन के जीवन के सुख-दुख का चित्रण भी है ।
. ‘‘यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज है। एक ऐसी आवाज जो किसी सन्त या कवि की नहीं, बल्कि एक साधारण-सी लड़की की है।’’ इल्या इहरनबुर्ग की इस टिप्पणी के संदर्भ में ऐन फ्रैंक की डायरी के पठित अंशों पर विचार करें।
      उत्तरः  उस समय यूरोप में लगभग साठ लाख यहूदीथे।द्वितीय विश्वयुद्ध में नीदरलैंड पर जर्मनी का कब्ज़ा हो गया और हिटलर की नाजी फौज ने यहूदियों को विभिन्न प्रकार से यंत्रणाएं देने लगे | उन्हें तरह-तरह के भेदभाव पूर्ण ओर अपमानजनक नियम-कायदों को मानने  के लिए बाध्य किया जाने लगा |गेस्टापो (हिटलर की खुफिया पुलिस) छापे मारकर यहूदियों को अज्ञातवास से ढूँढ़ निकालती ओर यातनागृह में भेज देती| अतः चारों तरफ अराजकता फैली हुई थी। यहूदी अज्ञातवास में निरंतर अंधेरे कमरों में जीने को मजबूरथे।उन्हें एक अमानवीय जीवन जीने को बाध्य होना पड़ा|हिटलर की नाजी फौजका खौफ उन्हें हरवक्त आतंकित करता रहता था | ऐन ने डायरी के माध्यम से न केवलनिजी सुख-दुःख और भावनाओं को व्यक्त किया,बल्कि लगभग साठ लाख यहूदी समुदाय की दुख भरी जिन्दगी को लिपिबद्ध किया है। इसलिए इल्या इहरनबुर्ग की यह टिप्पणी कि ‘‘यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज है। एक ऐसी आवाज जो किसी संत या कवि की नहीं, बल्कि एक साधारण-सी लड़की की है।सर्वमान्य एवं सत्य है।
. ऐन फ्रैंक कौन थी?उसने अपनी डायरी में किस काल की घटनाओं का चित्रण किया है?यह क्यों  महत्वपूर्ण है?
       उत्तर:. ऐन फ्रैंक एक यहूदी लड़की थी। उसने अपनी डायरी में द्वितीय विश्वयुद्ध (1939-1945) के दौरान हिटलर की नाजी फौज ने यहूदियों को विभिन्न प्रकार से यंत्रणाएं दीं| यह डायरी युद्ध के दौरान फैली अराजकता और राजनेतिक परिदृश्य को दर्शाती है| यह नाजियों द्वारा यहूदियों पर किए गए जुल्मों का एक प्रामाणिक दस्तावेज है और साथ ही साथ एक तेरह वर्षीय किशोरी की भावनाएँ और मानसिकता को समझाने में सहायक है।
. डायरी के पन्ने पाठ में मि. डसेल एवं पीटर का नाम कई बार आया है। इन दोनों का विवरणात्मक परिचय दें।
      उत्तरः  मि.डसेल- ऐन के पिता के साथ काम करते थे। वे ऐन व परिवार के साथ अज्ञातवास में रहे थे। डसेल उबाऊ लंबे-लंबे भाषण देते थे और अपने जमाने के किस्से सुनाते रहते थे। ऐन को अक्सर डाँटते थे । वे चुगलखोर थे और ऐन की मम्मी से ऐन की सच्ची-झूठी शिकायतें करते थे ।
पीटर- मिस्टर और मिसेज वानदान का बेटा था |वह ऐन का हमउम्र था। ऐन का उसके प्रति आकर्षण बढ़ने लगा था और वह यह मानने लगी थी कि वह उससे प्रेम करती है।ऐन के जन्मदिन पर पीटर ने उसे फूलों का गुलदस्ता भेंट किया था| किंतु पीटर सबके सामने प्रेम उजागर करने से डरता था| वह साधारणतया शांतिप्रिय, सहज व आत्मीय व्यवहार करने वाला था।
. . किट्टी कौन थी?ऐनफ्रैंक ने किट्टी को संबोधित कर डायरी क्यों लिखी?
      उत्तरः  ‘किट्टी’ऐन फ्रैंक की गुड़िया थी। गुड़िया को मित्र की भाँति संबोधित करने से गोपनीयता भंग होने का डर न था।अन्यथा नाजियों द्वारा अत्याचार बढ़ने का डर व उन्हें अज्ञातवास का पता लग सकता था।| ऐन ने स्वयं (एक तेरह वर्षीय किशोरी) के मन की बेचैनी को भी व्यक्त करने का ज़रिया किट्टी को बनाया |वह हृदय में उठ रही कई भावनाओं को दूसरों के साथ बाँटना चाहती थी किंतु अज्ञातवास में उसके लिए किसी के पास समय नहीं था| मि. डसेल की ड़ाँट-फटकार ओर उबाऊ भाषण ,दूसरों के द्वारा उसके बारे में सुनकर मम्मी (मिसेज फ्रैंक) का उसेड़ाँटना ओर उस पर अविश्वास करना, बड़ों का उसे लापरवाह और तुनकमिजाज मानना और उसे छोटी समझकर उसके विचारों को महत्त्व न देना , उसके ह्रदय को कचोटता था |अतः उसने किट्टी को अपना हमराज़ बनाकर डायरी में उसे ही संबोधित किया|
 ‘ऐन फ्रैंक की डायरी यहूदियों पर हुए जुल्मों का जीवंत दस्तावेज हैपाठ के आधार पर यहूदियों पर हुए अत्याचारों का विवरण दें।
       उत्तरः हिटलर की नाजी सेना ने यहूदियों को कैद कर यातना शिविरों में डालकर यातनाएँ दी। उन्हें गैस चैंबर में डालकर मौत के घाट उतार दिया जाता था। कई यहूदी भयग्रस्तहोकर अज्ञातवास मेंचले गए जहाँ उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में जीना पड़ा| अज्ञातवास में उन्हें सेन्धमारों से भी निबटना पड़ा।। उनकी यहूदी संस्कृति को भी कुचल डाला गया।
१.      डायरी के पन्नेपाठ किस पुस्तक से लिया गया है?वह कब प्रकाशित हुई?किसने प्रकाशित कराई?
     उत्तरः यह पाठ ऐनफ्रैंक द्वारा डच भाषा में लिखी गई द डायरी ऑफ ए यंग गर्ल नामक पुस्तक से लिया गया है। यह १९४७ में ऐन फ्रैंक की मृत्यु के बाद उसके पिता मिस्टर ऑटो फ्रैंक ने प्रकाशित कराई।
अन्य महत्त्वपूर्ण अभ्यास-प्रश्न:
.“काश, कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता| अफसोस, ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला.... ”| क्या आपको लगता है किऐन के इस कथन में उसके डायरी लेखन का कारण छुपा हुआ है ?
. अज्ञातवास में उबाऊपन दूर करने के लिए ऐन फ्रैंक व वान परिवार क्या करते थे ?
. डच मंत्री कि किस घोषणा से ऐन रोमांचित हो उठी?
. ऐन के अनुसार युद्ध में घायल सैनिक गर्व का अनुभव क्यों कर रहे थे ?
. ‘हर कोई जानता था कि बुलावे का क्या मतलब होता है’| ऐन की डायरी के आधार पर लिखिए |

