इकाई पाठ – योजना
कक्षा – बारहवीं
पुस्तक – आरोह (भाग-२)
विषय-वस्तु
– कविता
प्रकरण –
‘ छोटा मेरा खेत ’
शिक्षण- उद्देश्य :-
(क)
ज्ञानात्मक –
(१)
मनुष्य-मात्र के स्वभाव
एवं व्यवहार की जानकारी देना।
(२)
कवि-कर्म की तुलना कृषि-कर्म से करना।
(३)
साहित्य के अमरत्व का बोध कराना।
(४)
नए शब्दों के अर्थ समझकर अपने शब्द- भंडार में वृद्धि करना।
(५)
साहित्य के पद्य –विधा ( कविता) की जानकारी
देना।
(६)
छात्रों को हिन्दी के साहित्यकारों के
बारे में जानकारी देना।
(७)
नैतिक मूल्यों की ओर प्रेरित करना।
(८)
प्राकॄतिक सौंदर्य की अनुभूति कराना।
(ख)
कौशलात्मक -
(१)
स्वयं कविता लिखने की योग्यता
का विकास करना।
(२) पाठ
में वर्णित कवि-कर्म
एवं कृषि-कर्म के बारे में जानकारी प्राप्त
करना।
(ग)
बोधात्मक –
(१)
साहित्यकार उमाशंकर जोशी
के काव्यात्मक दृष्टिकोण को समझने का प्रयास करना।
(२)
रचनाकार के उद्देश्य को स्पष्ट करना।
(३)
कविता में वर्णित महत्त्वपूर्ण जीवन
मूल्यों की सूची बनाना।
(४)
समाज में जीवन के प्रति स्वस्थ दॄष्टिकोण
का विकास करना।
(घ)
प्रयोगात्मक –
(१)
कविता की बातों को अपने दैनिक जीवन के संदर्भ में जोड़कर देखना।
(२)
कवि-कर्म तथा कृषि-कर्म के बारे में ज्ञान प्राप्त
करना ।
(३)
कविता का भावार्थ अपने शब्दों में लिखना।
सहायक
शिक्षण
– सामग्री:-
(१)
चाक , डस्टर आदि।
(२)
पावर प्वाइंट के माध्यम से पाठ की प्रस्तुति।
पूर्व
ज्ञान:-
(१)
सामाजिक जीवन और उसकी मुश्किलों का ज्ञान
है।
(२)
साहित्य के अमरत्व गुण से परिचित हैं।
(३)
कविता - रचना का ज्ञान है।
(४)
साहित्यिक-भाषा की थोड़ी-बहुत जानकारी है।
(५)
मानवीय स्वभाव की जानकारी है।
(६)
कृष-कर्म से परिचित हैं।
प्रस्तावना – प्रश्न :-
(१)
बच्चो! आपके परिवार
में या आस-पड़ोस में कोई कवि या लेखक हैं ?
(२)
क्या आप कवि-कर्म तथा
कृषि-कर्म के बारे में कुछ जानते हैं?
(३)
मनुष्य की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए।
(४)
क्या आप साहित्य को अमर मानते हैं ?
(५)
यदि आपने कभी कोई कविता या लेख लिखा हो तो उसकी पृष्ठभूमि
के बारे में बताइए।
उद्देश्य
कथन
:-
बच्चो! आज हम प्रसिद्ध कवि उमाशंकर जोशी
के द्वारा रचित कविता ‘ छोटा मेरा खेत ’ का अध्ययन करेंगे।
पाठ
की इकाइयाँ—
प्रथम अन्विति— ( छोटा मेरा……………हुआ विशेष । )
·
खेत
की तुलना कागज़ से।
· रसायन रूपी कल्पना
।
· बीजों का गलना
और शब्दों के अंकुर फूटना।
· पौधों का पल्लवित
और पुष्पित होना।
द्वितीय अन्विति
: ( झूमने लगे फल…….खेत चौकोना ।
)
·
भावों
का फल के रूप में पकना।
·
अलौकिक
रस,सौंदर्य की उत्पत्ति।
·
कटाई
रूपी रस का अनुभव करना ।
·
कविता
रस का अक्षय पात्र है।
शिक्षण
विधि
:-
क्रमांक
|
अध्यापक - क्रिया
|
छात्र - क्रिया
|
१.
