नमक
लेखिका
- रजिया सज्जाद जहीर
सारांश -‘नमक’भारत-पाक विभाजन पर लिखित मार्मिक कहानी है | विस्थापित हुए लोगों में
अपने–अपने जन्म स्थानों के प्रति आज भी लगाव है| धार्मिक आधार पर बनी
राष्ट्र-राज्यों की सीमा-रेखाएँ उनके अंतर्मन को अलग नहीं कर पाई हैं | भारत में
रहने वाली सिख बीवी लाहौर को अपना वतन मानती है और भारतीय कस्टम अधिकारी, ढाका के
नारियल पानी को यादकर उसे सर्वश्रेष्ठ
बताता है। दोनो देशों के नागरिकों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद आज भी कायम है
इसीलिए सफ़िया भारत में रहने वाली अपनी मुँहबोली माँ, सिख बीवी के लिए लाहौरी नमक
लाने के लिए कस्टम और कानून की परवाह नहीं करती।
प्रश्न1- ‘नमक’
पाठ के आधार पर बताइए कि सफिया और उसके भाई के विचारों में क्या अंतर था?
उत्तर- १-सफिया भावनाओं को
बहुतमहत्त्व देती है पर उसका भाई बौद्धिक प्रवृत्ति का है, उसकी दृष्टि
में कानून भावनाओं से ऊपर है|
२-सफिया मानवीय संबंधों को बहुत महत्त्व देती है
जबकि उसका भाई अलगाववादी विचारधारा का है, हिस्से-बखरे की बात करता है |
३-सफिया का भाई कहता है कि अदीबों(साहित्यकार) का दिमाग
घूमा हुआ होता है जबकि सफिया जो स्वयं अदीब है उसका मानना है कि अगर सभी लोगों का
दिमाग अदीबों की तरह घूमा हुआ होता तो दुनिया कुछ बेहतर हो जाती |
प्रश्न२- नमक ले
जाते समय सफ़िया के मन में क्या दुविधा थी ?
उत्तर-सफिया सैयद मुसलमान थी जो हर
हाल में अपना वायदा निभाते हैं| पाकिस्तान से लाहौरी नमक ले जाकर वह अपना वायदा
पूरा करना चाहती थी परन्तु जब उसे पता चला कि कस्टम के नियमों के अनुसार सीमापार
नमक ले जाना वर्जित है तो वह दुविधा में पड़ गई | सफ़िया का द्वंद्व यह था कि वह
अपनी सिख माँ के लिए नमक, कस्टम अधिकारियों को बताकरले जाए या छिपाकर|
प्रश्न३- पाठ के
आधार पर सफिया की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए |
उत्तर संकेत –
१- भावुक
२- ईमानदार
३- दृढ़निश्चयी
४- निडर
५- वायदे को निभाने वाली
६- मानवीय मूल्यों को सर्वोपरि मानने वाली
साहित्यकार
प्रश्न ४- ‘नमक’ पाठ में आए
किरदारों के माध्यम से स्पष्ट कीजिए कि आज भी भारत और पाकिस्तान की जनता के बीच
मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है |
उत्तर – भले ही राजनीतिक और धार्मिक
आधार पर भारत और पाकिस्तान को भौगोलिक रूप से विभाजित कर दिया गया है लेकिन दोनों
देशों के लोगों के हृदय में आज भी पारस्परिक भाईचारा, सौहार्द्र, स्नेह और
सहानुभूति विद्यमान है | राजनीतिक तौर पर भले ही संबंध तनावपूर्ण हों पर सामाजिक
तौर पर आज भी जनता के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है | अमृतसर में
रहने वाली सिख बीबी लाहौर को अपना वतन कहती है और लाहौरी नमक का स्वाद नहीं भुला
पाती | पाकिस्तान का कस्टम अधिकारी नमक की पुड़िया सफिया को वापस देते हुए कहता है
”जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहना |” भारतीय सीमा पर तैनात कस्टम अधिकारी
ढाका की जमीन को और वहाँ के पानी के स्वाद को
नहीं भूल पाता |
गद्यांश-आधारित
अर्थग्रहण संबंधित प्रश्नोत्तर
गद्यांश संकेत- पाठ– नमक (पृष्ठ १३४)
सफिया कस्टम के जंगले से
...........................दोनों के हाथों में थी |
(क)
सफिया
कस्टम के जँगले से निकलकर दूसरे प्लेटफार्म पर आ गयी वे वहीं खड़े रहे– इस वाक्य
में ‘वे’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है ?
उत्तर- यहाँ ‘वे’ शब्द का प्रयोग पाकिस्तानी
कस्टम अधिकारी के लिए किया गया है जो विभाजन से पूर्व दिल्ली में रहते थे और आज भी
दिल्ली को ही अपना वतन मानते हैं |
(ख)
प्लेटफार्म
पर सफिया को विदा करने कौन-कौन आए थे, उन्होंने सफिया को कैसे विदाई दी ?
उत्तर- प्लेटफार्म पर सफिया को विदा करने उसके
बहुत सारे मित्र, सगे संबंधी और भाई आए
थे| उन्होंने ठंडी साँस भरते हुए, भिंचे हुए होंठों के साथ, आँसू बहाते हुए सफिया
को विदाई दी |
(ग) अटारी में रेलगाड़ी में क्या परिवर्तन हुए ?
उत्तर- अटारी में रेलगाड़ी से पाकिस्तानी पुलिस
उतरी और हिन्दुस्तानी पुलिस सवार हो गई|
(घ) कौन सी बात सफिया की समझ में नहीं आ रही थी ?
उत्तर- दोनों ओर एक सी जमीन, एक जैसा आसमान, एक
सी भाषा, एक सा पहनावा और एक सी सूरत के लोग फिर भी दोनों के हाथों में भरी हुई
बंदूकें हैं |