पाठ योजना
कक्षा
– बारह्बीं
विषय- हिंदी
पाठ- जूझ: अतीत में दबे पाँव: ओम थानवी
समयावधि
–01 अगस्त से 31 अगस्त 2016
पाठ
का संक्षिप्त परिचय –
यहओम थानवी के यात्रा-वृत्तांत
और रिपोर्ट का मिला-जुला रूप है|उन्होंने इस पाठ में विश्व के सबसे पुराने और
नियोजित शहरों-मुअनजो-दड़ो तथा हड़प्पा का वर्णन किया है | पाकिस्तान के सिंध
प्रांत में मुअनजो-दड़ो ओर पंजाब प्रांत में हड़प्पा नाम के दो नगरों को
पुरातत्वविदों ने खुदाई के दौरान खोज निकाला था|मुअनजो-दड़ो ताम्रकाल का
सबसे बड़ा शहर था |मुअनजो-दड़ो अर्थात मुर्दों
का टीला| यह नगर मानव निर्मित छोटे–छोटे टीलों पर बना था |मुअनजो-दड़ो में
प्राचीन और बड़ा बौद्ध स्तूप है | इसकी नगर योजना अद्वितीय है| लेखक ने खंडहर हो चुके टीलों, स्नानागार, मृद-भांडों,
कुओं–तालाबों, मकानों व मार्गों का उल्लेख किया है जिनसे शहर की सुंदर नियोजन
व्यवस्था का पता चलता है| बस्ती में घरों के दरवाजे मुख्य सड़क की ओर नहीं खुलते,
हर घर में जल निकासी की व्यवस्था है, सभी नालियाँ की ढकी हुई हैं, पक्की
ईंटों का प्रयोग किया गया है|
नगर में चालीस फुट लम्बा ओर पच्चीस
फुट चौड़ा एक महाकुंड भी है |इसकी दीवारें ओर तल पक्की ईंटों से बने हैं |
कुंड के पास आठ स्नानागार हैं | कुंड में बाहर के अशुद्ध पानी को न आने
देने का ध्यान रखा गया | कुंड में पानी की व्यवस्था के लिए कुंआ है | एक विशाल
कोठार भी है जिसमें अनाज रखा जाता था |उन्नत खेती के भी निशान दिखते हैं
-कपास, गेहूं, जौ, सरसों, बाजरा आदि के प्रमाण मिले हैं|
सिंधु घाटी सभ्यता में न तो भव्य
राजमहल मिलें हैं ओर ही भव्य मंदिर| नरेश के सर पर रखा मुकुट भी छोटा है| मुअनजो-दड़ो
सिंधु घाटी का सबसे बड़ा नगर है फिर भी इसमें भव्यता व आडम्बर का अभाव रहा है| उस
समय के लोगों ने कला ओर सुरुचि को महत्त्व दिया| नगर-नियोजन, धातु एवं पत्थर की
मूर्तियाँ, मृद-भांड ,उन पर चित्रित मानव ओर अन्य आकृतियाँ ,मुहरें, उन पर बारीकी
से की गई चित्रकारी| एक पुरातत्त्ववेत्ता के मुताबिक सिंधु सभ्यता की खूबी उसका
सौंदर्य-बोध है जो ”राजपोषित या धर्मपोषित
न होकर समाजपोषित था|”
क्रियाकलाप
पाठ का यति गति के साथ वाचन, भारत की
प्राचीन धरोहर पर परिचर्चा |
गृह कार्य –
1. सिन्धु घाटी के निवासी खेती करते थे- इस कथन को सिद्ध कीजिए।
2. ’टूटे-फूटे खण्डहर सभ्यता और संस्कृति के इतिहास के साथ-साथ धड़कती
जिन्दगियों के अनछुए समयों का दस्तावेज होते हैं।’ इस कथन का
भाव स्पष्ट कीजिए।
3. आज
जल संकट एक बड़ी समस्या है| ऐसे में सिन्धु सभ्यता के महानगर मुअनजो-दड़ो की जल व्यवस्था से क्या प्रेरणा लीजा सकती है ?
भावी जल संकट से निपटने के लिए आप क्या सुझाव देंगे ?
4. मुअनजो-दड़ोके अजायबघर में कौन-कोन
सी वस्तुएँ प्रदर्शित थीं ?
5. सिंधु सभ्यता अन्य सभ्यताओं से किस
प्रकार भिन्न है ?
6. मुअनजो-दड़ोकी
प्रमुख विशेषताएँ लिखिए ।
7. सिंधुघाटी की सभ्यता लो-प्रोफाइल है-स्पष्ट कीजिए ?
8. लेखक ने प्राचीन लैंडस्केप किसे
कहा है ?उसकी क्या विशेषता है?
9. ताम्रकाल के दो सबसे बड़े नियोजित
शहर किन्हें माना गया है और क्यों ?
शिक्षक का नाम –
पद –
हस्ताक्षर
प्राचार्य
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