Skip to main content

मेरे बचपन के दिन -प्रश्नोत्तर

1. 'मैं उत्पन्न हुई तो मेरी बड़ी खातिर हुई और मुझे वह सब नहीं सहना पड़ा जो अन्य लड़कियों को सहना पड़ता है।' इस कथन के आलोक में आप यह पता लगाएँ कि -
(क) उस समय लड़कियों की दशा कैसी थी ?
(ख) लड़कियों के जन्म के संबंध में आज कैसी परिस्थितियाँ हैं ?

उत्तर

(क) उस समय लड़कियों की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। उस समय का समाज पुरुष प्रधान था। पुरुषों को समाज में ऊँचा दर्जा प्राप्त था। पुरुषों के सामने नारी को अत्यंत हीन दृष्टि से देखा जाता था। इसका एक कारण समाज में व्याप्त दहेज-प्रथा भी थी। इसी कारण से लड़कियों के जन्म के समय या तो उसे मार दिया जाता था या तो उन्हें बंद कमरे की चार दीवारी के अंदर कैद करके रखा जाता था। शिक्षा को पाने का अधिकार भी केवल लड़कों को ही था। कुछ उच्च वर्गों की लड़कियाँ ही शिक्षित थी परन्तु उसकी संख्या भी गिनी चुनी थी। ऐसी लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।

(ख) आज लड़कियों के जन्म के संबंध में स्थितियाँ थोड़ी बदली हैं। आज शिक्षा के माध्यम से लोग सजग हो रहें हैं। लड़का-लड़की का अंतर धीरे-धीरे हो रहा हैं। आज लड़कियों को लड़कों की तरह पढ़ाया-लिखाया भी जाता है। परंतु लड़कियों के साथ भेदभाव पूरी-तरह समाप्त नहीं हुआ है। आज भ्रूण-हत्याएँ हो रही हैं, इसलिए सरकार कड़े कानून बना रहीं है।

2. लेखिका उर्दू-फ़ारसी क्यों नहीं सीख पाई ?

उत्तर

लेखिका को बचपन में उर्दू पढ़ाने के लिए मौलवी रखा गया परन्तु उनकी इसमें रूचि न होने के कारण वो उर्दू-फारसी नही सीख पायीं।

3. लेखिका ने अपनी माँ के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है ?

उत्तर

लेखिका की माता अच्छे संस्कार वाली महिला थीं। वे धार्मिक स्वभाव की महिला थीं। वे पूजा-पाठ किया करती थीं। वे ईश्वर में आस्था रखती थीं। सवेरे "कृपानिधान पंछी बन बोले" पद और प्रभाती गाती थीं। शाम को मीरा के पद गाती थीं। वे लिखा भी करती थीं। लेखिका ने अपनी माँ के हिंदी-प्रेम और लेखन गायन के शौक का वर्णन किया है। उन्हें हिंदी तथा संस्कृत का अच्छा ज्ञान था। इसलिए इन दोनों भाषाओं का प्रभाव महादेवी पर भी पड़ा।

4. जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक संबंधों को लेखिका ने आज के संदर्भ में स्वप्न जैसे क्यों कहा है ?

उत्तर

पहले हिंदु- मुस्लिम को लेकर इतना भेदभाव नहीं था। हिंदु और मुस्लिम दोनों एक ही देश में प्रेम पूर्वक रहते थे। स्वतंत्रता के पश्चात् हिंदु और मुस्लिम संबन्धों में बदलाव आ गया है। आपसी फूट के कारण देश दो हिस्सों में बँट गया − पाकिस्तान मुस्लिम प्रधान देश के रुप में प्रतिष्ठित है तथा हिंदुस्तान में हिंदुओं का वर्चस्व कायम है। ऐसी परिस्थिति में हिंदु तथा मुस्लिम दो अलग-अलग धर्मों के लोगों का प्रेमपूर्वक रहना स्वप्न समान प्रतीत होता है।

रचना और अभिव्यक्ति

5. ज़ेबुन्निसा महादेवी वर्मा के लिए बहुत काम करती थी। ज़ेबुन्निसा के स्थान पर यदि आप होतीं / होते तो महादेवी से आपकी क्या अपेक्षा होती ?

उत्तर

अगर में ज़ेबुन्निसा के जगह पर होता/होती तो मैं उनसे प्रेम और आदर की अपेक्षा रखता/रखती। उनसे पढाई में सहयोग प्राप्त करना और कविता-काव्य लिखने का प्रोत्साहन पाना चाहता/चाहती।

6. महादेवी वर्मा को काव्य प्रतियोगिता में चाँदी का कटोरा मिला था। अनुमान लगाइए कि आपको इस तरह का कोई पुरस्कार मिला हो और वह देशहित में या किसी आपदा निवारण के काम में देना पड़े तो आप कैसा अनुभव करेंगे / करेंगी ?

