पाठ योजना
कक्षा
– बारह्बीं
विषय- हिंदी
पाठ- ऊषा
समयावधि
–
पाठ
का संक्षिप्त परिचय –
उषा कविता में सूर्योदय से
पूर्व आकाश मंडल में जो रंगों का जादू उपस्थित होता हैं, उसका
सुन्दर वर्णन किया गया है।
सूर्योदय के पूर्व
प्रातःकालीन आकाश नीले शंख की तरह बहुत नीला था।
भोरकालीन नभ की तुलना काली
सिल से किया गया है जिसे अभी तक केसर से पीसकर धो दिया गया है।
कभी कवि को वह राख से लीपे
चौके के समान लगता है,
जो अभी गीला पड़ा है।
नीले गगन में सूर्य की पहली
किरण ऐसी दिखाई देती है मानो कोई सुंदरी नीले जल में नहा रही हो और उसका गोरा शरीर
जल की लहरों के साथ झिलमिला रहा हों।
क्रियाकलाप
कविता का सस्वर वाचन, भावार्थ समझना, प्रश्नोत्तरी
|
गृह कार्य –
शिक्षक का नाम –
पद –
हस्ताक्षर
प्राचार्य
Comments
Post a Comment