. ‘प्रकृति ही तो एक ऐसा वरदान है, जिसका कोई सानी नहीं है।ऐसा क्यों कहा गया है?

Popular posts from this blog

सिल्वर वैडिंग-अध्ययन

सिल्वर वैडिंग – मनोहर श्याम जोशी पाठ का सार- सिल्वर वेडिंग’ कहानी की रचना मनोहर श्याम जोशी ने की है| इस पाठ के माध्यम से पीढ़ी के अंतराल का मार्मिक चित्रण किया गया है| आधुनिकता के दौर में, यशोधर बाबू परंपरागत मूल्यों को हर हाल में जीवित रखना चाहते हैं| उनका उसूलपसंद होना दफ्तर एवम घर के लोगों के लिए सरदर्द बन गया था | यशोधर बाबू को दिल्ली में अपने पाँव जमाने में किशनदा ने मदद की थी, अतः वे उनके आदर्श बन गए| दफ्तर में विवाह की पच्चीसवीं सालगिरह के दिन ,दफ्तर के कर्मचारी, मेनन और चड्ढा उनसे जलपान के लिए पैसे माँगते हैं | जो वे बड़े अनमने ढंग से देते हैं क्योंकि उन्हें फिजूलखर्ची पसंद नहीं |यशोधर  बाबू के तीन बेटे हैं| बड़ा बेटा भूषण, विज्ञापन कम्पनी में काम करता है| दूसरा बेटा आई. ए. एस. की तैयारी कर रहा है और तीसरा छात्रवृति के साथ अमेरिका जा चुका है| बेटी भी डाक्टरी की पढ़ाईं के लिए अमेरिका जाना चाहती है, वह विवाह हेतु किसी भी वर को पसंद नहीं करती| यशोधर बाबू बच्चों की तरक्की से खुश हैं किंतु परंपरागत संस्कारों के कारण वे दुविधा में हैं| उनकी पत्नी ने स्वयं को बच्चों क...

CCS(CCA) Rules (SUSPENSION) rule-10

PART IV SUSPENSION 10.          Suspension (1)       The appointing authority or any authority to which it is subordinate or the disciplinary authority or any other authority empowered in that behalf by the President, by general or special order, may place a Government servant under suspension- (a)        where  a disciplinary proceeding against him is contemplated or is pending; or  (aa)      where, in the opinion of the authority aforesaid, he has engaged himself in activities prejudicial to the interest of the security of the State; or (b)        where a case against him in respect of any criminal offence is under investigation, inquiry or trial: Provided that, except in case of an order of suspension made by the Comptroller and Auditor - General in regard to a member of the Indian Audit and Accounts...