|
कविता का सारांश
:- ‘ छोटा मेरा खेत ’ कविता
में कवि ने रूपक मे माध्यम से अपने कवि-कर्म को कृषक के समान बताया है। किसान अपने
खेत में बीज बोता है। बीज अंकुरित होकर पौधा बनता है, फिर पुष्पित-पल्लवित हिकर जब
परिपक्वत को प्राप्त होता है; तब उसकी कटाई होती है। यह अन्न जनता का पेट भरता है।
कवि कागज़ को अपना खेत
मानता है। किसी क्षण आई भावनात्मक आँधी में वह इस कागज़ पर बीज-वपन करता है। कल्पना
का आश्रय पाकर भाव विकसित होता है। यही बीज का अंकुरण है। शब्दों के अंकुर निकलते
ही कृति ( रचना ) स्वरुप ग्रहण करने लगती है। इस अंकुरन से प्रस्फुटित हुई रचना में
अलौकिक रस होता है जि अनंत काल तक पाठक को अपने में डुबाए रहता है। कवि ऐसी खेती
करता है जिसकी कविता का रस कभी समाप्त नहीं होता।
|
कविता को ध्यानपूर्वक
सुनना और समझने का प्रयास करना। आधुनिकता की भावना को आत्मसात करते हुए वर्तमान
जीवन से प्रेरणा प्राप्त करना।
|
२.
|
कवि
परिचय :- उमाशंकर
जोशी का जन्म सन् १९११ में गुजरात में हुआ। उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं – विश्व शांति,
गंगोत्री, निशीथ, प्राचीना, आतिथ्य, वसंत वर्षा, महाप्रस्थान, अभिज्ञा(एकांकी); सापनाभरा,
शहीद(कहानी); श्रावनी मेणो, विसामो(उपन्यास); पारंकाजण्या(निबंध); गोष्ठी, उघाड़ीबारी,
क्लांतकवि, म्हारासॉनेट, स्वप्नप्रयाण(संपादन)।
बीसवीं
सदी की गुजराती कविता और साहित्य को नयी भंगिमा और नया स्वर देनेवाले उमाशंकर जोशी
का साहित्यिक अवदान पूरे भारतीय साहित्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। उनको परंपरा का
ज्ञान था।
|
कवि
के बारे में दी गई जानकारी को अभ्यास-पुस्तिका में लिखना।
|
३.
|
शिक्षक
के द्वारा कविता
का उच्च स्वर में पठन करना।
|
उच्चारण
एवं पठन
– शैली को ध्यान से सुनना।
|
४.
|
कविता
के पदों की व्याख्या करना।
|
कविता
को हॄदयंगम करने की क्षमता को विकसित करने के लिए कविता को ध्यान से सुनना। कविता से संबधित अपनी जिज्ञासाओं
का निराकरण करना।
|
५.
|
कठिन
शब्दों के अर्थ
:-
अंधड़
– आँधी का तेज़ झोंका / नि:शेष – पूरी तरह / नमित – झुका हुआ / अलौकिक – दिव्य, अद्भुत
/ अक्षय – कभी न नष्ट होने वाला / पात्र - बर्तन
|
शब्दार्थ
अभ्यास-पुस्तिका में लिखना।
|
६.
|
छात्रों
द्वारा पठित पदों में होने वाले उच्चारण संबधी अशुद्धियों को दूर करना।
|
छात्रों
द्वारा पठन।
|
७.
|
कविता
में आए व्याकरण का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना।
·
भाषिक प्रतीक / बिंब
·
पंक्तियों का अर्थ - सौंदर्य
|
व्याकरण
के इन अंगों के नियम,
प्रयोग एवं उदाहरण को अभ्यास-पुस्तिका में लिखना।
|
गृह – कार्य :-
(१)
पाठ का सही उच्चारण के साथ उच्च स्वर मेँ
पठन करना।
(२)
पाठ के प्रश्न – अभ्यास करना।
(३)
पाठ की प्रमुख सूचनाओं की संक्षेप में
सूची तैयार करना।
(४)
पाठ में आए कठिन शब्दों का अपने वाक्यों
में प्रयोग करना।
परियोजना
कार्य
:-
(१)
प्राकृतिक सौंदर्य से संबंधित कोई एक कविता की रचना
कीजिए।
(२)
कविता के दृश्य पर आधारित एक चित्र बनाइए।
मूल्यांकन :-
निम्न
विधियों से मूल्यांकन किया जाएगा :-
१.
पाठ्य-पुस्तक के बोधात्मक
प्रश्न—
Ø छोटे चौकोने खेत
को कागज़ का पन्ना कहने में क्या अर्थ निहित है ?
Ø रस का अक्षयपात्र
से कवि ने रचनाकर्म की किन विशेषताओंकी ओर इंगित किया है ?
Ø रचना के संदर्भ
में अंधड़ और बीज क्या हैं ?
२.
इकाई परीक्षाएँ
३.
गृह – कार्य
४.
परियोजना कार्य
विषय शिक्षक के हस्ताक्षर प्राचार्य
के हस्ताक्षर
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