उत्तर

हमारा भी देश के प्रति कई कर्तव्य हैं। अगर मुझे भी देशहित या आपदा निवारण के सहयोग में अपने पुरस्कार को त्याग करना पड़े तो इसमें मुझे प्रसन्नता होगी। आखिर मेरा कुछ तो देश या लोगो के काम आ पाया। देश प्रेम के आगे पुरस्कार का कोई मूल्य नहीं है।

7. लेखिका ने छात्रावास के जिस बहुभाषी परिवेश की चर्चा की है उसे अपनी मातृभाषा में लिखिए।

उत्तर

लेखिका "महादेवी वर्मा" के छात्रावास का परिवेश बहुभाषी था। कोई हिंदी बोलता था तो किसी की भाषा उर्दू थी। वहाँ कुछ मराठी लड़किया भी थीं, जो आपस में मराठी बोलती थीं। अवध की लड़कियाँ आपस में अवधी बोलती थीं। बुंदेलखंड की लड़कियाँ बुंदेली में बात करती थीं। अलग-अलग प्रांत के होने के बावजूद भी वे आपस में हिंदी में ही बातें करती थीं। छात्रावास में उन्हें हिंदी तथा उर्दू दोनों की शिक्षा दी जाती थी।

भाषा अध्यन

10. पाठ से निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए - विद्वान, अनंत, निरपराधी, दंड, शांति।

उत्तर

1.  विद्वान - मूर्ख
2. अनंत - संक्षिप्त
3. निरपराधी - अपराधी
4. दंड - पुरस्कार
5. शांति - अशांति

पृष्ठ संख्या: 75

11. निम्नलिखित शब्दों से उपसर्ग/प्रत्यय अलग कीजिए और मूल शब्द बताइए -
निराहारी, साम्प्रदायिकता, अप्रसन्नता, अपनापन, किनारीदार, स्वतंत्रता

उत्तर

निराहारी - निर्‌ + आहार + ई
सांप्रदायिकता - सम्प्रदाय + इक + ता
अप्रसन्नता - अ + प्रसन्न + ता
अपनापन - अपना + पन
किनारीदार - किनारा + ई + दार
स्वतंत्रता - स्वतंत्र + ता

12. निम्नलिखित उपसर्ग-प्रत्ययों की सहायता से दो -दो-शब्द लिखिए -
उपसर्ग - अन्, अ, सत्, स्व, दुर्
प्रत्यय - दार, हार, वाला, अनीय

उत्तर

उपसर्ग -

1. अन् - अन्वेषण, अनशन
2. अ - असत्य, अन्याय
3. सत् - सत्चरित्र, ,सत्कर्म
4. स्व - स्वराज, स्वाधीन
5. दुर् - दुर्जन, दुर्व्यवहार

प्रत्यय -

1. दार - किनारेदार, दुकानदार
2. हार - पालनहार, तारनहार
3. वाला - फलवाला, मिठाईवाला
4. अनीय - दर्शनीय, आदरनीय

13. पाठ में आए सामासिक पद छाँटकर विग्रह कीजिए -
पूजा-पाठ पूजा और पाठ

उत्तर
(1) पूजा-पाठ = पूजा और पाठ
(2) उर्दू-फ़ारसी  = उर्दू और फ़ारसी
(3) पंचतंत्र  = पाँच तंत्रो से बना है जो
(4) दुर्गा-पूजा = दुर्गा की पूजा
(5) छात्रावास  = छात्रों का आवास

Popular posts from this blog

CCS(CCA) Rules (SUSPENSION) rule-10

PART IV SUSPENSION 10.          Suspension (1)       The appointing authority or any authority to which it is subordinate or the disciplinary authority or any other authority empowered in that behalf by the President, by general or special order, may place a Government servant under suspension- (a)        where  a disciplinary proceeding against him is contemplated or is pending; or  (aa)      where, in the opinion of the authority aforesaid, he has engaged himself in activities prejudicial to the interest of the security of the State; or (b)        where a case against him in respect of any criminal offence is under investigation, inquiry or trial: Provided that, except in case of an order of suspension made by the Comptroller and Auditor - General in regard to a member of the Indian Audit and Accounts...

दिन जल्दी जल्दी ढलता है- भावार्थ सारांश - पाठ योजना - प्रश्न उत्तर

इकाई पाठ – योजना कक्षा      – बारहवीं पुस्तक       –  आरोह ( भाग -२) विषय - वस्तु –  कविता प्रकरण      –   ‘ दिन ज़ल्दी –ज़ल्दी ढलता है ’ शिक्षण - उद्देश्य :- (क)                      ज्ञानात्मक – (१)                                मनुष्य - मात्र के स्वभाव एवं व्यवहार की जानकारी देना। (२)                                मानवीय गुणों से परिचित कराना। (३)                        ...